श्रीनगर: उत्तरांखड के एक मात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय में बायोमैट्रिक व्यवस्था सुचारू करना आसान होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है. टीचर्स जहां बायोमैट्रिक को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं तो कर्मियों ने भी इसे लेकर मोर्चा खोल चुके हैं. कर्मियों ने कहा अगर बायोमेट्रिक को लेकर सभी के साथ एक जैसे नियम फॉलो नही होंगे तो कंर्मी भी बायोमैट्रिक व्यवस्था का विरोध करेंगे.
बता दें गढ़वाल केंद्रीय विवि में छात्र लंबे समय से बायोमैट्रिक व्यवस्था लागू करने की मांग उठा चुके हैं. इस सम्बंध में कई बार विवि ओर छात्र एक दूसरे के सामने आ चुके हैं. हालिया परिस्थितियों को देखते हुए ये व्यवस्था विवि में लागू होते हुए नहीं दिखाई पड़ रही है. इसके उलट विवि प्रशासन ने विवि में 6 बायोमैट्रिक मशीन लगा भी दी है.
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गढ़वाल विवि के छात्र संघ अध्यक्ष सुधांशु थपलियाल ने कहा छात्र संघ सहित छात्र लंबे समय से बायोमैट्रिक व्यवस्था लागू करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों की मांग के बाद विवि इस व्यवस्था को लागू नहीं कर पाया है. उन्होंने कहा छात्रों को अध्यापको के बजाय पीएचडी छात्र पढ़ा रहे हैं. ऐसे में छात्रों का नुकसान हो रहा है. इसी के चलते बायोमैट्रिक व्यवस्था लागू करने की मांग की जा रही है. छात्र संघ उपाध्यक्ष रूपेश नेगी ने कहा अध्यापक क्लास नहीं पढ़ाते हैं. जिससे छात्र परेशान हैं.
उतराखंड कर्मचारी महासंघ प्रदेश अध्यक्ष और विवि कर्मी मनोज रतूड़ी ने कहा कर्मी बायोमैट्रिक व्यवस्था में सहयोग करने के लिए तैयार हैं. इस व्यवस्था को सभी अध्यापकों सहित विवि के अधिकारियों पर भी लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा विवि टीचिंग एसोसिएशन के सचिव डॉक्टर आरएस फर्त्याल ने कहा किसी भी केन्द्रीय विवि में अध्यापकों के लिए बायोमैट्रिक व्यवस्था नहीं है. इसके साथ साथ विवि अध्यापकों की 5 डे कार्य की व्यवस्था लागू नहीं कर रहा है. अध्यापकों की अन्य मांगे भी नहीं मानी जा रही है. उन्होंने कहा विवि के अध्यापक सुबह से लेकर देर शाम तक लैब्स में रहते हैं. उनके लिए बायोमैट्रिक लगाना सम्भव नहीं होगा. विवि के कुलसचिव धीरज शर्मा ने कहा अध्यापकों ने अपना डाटा अभी तक नहीं दिया है. कर्मी बायोमैट्रिक लगा रहे हैं. विवि में 6 मशीन लगाई गई हैं.