श्रीनगर: धारी देवी मंदिर में मां भगवती की मूर्ति को नए मंदिर में स्थापित करने से पूर्व 5 दिन की विशेष पूजा अर्चना की जा रही है. 22 ब्राह्मण इस पूजा विधि को संपन्न करेंगे. इस दौरान मंदिर में 28 जनवरी को भक्तों के लिए विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा.
धारी देवी मंदिर में हो रही इस विशेष पूजा अर्चना के बारे में मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया साल 2013 में जब धारी देवी की मूर्ति को शिफ्ट किया गया था. तब 16 जून की विनाशकारी आपदा आ गई थी. जिसके चलते इस बार 5 दिन की विशेष पूजा की जा रही है.
मंदिर के मुख्य पुजारी लक्ष्मी प्रसाद पांडेय ने बताया मां धारी देवी को प्रकृति की देवी कहा जाता है. इस बार मूर्ति को शिफ्ट करने से पूर्व शांति पाठ, रुद्र पाठ और चंडी पाठ किया जा रहा है. इसके साथ साथ नागराजा पूजा, विष्णु सहस्त्र पूजा भी जा रही है. जिससे मूर्ति को नए मंदिर में शिफ्ट किया जा सके. वहीं, मां धारी देवी मूर्ति को नए मंदिर में शिफ्ट करने के मामले में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा पूर्व में उनके द्वारा मंदिर को शिफ्ट करने को लेकर विरोध किया गया. तब लोगों ने उनका विरोध किया. मंदिर शिफ्ट करने का विरोध करने वाले लोगों के मुंह में कालिख तक लगा दी गई थी. ऐसे में अब वे इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहते.
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कहते हैं कि मां धारी के मंदिर को साल 2013 में तोड़ दिया गया था. उनकी मूर्ति को उनके मूल स्थान से हटा दिया गया था. इसी वजह से उस साल उत्तराखंड में भयानक बाढ़ आई थी, जिसमें हजारों लोग मारे गए. माना जाता है कि धारी देवी की प्रतिमा को 16 जून 2013 की शाम को हटाया गया. उसके कुछ ही घंटों बाद राज्य में आपदा आई थी. बाद में उसी जगह पर फिर से मंदिर का निर्माण कराया गया. अब 28 जनवरी को नए मंदिर में धारी देवी की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा.