श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में उत्तराखंड के छात्रों को 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आज मंगलवार 29 अगस्त को गुस्साए गढ़वाल विवि के छात्रों ने देश के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सीयूईटी और यूजीसी का पुतला नेशनल हाईवे-58 पर लगाया और वहीं पर धरना भी दिया.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि जब तक गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में प्रदेश के छात्रों को 50 प्रतिशत तक आरक्षण नहीं दिया जाता है, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और वे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पुतला भी नहीं हटाएंगे. इस दौरान छात्रों ने गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत का भी जमकर विरोध किया.
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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्थानीय सांसद छात्रों की समस्याओं को केंद्र सरकार तक पहुंचाने में विफल रहे हैं, जिसका खामियाजा उन्हें आने वाले चुनावों में उठाना पड़ सकता है. बता दें कि तीनों छात्र संगठन एनएसयूआई, एबीवीपी और जय हो ने इस मामले पर सरकार के खिलाफ हल्लाबोल कर रखा है.
छात्रों का कहना है वो बीते एक हफ्ते से आंदोलन कर रहे है, लेकिन न तो सरकार और न ही विश्वविद्यालय की तरफ से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया दी गई, जिससे छात्रों को आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. गढ़वाल विवि के छात्र कैवल्य जखमोला, सुधांशु थपलियाल और वीरेंद्र बिष्ट ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, उनका धरना जारी रहेगा.
वहीं, इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि उनके सामने छात्रों ने अपनी तीन सूत्रीय मांग रखी हैं. सीयूईटी की लापरवाही के चलते आज उत्तराखंड का छात्र अपने ही प्रदेश में एडमिशन लेने से वंचित हो गया. विश्वविद्यालय समेत महाविद्यायलों में 50 प्रतिशत सीट खाली जा रही हैं, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ रहा है.