श्रीनगर: खिर्सू ब्लॉक के धरी गांव में गुलदार के मारे जाने के बाद भी आसपास के इलाकों में दहशत अभी भी कायम है. घास काटने गई गांव की महिलाओं को जंगल में गुलदार दिखाई पड़ा है. साथ ही खोला गांव में भी गुलदार ने एक मवेशी पर हमला किया है. जिससे ग्रामीणों में वन विभाग को लेकर आक्रोश बना हुआ है.
बाहर जाने से कतराते हैं ग्रामीण: ग्रामीणों का कहना है कि अभी भी इस इलाके में गुलदारों की सक्रियता है. जिससे ग्रामीण गांव से बाहर निकलने में डर रहे हैं. ऐसे में वन विभाग कहता है कि उनके द्वारा धरी गांव में एक गुलदार को मार दिया गया है, लेकिन इलाके में गुलदार अभी भी सक्रिय है. उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि गांव में गुलदार को मारा गया है. किसी भी ग्रामीण को भी गुलदार का शव नहीं दिखाया गया है.
गुलदार पर वन विभाग की पैनी नजर: वन विभाग के रेंजर ललित सिंह नेगी ने बताया कि ढिकाल गांव में अभी भी विभाग की 12 सदस्यीय टीम मौजूद है. ग्रामीणों को डरने की आवश्कता नहीं है. चप्पे चप्पे पर वन विभाग गुलदार पर नजर बनाए हुए है.
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5 सितंबर को आइसा पर गुलदार ने किया था हमला: गौर हो कि 5 सितंबर को ढिकाल गांव में तीन साल की आइसा पर स्कूल से लौटते समय गुलदार ने हमला कर दिया था. इसी बीच दादी ने गुलदार से बच्ची को बचाने की कोशिश भी की थी, लेकिन वह नाकम रहीं. घटना में आइसा की जान चले जाने के बाद इलाके में वन विभाग ने तीन टीमें गठित की थी. सोमवार देर रात वन विभाग की टीम पर गुलदार का हमला हुआ, तो विभाग के शूटर ने हवा में फायर किए. जिसमें मादा गुलदार की मौत हो गई थी.
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