श्रीनगर गढ़वाल: पुलिस ने आज एक बड़ी सफलता हासिल की है. कल्यासौड़ चौकी के पास चेकिंग के दौरान दो बड़े वन तस्करों को गिरफ्तार (police arrested two forest smugglers) किया है. दोनों के पास से 211 किलो कुटकी बरामद की गई है. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1 करोड़ 41 लाख रुपये आंकी गई है. इनके पास से कुटकी के 16 कट्टे बरामद किए गए हैं, जिसे ये लक्जरी कार में ले जाकर दिल्ली में बेचने की फिराक में थे.
पुलिस के मुताबिक, दो आरोपी सफारी गाड़ी से कुटकी तस्करी कर ले जा रहे थे. जिसका नंबर हरिद्वार का है. पकड़े गए दोनों तस्कर अंकित चौधरी और गौरव कुमार उत्तरप्रदेश सहारनपुर जनपद के रहने वाले हैं. इन दोनों की उम्र 28 साल है. फिलहाल, पुलिस दोनों तस्करों के अन्य आपराधिक मामलों की भी जांच कर रही है और अन्य थानों से भी उनके बारे में डिटेलिंग निकाली जा रही है.
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सीओ श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल (CO Srinagar Shyam Dutt Nautiyal) ने बताया कि जिस टीम ने इन दोनों वन तस्करों को पकड़ा है. उन्हें एसएसपी पौड़ी ने 5 हजार रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है. दोनों आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जल्द दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. साथ ही जिन लोगों ने इन्हें कुटकी बेची है, उनके संबंध में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है.
क्या होती है कुटकी: कुटकी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक खास पौधा है, जिसमें अनेक प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक गुण भी पाए जाते हैं. कुटकी के पत्तों, तने और जड़ का इस्तेमाल आयुर्वेद में हजारों सालों से दवाएं बनाने के लिए किया जा रहा है. साथ ही कई घरेलू नुस्खों के रूप में भी कुटकी का इस्तेमाल किया जाता है. इस पौधे का अंग्रेजी व वैज्ञानिक नाम पैनिकम एंटीडोटेल (Panicum antidotale) है और आजकल मार्केट में कुटकी व उससे बने कई प्रोडक्ट आसानी से मिल जाते हैं.
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कुटकी के फायदे: कुटकी में अनेक प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं. खांसी को दूर करने में कुटकी लाभदायक है. कुटकी में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो बलगम को पतला बना देते हैं. पतली बलगम खांसी के साथ बाहर निकल जाती है और धीरे-धीरे खांसी का जड़ से इलाज हो जाता है. सूखी खांसी का इलाज करने में भी कुटकी काफी प्रभावी हो सकती है.
कुटकी में कई रोगाणुरोधी गुण पाए जाते हैं, जिसकी मदद से मुंह में दुर्गंध व अन्य बीमारियां फैलाने वाले रोगाणुओं को नष्ट किया जा सकता है. कुटकी का सेवन करने से दांत संबंधी समस्याएं होने का खतरा भी काफी कम हो जाता है. जिन लोगों को पेट संबंधी समस्याएं हैं, उनके लिए भी कुटकी का इस्तेमाल करना काफी लाभदायक हो सकता है. कुटकी में मौजूद कुछ खास तत्व पाचन क्रिया को तेज करने में भी मदद करते हैं.
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कुटकी में कुछ ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो शरीर में जाकर एंटीपायरेटिक के रूप में प्रभाव छोड़ते हैं. जिन लोगों को बार-बार हल्का बुखार हो जाता है, उनके लिए कुटकी का इस्तेमाल करना काफी लाभदायक हो सकता है. हालांकि, कुटकी से प्राप्त होने वाले उपरोक्त लाभ आमतौर पर प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों पर आधारित हैं और हर व्यक्ति के शरीर के अनुसार इसका प्रभाव अलग-अलग हो सकता है.