श्रीनगर: देवलगढ़ स्थित प्रसिद्ध मां राजराजेश्वरी सिद्धपीठ मंदिर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण ना तो भक्त माता को भोग लगा पा रहे हैं और नहीं दर्शन कर पा रहे हैं. मंदिर के कपाट कोरोना की वजह से बंद हैं. लंबे इंतजार के बाद अब मंदिर के पुजारी ने मंदिर के कपाट भक्तों के लिये शीतकालीन नवरात्रि में खोलने का निणर्य लिया है.
पुजारी कुंजिका प्रसाद ने बताया है कि नवरात्रि में माता के दर्शन के लिए जो भी श्रद्धालु पहुंचेंगे. उन्हें कोरोना की गाइडलाइन का पालन करना होगा, तभी वे मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे. नवरात्रि में भक्त माता के दर्शन दूर से ही कर सकेंगे. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
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प्रसिद्ध मां राजराजेश्वरी सिद्धपीठ मंदिर में विगत वर्षों में नवरात्रि में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था. मान्यता है कि मां राजराजेश्वरी सिद्धपीठ में सच्चे मन से उपासना करने पर भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. जहां स्थानीय लोगों के साथ ही दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
लेकिन इस बार कोरोना के कारण मंदिर बंद होने से श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. वहीं मां राजेश्वरी को गढ़वाल के राजा अजयपाल की कुलदेवी माना जाता है. इतिहासकारों के मुताबिक गढ़वाल नरेश अजयपाल सन 1512 में चंदपुरगढ़ी से अपनी राजधानी को स्थानांतरित करके देवलगढ़ क्षेत्र ले आये थे, तभी से इस गढ़ नरेश और राजपूतों की कुलदेवी राजराजेश्वरी को ही माना जाता हैं. यहां माता की अखंड जोत सालों से जलती आ रही है.