श्रीनगर: टिहरी और पौड़ी जिले को आपस में जोड़ने वाला सिंगटाली मोटर पुल डेढ़ दशक बीतने के बाद भी अब तक नहीं बन पाया है. इस कारण लोगों में आक्रोश है. आक्रोशित लोगों और राजनीतिक दलों ने अब इस मामले को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है. उत्तराखंड क्रांति दल ने मामले में कार्रवाई न होने पर चारधाम यात्रा प्रभावित करने का ऐलान किया है. साथ ही आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है.
उत्तराखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष अर्जुन नेगी ने पौड़ी मुख्यालय पहुंचकर अपर जिलाधिकारी इला गिरि से मुलाकात की. जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि सिंगटली मोटर पुल का निर्माण न होने पर वे ऋषिकेश बदरीनाथ मार्ग से गुजरने वाली चारधाम यात्रा को शुरू होते ही प्रभावित कर देंगे. क्रांति दल ने सरकार को स्पष्ट कहा कि सिंगटाली मोटर पुल के न बनने से क्षेत्र की जनता में शासन और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है.
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बता दें 2006 में सिंगटाली मोटर पुल को स्वीकृति मिली थी. जिसके बाद अब तक भी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. ऐसे में क्षेत्रीय जनता की आवाज उठाने के लिए अब उत्तराखंड क्रांति दल ने अपर जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपनी रणनीति स्पष्ट की है. स्थानीय निवासी भरत लाल ने बताया कि अगर पुल बन जाता तो इससे आने जाने वाले ग्रामीणों को दिक्कतें नहीं होंगी. लोगों का आना जाना आसान होगा. अपर जिलाधिकारी इला गिरि ने बताया कि जल्द ही कोई ठोस कदम पुल निर्माण के लिए उठाए जायेंगे. उन्होंने कहा सम्बधित विभाग को इस बारे में अवगत कराने के लिये पत्राचार किया जाएगा. ग्रामीणों की समस्या को जल्द से जल्द सुलझा दिया जाएगा.
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सिंगटाली पुल का इतिहास: जनपद टिहरी गढ़वाल के कौड़ियाला और जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर प्रखंड को जोड़ने वाले इस पुल के निर्माण का शासनादेश तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की सरकार में हुआ. 30 अगस्त 2006 को कौड़ियाला व्यास घाट मोटर मार्ग और सिंगटाली मोटर पुल निर्माण के लिए 1579.80 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई. उसके बाद वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने इस योजना का भूमि पूजन किया. उसके बाद से अब तक इस मोटर पुल का काम कछुआ गति से चल रहा है. सिंगटाली ब्रिज श्रीनगर लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनाया जा रहा है.