ETV Bharat / state

दो भाइयों को विदेश से खींच लाई अपने गांव की याद, बंजर भूमि पर उगा रहे अनाज - पौड़ी हिंदी समाचार

जामलाखाल के रहने वाले अजय पवार दुबई की टेलीकॉम कंपनी में जबकि, हरीश कतर में अच्छे पद पर नौकरी कर रहे थे. वहीं, दोनों वापस आकर लोगों अब उन्नत खेती से रूबरू करा रहें हैं.

दो भाइयों को विदेश से खींच लाई अपने गांव की याद
author img

By

Published : Nov 1, 2019, 3:40 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 3:14 PM IST

पौड़ी: नगर के जामलाखाल के रहने वाले दो भाई हरीश और अजय पवार जो कि पिछले कई सालों से बाहर नौकरी कर रहे थे. इस दौरान उन्हें अपने गांव का खयाल आया तो वो वापस लौट आये. जिसके बाद दोनों भाइयों ने आधुनिक रूप से कृषि की शुरुआत की और वर्तमान में काफी अच्छे स्तर पर कृषि कर रहे हैं.

गौर हो कि जामलाखाल के रहने वाले अजय पवार दुबई की टेलीकॉम कंपनी में जबकि, हरीश कतर में अच्छे पद पर नौकरी कर रहे थे. वहीं, लंबे अंतराल के बाद दोनो को एहसास हुआ कि क्यों न दोबारा गांव में जाकर कृषि को उन्नत बनाया जाए, साथ ही पलायन की समस्या पर भी अंकुश लगाया जाये, इसी सोच के साथ दोनो अपने गांव वापस आ गए. जिसके बाद दोनो भाइयों ने आधुनिक रूप से खेती की शुरुआत की. वहीं दोनो भाइयों द्वारा स्थानीय लोगों को भी आधुनिक खेती से रूबरू किया जा रहा है.

दो भाइयों को विदेश से खींच लाई अपने गांव की याद

दोनों भाइयों ने बताया कि, पौड़ी से करीब 30 किलोमीटर दूर जसपुर गांव जो की पूरी तरह से खाली हो गया था और काफी लोग इस गांव से पलायन कर चुके थे. तभी दोनो भाइयों ने इस गांव को गोद लिया और अब यहां बंजर पड़े खेतों की मरम्मत कर सब्जी और दाल उगाया जा रहा है, उन्होंने बताया कि जल्द ही पूरे क्षेत्र की बंजर जमीनों की मरम्मत कर खेती की जाएगी, जिससे जो आस-पास गांव वीरान हो गए हैं, उन्हें फिर से आबाद किया जा सके.

पौड़ी: नगर के जामलाखाल के रहने वाले दो भाई हरीश और अजय पवार जो कि पिछले कई सालों से बाहर नौकरी कर रहे थे. इस दौरान उन्हें अपने गांव का खयाल आया तो वो वापस लौट आये. जिसके बाद दोनों भाइयों ने आधुनिक रूप से कृषि की शुरुआत की और वर्तमान में काफी अच्छे स्तर पर कृषि कर रहे हैं.

गौर हो कि जामलाखाल के रहने वाले अजय पवार दुबई की टेलीकॉम कंपनी में जबकि, हरीश कतर में अच्छे पद पर नौकरी कर रहे थे. वहीं, लंबे अंतराल के बाद दोनो को एहसास हुआ कि क्यों न दोबारा गांव में जाकर कृषि को उन्नत बनाया जाए, साथ ही पलायन की समस्या पर भी अंकुश लगाया जाये, इसी सोच के साथ दोनो अपने गांव वापस आ गए. जिसके बाद दोनो भाइयों ने आधुनिक रूप से खेती की शुरुआत की. वहीं दोनो भाइयों द्वारा स्थानीय लोगों को भी आधुनिक खेती से रूबरू किया जा रहा है.

