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पहाड़ के खूबसूरत ऐता गांव पर मंडरा रहा खतरा, सरकार की उदासीनता से ग्रामीण परेशान - त्रिवेंद्र सरकार

दुगड्डा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 534 के किनारे बसा छोटा सा गांव ऐता अपनी खूबसूरती और खेती के लिए अलग पहचान बनाए रखता है. लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते गांव कभी भी नदी में समा सकता है.

सरकार की बेरुखी से गांव पर मंडरा रहा खतरा
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Published : Aug 26, 2019, 7:13 PM IST

कोटद्वार: उत्तराखंड में जहां सरकार टूरिस्ट के लिए नई डेस्टिनेशन तलाश रही है. प्रदेश में अन्य जगहों की तरह ऐता गांव भी टूरिस्ट प्लेस के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है. गांव की सबसे खास बात ये है कि इस गांव में कभी पलायन नहीं हुआ. मूलभूत सुविधाएं भरपूर हैं. खेत हरे-भरे नजर आते हैं. लेकिन, खोह नदी के किनारे पर बसे ऐता गांव पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

सरकार की बेरुखी से गांव पर मंडरा रहा खतरा


सरकार से सुरक्षा की आस लगाए लोग विधायक से लेकर स्थानीय प्रशासन तक से गुहार लगा चुके हैं. वर्तमान स्थिति ये है कि अगर सुरक्षा के लिए जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो ग्रामीणों की जान खतरे में आ सकती है. बीते 25 से 30 सालों में खोह नदी ने गांव की करीब 100 मीटर खेती को अपने तेज बहाव में लील लिया है. नदी के तेज बहाव से गांव पर भी खतरा मंडरा रहा है.

पढ़ेंः कालसी-चकराता मोटरमार्ग पर ये पहाड़ी बनी लोगों के लिए मुसीबत, आए दिन आ रहा मलबा


मामले में सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गांव से हो रहे भूमि कटान का मामला संज्ञान में है. विभाग के अधिशासी अभियंता सुबोध मैठाणी का कहना है कि गांव की सुरक्षा के लिए तीन बार प्रस्ताव भेजा जा चुका है. धनराशि मिलने के बाद काम शुरू किया जाएगा.

कोटद्वार: उत्तराखंड में जहां सरकार टूरिस्ट के लिए नई डेस्टिनेशन तलाश रही है. प्रदेश में अन्य जगहों की तरह ऐता गांव भी टूरिस्ट प्लेस के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है. गांव की सबसे खास बात ये है कि इस गांव में कभी पलायन नहीं हुआ. मूलभूत सुविधाएं भरपूर हैं. खेत हरे-भरे नजर आते हैं. लेकिन, खोह नदी के किनारे पर बसे ऐता गांव पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

सरकार की बेरुखी से गांव पर मंडरा रहा खतरा


सरकार से सुरक्षा की आस लगाए लोग विधायक से लेकर स्थानीय प्रशासन तक से गुहार लगा चुके हैं. वर्तमान स्थिति ये है कि अगर सुरक्षा के लिए जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो ग्रामीणों की जान खतरे में आ सकती है. बीते 25 से 30 सालों में खोह नदी ने गांव की करीब 100 मीटर खेती को अपने तेज बहाव में लील लिया है. नदी के तेज बहाव से गांव पर भी खतरा मंडरा रहा है.

पढ़ेंः कालसी-चकराता मोटरमार्ग पर ये पहाड़ी बनी लोगों के लिए मुसीबत, आए दिन आ रहा मलबा


मामले में सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गांव से हो रहे भूमि कटान का मामला संज्ञान में है. विभाग के अधिशासी अभियंता सुबोध मैठाणी का कहना है कि गांव की सुरक्षा के लिए तीन बार प्रस्ताव भेजा जा चुका है. धनराशि मिलने के बाद काम शुरू किया जाएगा.

Intro:summary दुगड्डा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 534 के किनारे बसा छोटा सा गांव आता अपनी खूबसूरती और खेती के लिए अलग पहचान बनाए रखता है लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते या गांव कभी भी नदी में समा सकता है।

intro उत्तराखंड में जहां सरकार टूरिस्ट के लिए नई डेस्टिनेसन तलाश रही है तो वही ऐता गांव अब टूरिस्ट पैलेस के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है, ऐता गांव की सबसे खास बात यह है कि इस गांव में पूर्व से लेकर अब तक कभी पलायन नहीं हुआ है, गांव में मूलभूत सुविधाएं पूर्ण है, साथ ही खूब खेती भी होती है लेकिन बीते कुछ सालों से गांव की हरियाली पर किसी की नजर सी लग गई है, ऐता गांव खोह नदी के किनारे पर बसा है जिसके चलते ही बरसात होने पर नदी के उफान से गांव के खेतों का कटान होता जा रहा है बीते 25 से 30 सालों में खोह नदी ने गांव की 100 मीटर लगभग खेती को अपने तेज बहाव में बहा ले जा चुकी है, साथ ही नदी के बहाव से गांव पर भी खतरा मंडरा रहा है।

बाइट राजेन्द्र सिंह नेगी ग्रामीण

बाइट उमा देवी ग्रामीण


Body:वीओ1- सरकार की बेरुखी की मार झेल रहे ऐता गांव का असितत्व वर्तमान में खतरे में है, सरकार से सुरक्षा की आस लगाए लोगों को डर सता रहा है कि कहीं नदी के तेज बहाव में पूरा गांव ना समा जाय, कई बार स्थानीय लोगों ने विधायक से लेकर स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन गांव वासियों की किसी ने ना सुनी, वर्तमान में स्थिति ऐसा है कि अगर सरकार शीघ्र सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो ग्रामीणों की जान खतरे में फंस सकती है।


वीओ2- सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना कि गांव से हो रहे भूमि कटान का मामला संज्ञान में विभाग के अधिशासी अभियंता सुबोध में ठानी का कहना है कि गांव की सुरक्षा के लिए तीन बार प्रस्ताव भेजा जा चुका है धनराशि मिलने के बाद ही काम शुरू किया जा सकता है।

बाइट सुबोध मैठाणी अधिशासी अभियंता सिचाई विभाग दुगड्डा

बाइट सीरियल से लगी है।


Conclusion:
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