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पौड़ी में मछली पालन से मिला रोजगार, 128 फिश टैंक हैं तैयार - fish tank in pauri news

सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने का हर प्रयास कर रही है. इसी के तहत पौड़ी जिले में फिश टैंक बनाए जा रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले मत्स्य विभाग ने इस साल तीन गुना ज्यादा फिश टैंक बनाए हैं.

fisheries in pauri
मत्स्य पालन से मिला रोजगार.
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Published : Dec 19, 2020, 7:41 AM IST

पौड़ी: मत्स्य विभाग पौड़ी की ओर से युवाओं को मछली पालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करते हुए उन्हें इसकी जानकारी दी जा रही है. मछली पालन की जानकारी से युवा और किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं.

पिछले साल के मुकाबले इस साल काफी बेहतर कार्य हुआ है. पिछले साल विभाग की ओर से 40 फिश टैंक बनाए गए थे. इस बार करीब 128 फिश टैंक बनकर तैयार हो गए हैं. आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मत्स्य विभाग पौड़ी की ओर से काफी तीव्रता के साथ इस बार कार्य किया गया है.

वहीं मत्स्य विभाग के प्रभारी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन होने के चलते बहुत से युवा अपने गांव वापस लौटे हैं और मत्स्य पालन की मदद से उन्हें घर पर ही अच्छा रोजगार दिया जा रहा है. वहीं इस बार विभाग की ओर से कम्यूनिटी फार्मिंग के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि उन्हें अपने घर पर ही रह कर अच्छी आमदनी मिल सके और वह अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बन सकें.

यह भी पढ़ें-वन विभाग की 'गोली' से गश्त, न महकमे को फिक्र न प्रशासन को चिंता

मत्स्य विभाग पौड़ी की ओर से जनपद के किसानों को मछली पालन के क्षेत्र में काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिसका परिणाम है कि इस बार जनपद में किसान मत्स्य पालन के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं. साथ ही काफी अच्छी आमदनी भी कर रहे हैं.

मत्स्य विभाग के जनपदीय प्रभारी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि साल 2019 में विभाग की ओर से 40 फिश टैंक बनाए गए थे. इस साल 128 फिश टैंक उनकी ओर से बना लिए गए हैं. वित्तीय वर्ष समाप्त होने तक करीब 180 फिश टैंक बना लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से लगातार किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह कम्यूनिटी फार्मिंग करें ताकि सभी किसान एकजुट होकर विस्तृत रूप से कार्य कर सकें.

विभाग के प्रभारी ने बताया कि जनपद पौड़ी के यमकेश्वर, रिखणीखाल और थलीसैण में सर्वाधिक मत्स्य पालन किया जा रहा है. पौड़ी से सतपुली जाने वाले मार्ग पर भी विभिन्न गांवों के ग्रामीण इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं जिससे कि वह काफी अच्छी आमदनी भी कर रहे हैं. वहीं रिखणीखाल के रहने वाले किसान बताते हैं कि विभाग की ओर से उन्हें काफी प्रोत्साहित किया गया है. चंद समय में ही उन्हें इसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है. उनके क्षेत्र में लोग मछली पालन का कार्य कर रहे हैं और विभाग की ओर से भी समय-समय पर उनकी मदद की जाती है जिससे उन्हें मछली पालन में काफी सहायता मिल रही है.

पौड़ी: मत्स्य विभाग पौड़ी की ओर से युवाओं को मछली पालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करते हुए उन्हें इसकी जानकारी दी जा रही है. मछली पालन की जानकारी से युवा और किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं.

पिछले साल के मुकाबले इस साल काफी बेहतर कार्य हुआ है. पिछले साल विभाग की ओर से 40 फिश टैंक बनाए गए थे. इस बार करीब 128 फिश टैंक बनकर तैयार हो गए हैं. आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मत्स्य विभाग पौड़ी की ओर से काफी तीव्रता के साथ इस बार कार्य किया गया है.

वहीं मत्स्य विभाग के प्रभारी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन होने के चलते बहुत से युवा अपने गांव वापस लौटे हैं और मत्स्य पालन की मदद से उन्हें घर पर ही अच्छा रोजगार दिया जा रहा है. वहीं इस बार विभाग की ओर से कम्यूनिटी फार्मिंग के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि उन्हें अपने घर पर ही रह कर अच्छी आमदनी मिल सके और वह अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बन सकें.

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मत्स्य विभाग पौड़ी की ओर से जनपद के किसानों को मछली पालन के क्षेत्र में काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिसका परिणाम है कि इस बार जनपद में किसान मत्स्य पालन के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं. साथ ही काफी अच्छी आमदनी भी कर रहे हैं.

मत्स्य विभाग के जनपदीय प्रभारी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि साल 2019 में विभाग की ओर से 40 फिश टैंक बनाए गए थे. इस साल 128 फिश टैंक उनकी ओर से बना लिए गए हैं. वित्तीय वर्ष समाप्त होने तक करीब 180 फिश टैंक बना लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से लगातार किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह कम्यूनिटी फार्मिंग करें ताकि सभी किसान एकजुट होकर विस्तृत रूप से कार्य कर सकें.

विभाग के प्रभारी ने बताया कि जनपद पौड़ी के यमकेश्वर, रिखणीखाल और थलीसैण में सर्वाधिक मत्स्य पालन किया जा रहा है. पौड़ी से सतपुली जाने वाले मार्ग पर भी विभिन्न गांवों के ग्रामीण इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं जिससे कि वह काफी अच्छी आमदनी भी कर रहे हैं. वहीं रिखणीखाल के रहने वाले किसान बताते हैं कि विभाग की ओर से उन्हें काफी प्रोत्साहित किया गया है. चंद समय में ही उन्हें इसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है. उनके क्षेत्र में लोग मछली पालन का कार्य कर रहे हैं और विभाग की ओर से भी समय-समय पर उनकी मदद की जाती है जिससे उन्हें मछली पालन में काफी सहायता मिल रही है.

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