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महिलाओं के लिए बनाया गया 'वन स्टॉप सेंटर', घरेलू हिंसा जैसे मामलों में तुरंत मिलेगा न्याय - स्वास्थ्य विभाग

पौड़ी में वन स्टॉप सेंटर का निर्माण किया गया है. जिसमें महिला सशक्तिकरण को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसके तहत महिलाओं को उनके अधिकारों को लेकर जानकारी दी गई.

pauri
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Published : Nov 25, 2019, 1:07 PM IST

पौड़ी: पहाड़ी क्षेत्रों में महिलाओं को अपराध और घरेलू हिंसा से निजात दिलाने के लिए 'वन स्टॉप सेंटर' बनाया गया है. जिसके तहत पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने मिलकर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें महिलाओं और बच्चियों के उत्पीड़न को लेकर बने नियमों और कानूनों की जानकारी दी गई.

जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर का निर्माण किया गया है. जिसके माध्यम से किसी भी पीड़ित को त्वरित न्याय मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि किसी भी विभाग में महिला के साथ उत्पीड़न करने का प्रयास किया जाता है तो उसके लिए प्रत्येक विभाग में एक कमेटी का गठन किया गया है जोकि इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला को न्याय दिलाने का काम करेगी.

महिलाओं के लिए संजीवनी साबित होगा वन स्टॉप सेंटर.

पढ़ें- दून में जल्द बनेगा जाट अतिथि भवन, सीएम त्रिवेंद्र ने किया शिलान्यास

जितेंद्र कुमार ने बताया कि महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के कानून बनाए गए हैं, लेकिन उन्हें जानकारी नहीं होती है. घटना में बाद वे पुलिस के पास जाती हैं और पुलिस के पास त्वरित कार्यवाही के लिए कोई प्रावधान नहीं है. जिसको देखते हुए सभी विभाग मिलकर महिलाओं को कम समय में न्याय दिलाने के लिए काम करेंगे.

पौड़ी: पहाड़ी क्षेत्रों में महिलाओं को अपराध और घरेलू हिंसा से निजात दिलाने के लिए 'वन स्टॉप सेंटर' बनाया गया है. जिसके तहत पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने मिलकर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें महिलाओं और बच्चियों के उत्पीड़न को लेकर बने नियमों और कानूनों की जानकारी दी गई.

जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर का निर्माण किया गया है. जिसके माध्यम से किसी भी पीड़ित को त्वरित न्याय मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि किसी भी विभाग में महिला के साथ उत्पीड़न करने का प्रयास किया जाता है तो उसके लिए प्रत्येक विभाग में एक कमेटी का गठन किया गया है जोकि इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला को न्याय दिलाने का काम करेगी.

महिलाओं के लिए संजीवनी साबित होगा वन स्टॉप सेंटर.

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जितेंद्र कुमार ने बताया कि महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के कानून बनाए गए हैं, लेकिन उन्हें जानकारी नहीं होती है. घटना में बाद वे पुलिस के पास जाती हैं और पुलिस के पास त्वरित कार्यवाही के लिए कोई प्रावधान नहीं है. जिसको देखते हुए सभी विभाग मिलकर महिलाओं को कम समय में न्याय दिलाने के लिए काम करेंगे.

Intro:हमारे समाज में आज महिलाओं को सशक्त करने और उनकी सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के नियम व कानून बनाए गए हैं ताकि महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का कोई उत्पीड़न ना हो सके। पौड़ी में महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न और उन्हें न्याय दिलाने के लिए विभाग आपस में समन्वय बनाकर महिलाओं को कम समय में न्याय दिलाएंगे जिसके लिए एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था जिसमें कि स्वास्थ्य विभाग पुलिस विभाग और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास ने मिलकर सभी को जागरूक करते हुए बताया कि आज महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के कानून बनाए गए हैं लेकिन उन्हें जानकारी नहीं होती है और पहली घटना में ही वह पुलिस के पास जाती है और पुलिस के पास त्वरित कार्यवाही के लिए कोई प्रावधान नहीं है जिसको देखते हुए सभी विभाग मिलकर महिलाओं को कम समय में न्याय दिलाने के लिए काम करेंगे।


Body:जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि आज पुलिस विभाग स्वास्थ्य विभाग और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास ने मिलकर एक जागरूक कार्यक्रम का आयोजन किया गया इसमें की महिलाओं और बच्चियों के उत्पीड़न को लेकर बने नियमों और कानूनों की जानकारी दी गई उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर महिला शक्ति केंद्र आदि का निर्माण किया गया है उन्होंने बताया कि किसी भी विभाग में महिला के साथ उत्पीड़न करने का प्रयास किया जाता है तो उसके लिए प्रत्येक विभाग में एक कमेटी का गठन किया गया है जोकि इस मामले में तुरंत कार्यवाही करते हुए महिला को न्याय दिलाने का काम करेगी।


Conclusion:पीड़ित महिलाओं, बच्चियों के लिए स्वास्थ्य विभाग पुलिस विभाग और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास में नियम बनाए गए हैं और महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सभी विभाग आपस में समन्वय कर जल्द से जल्द उन्हें न्याय दिलाने पर कार्य करेंगे अक्सर देखने को मिलता है कि महिलाएं न्याय के लिए सीधा पुलिस के पास जाती है और वहाँ त्वरित न्याय व्यवस्था नही है जबकि महिला सशक्तिकरण विभाग के पास ऐसी व्यवस्था है। उनका प्रयास रहेगा कि किसी भी महिलाओं को न्याय के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा और सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर जल्द से जल्द महिलाओं को न्याय दिलाने का काम करेंगे ताकि हमारे समाज में महिलाओं को सशक्त करते हुए उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया जा सके।
बाईट-जितेंद्र कुमार(ज़िला कार्यक्रम अधिकारी)
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