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कीर्तिनगर में आवारा पशुओं का आतंक, ग्रामीणों ने SDM कार्यालय घेरा - कीर्तिनगर के ग्रामीणों ने घेरा एसडीएम कार्यालय

टिहरी के कीर्तिनगर विकासखंड में इन दिनों आवारा पशुओं का आतंक बना हुआ है. आवारा पशु ग्रामीणों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय का घेराव करते हुए आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की है.

Stray cattle terror in Kirtinagar
कीर्तिनगर में आवारा पशुओं का आतंक
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Published : Jun 24, 2022, 11:39 AM IST

श्रीनगर/टिहरीः कीर्तिनगर विकासखंड के अंतर्गत बगवान भल्लेगांव में आवारा पशुओं से हो रही समस्याओं से स्थानीय लोग परेशान हैं. समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय ग्रामीण गुरुवार को तहसील पहुंचे. जहां उन्होंने कीर्तिनगर एसडीएम कार्यालय का घेराव करते हुए आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की.

इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि श्रीनगर व कीर्तिनगर क्षेत्र से आवारा पशुओं को बगवान में छोड़ा जा रहा है. इससे उनकी खेती बर्बाद हो रही है. उन्होंने कहा कि इस समस्या के कारण वह धान की रोपाई भी नहीं कर पा रहे हैं. इससे उनकी खेती बंजर होने की कगार पर है. गुरुवार को तहसील पहुंचे आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि पिछले कई सालों से वह इस समस्या से गुजर रहे हैं. लेकिन इस बार आवारा पशु बड़ी संख्या में उनकी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. इससे उनकी सारी खेती चौपट हो गई है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में अनाथ बच्चों का बनेगा आयुष्मान कार्ड, उच्चाधिकारी करेंगे मरीजों से स्वास्थ्य संवाद

ग्राम प्रधान नरेश प्रसाद कोठियाल ने कहा कि आवारा पशुओं की समस्या के चलते ग्रामीण इस बार धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने सिंचाई विभाग द्वारा गांव की गूल के रखरखाव में बरती जा रही लापरवाही पर भी रोष जताया. साथ ही उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगम द्वारा ग्रामीणों के बिल समय पर नहीं भेजे जाते हैं. इससे उन्हें बड़ी दिक्कतें हो रही हैं.

श्रीनगर/टिहरीः कीर्तिनगर विकासखंड के अंतर्गत बगवान भल्लेगांव में आवारा पशुओं से हो रही समस्याओं से स्थानीय लोग परेशान हैं. समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय ग्रामीण गुरुवार को तहसील पहुंचे. जहां उन्होंने कीर्तिनगर एसडीएम कार्यालय का घेराव करते हुए आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की.

इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि श्रीनगर व कीर्तिनगर क्षेत्र से आवारा पशुओं को बगवान में छोड़ा जा रहा है. इससे उनकी खेती बर्बाद हो रही है. उन्होंने कहा कि इस समस्या के कारण वह धान की रोपाई भी नहीं कर पा रहे हैं. इससे उनकी खेती बंजर होने की कगार पर है. गुरुवार को तहसील पहुंचे आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि पिछले कई सालों से वह इस समस्या से गुजर रहे हैं. लेकिन इस बार आवारा पशु बड़ी संख्या में उनकी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. इससे उनकी सारी खेती चौपट हो गई है.
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ग्राम प्रधान नरेश प्रसाद कोठियाल ने कहा कि आवारा पशुओं की समस्या के चलते ग्रामीण इस बार धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने सिंचाई विभाग द्वारा गांव की गूल के रखरखाव में बरती जा रही लापरवाही पर भी रोष जताया. साथ ही उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगम द्वारा ग्रामीणों के बिल समय पर नहीं भेजे जाते हैं. इससे उन्हें बड़ी दिक्कतें हो रही हैं.

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