दो भाइयों को विदेश से खींच लाई अपने गांव की याद

दोनों भाइयों ने बताया कि, पौड़ी से करीब 30 किलोमीटर दूर जसपुर गांव जो की पूरी तरह से खाली हो गया था और काफी लोग इस गांव से पलायन कर चुके थे. तभी दोनो भाइयों ने इस गांव को गोद लिया और अब यहां बंजर पड़े खेतों की मरम्मत कर सब्जी और दाल उगाया जा रहा है, उन्होंने बताया कि जल्द ही पूरे क्षेत्र की बंजर जमीनों की मरम्मत कर खेती की जाएगी, जिससे जो आस-पास गांव वीरान हो गए हैं, उन्हें फिर से आबाद किया जा सके.

Intro:पौड़ी के जामलाखाल के रहने वाले दो भाई हरीश और अजय पवार जो कि साल 2009 से बाहर नौकरी कर रहे थे और लंबे समय तक बाहर नौकरी करने के बाद पहाड़ की पीड़ा और गांव का प्यार उन्हें वापस गांव ले आया। साल 2017 में अपने गांव आकर दोनों भाइयों ने आधुनिक रूप से कृषि की शुरुआत की और आज काफी अच्छे स्तर पर कृषि कर रहे हैं सभी प्रकार की सब्जियां और दाल उगाकर पौड़ी और श्रीनगर के बाजार में बेची जा रही हैं जिससे काफी अच्छी आमदनी उन्हें प्राप्त हो रही है। इस काम में उनके साथ 15 से 20 लोगों को भी रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाहर नौकरी करने के बाद भी उन्हें काफी अच्छा पैसा मिलता था लेकिन गांव का प्यार और पलायन का दर्द उन्हें गांव ले आया। खाली हो रहे गांव और पलायन को रोकने के लिए वह वापस आए हैं और जो गांव धीमे-धीमे खाली होते जा रहे हैं वहां भी आधुनिक रूप से खेती कर गांव को दोबारा से आबाद करेंगे।


Body:जामलाखाल के रहने वाले अजय पवार दुबई में टेलीकॉम कंपनी में जबकि हरीश कतर में नौकरी करते थे। लंबे समय तक नौकरी करने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि दोबारा से गांव में जाकर कृषि की मदद से खाली होते हो रहे गांव को रोका जा सकता है और उनके क्षेत्र में पलायन बढ़ रहा है उस पर भी काफी हद तक अंकुश लग सकता है। साल 2017 में अपने गांव वापस आकर दोनों भाइयों ने आधुनिक रूप से कृषि की शुरुआत की जिसके बाद यहां से उगने वाली दाल और सब्जियों को पौड़ी और श्रीनगर बेचा जा रहा है जिससे काफी अच्छी आमदनी दोनों भाई कमा रहे हैं। इसके साथ ही गांवों में रहने वाले लोगों को भी आधुनिक खेती की जानकारी देकर उन्हें भी मजबूत करने का काम किया जा रहा है।


Conclusion:दोनों भाइयों ने बताया कि अपने गांव जामलाखाल में आधुनिक रूप से खेती करने के बाद पौड़ी से करीबन 30 किलोमीटर दूर जसपुर गांव जो की पूरी तरह से खाली हो गया था और सभी लोग बाहर बस गए थे इस गांव को गोद लेकर यहां पर बंजर पड़े खेतों को खोद कर यहां पर सब्जी और दाल उगाने का काम किया जा रहा है। जल्द ही पूरे क्षेत्र में बंजर जमीन पर खेती की जाएगी ताकि आसपास के जो गांव वीरान हो गए हैं उन्हें आबाद करने का काम किया जाए और जो लोग बाहर शहरों में कम कीमत पर नौकरी करने को मजबूर हैं अपने गांव में आकर अपने खेतों पर कृषि कल अच्छी आमदनी कमाए और पहाड़ों से हो रहे पलायन पर अंकुश लगाने में मदद करें। इस काम मे करीब 15 से 20 लोग उनके साथ जुड़े हैं और उन सब लोगों को गांव में रहकर ही रोजगार देकर अच्छी आमदनी दी जा रही है।
Last Updated : Nov 5, 2019, 3:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.