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दुग्ध व्यवसाय में युवाओं की रुचि नहीं, आंचल डेयरी को मिले सिर्फ 41 आवेदन

सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के बाद भी युवा दुग्ध व्यवसाय में अपनी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. रुद्रप्रयाग जनपद से जहां आंचल डेयरी को दुग्ध व्यवसाय से जुड़ने के लिए सिर्फ 22 आवेदन मिले हैं, जबकि पौड़ी से सिर्फ 19 लोगों ने रुचि दिखाई है.

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Published : Oct 30, 2020, 11:02 AM IST

श्रीनगर: लॉकडाउन के दौरान लौटे प्रवासी बेरोजगार हैं, लेकिन सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के बाद भी युवा दुग्ध व्यवसाय में अपनी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. रुद्रप्रयाग जनपद से जहां आंचल डेयरी को दुग्ध व्यवसाय से जुड़ने के लिए 22 आवेदन मिले हैं. वहीं पौड़ी जनपद में 19 लोगों ने ही पशु पालन में अपनी रुचि दिखाई है. जबकि दोनों जनपदों में हजारों प्रवासी अपने घर लौटे हैं.

दुग्ध व्यवसाय में रुचि नहीं दिखा रहे युवा.

योजना के तहत अगर कोई प्रवासी गाय पालन और दुग्ध व्यवसाय से जुड़ना चाहता है तो सरकार ऐसे बेरोजगार युवकों को 3 गायों को खरीदने के लिए 2 लाख से अधिक ऋण दे रही है. इसके अलावा 5 गायों के लिए चार लाख का ऋण दिया जा रहा है, जिसमें सब्सिडी भी शामिल है. इस ऋण को बैंक द्वारा दिया जाएगा, जिसमें गायों के बीमे का भी प्रावधान है. साथ में गौशाला निर्माण भी है.

गायों का बीमा गाय की खरीद के साथ ही शुरू हो जाता है. गायों के लाने ले जाने का खर्च भी सरकार ऋण के जरिये ही दे रही है. इसके साथ मैदानी इलाकों के लिए मिल्क पार्लर के लिए भी सरकार 2 लाख का ऋण दे रही है, जिसमें 20 प्रतिशत अनुदान भी है. मिल्क पार्लर खोलने के बाद व्यक्ति को 1 लाख 60 हजार रुपये ही वापस करने होंगे.

पढ़ें- BHEL कॉलेजों और छात्रावासों में लगाएगा सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन

आंचल डेयरी के प्रधान प्रबंधक हरि सिंह ने बताया कि अब तक आये आवेदकों में से 5 लोगों को तीन गायें दी जा चुकी हैं. साथ में 3 लोगों के ऋण बैंक से मंजूर हुए हैं, जबकि मिल्क बूथ के लिए 5 लोगों ने आवेदन किया है. जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी.

श्रीनगर: लॉकडाउन के दौरान लौटे प्रवासी बेरोजगार हैं, लेकिन सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के बाद भी युवा दुग्ध व्यवसाय में अपनी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. रुद्रप्रयाग जनपद से जहां आंचल डेयरी को दुग्ध व्यवसाय से जुड़ने के लिए 22 आवेदन मिले हैं. वहीं पौड़ी जनपद में 19 लोगों ने ही पशु पालन में अपनी रुचि दिखाई है. जबकि दोनों जनपदों में हजारों प्रवासी अपने घर लौटे हैं.

दुग्ध व्यवसाय में रुचि नहीं दिखा रहे युवा.

योजना के तहत अगर कोई प्रवासी गाय पालन और दुग्ध व्यवसाय से जुड़ना चाहता है तो सरकार ऐसे बेरोजगार युवकों को 3 गायों को खरीदने के लिए 2 लाख से अधिक ऋण दे रही है. इसके अलावा 5 गायों के लिए चार लाख का ऋण दिया जा रहा है, जिसमें सब्सिडी भी शामिल है. इस ऋण को बैंक द्वारा दिया जाएगा, जिसमें गायों के बीमे का भी प्रावधान है. साथ में गौशाला निर्माण भी है.

गायों का बीमा गाय की खरीद के साथ ही शुरू हो जाता है. गायों के लाने ले जाने का खर्च भी सरकार ऋण के जरिये ही दे रही है. इसके साथ मैदानी इलाकों के लिए मिल्क पार्लर के लिए भी सरकार 2 लाख का ऋण दे रही है, जिसमें 20 प्रतिशत अनुदान भी है. मिल्क पार्लर खोलने के बाद व्यक्ति को 1 लाख 60 हजार रुपये ही वापस करने होंगे.

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आंचल डेयरी के प्रधान प्रबंधक हरि सिंह ने बताया कि अब तक आये आवेदकों में से 5 लोगों को तीन गायें दी जा चुकी हैं. साथ में 3 लोगों के ऋण बैंक से मंजूर हुए हैं, जबकि मिल्क बूथ के लिए 5 लोगों ने आवेदन किया है. जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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