श्रीनगर: पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल और उसके आस-पास के क्षेत्रों में पिछले तीन दिन से आग धधक रही है. शुक्रवार देर शाम आग खंडूखाल स्थित पावर स्टेशन तक पहुंच चुकी थी, जिसे बड़ी मुश्किल से वन विभाग और पावर स्टेशन के कर्मियों ने बुझाया. ऐसे ही हालात श्रीनगर के ग्लास हाउस, ऐंठाना, गंगा दर्शन, बैंड, एसएसबी फायर रेंज में भी हैं. आग धीरे-धीरे आवासीय बस्तियों तक पहुंच रही है. नतीजा ये है कि लोग डर के साये में रात काट रहे हैं. वनाग्नि की इन घटनाओं में अभी तक 6.70 हेक्टेयर वन संपदा नष्ट हो चुकी है. श्रीनगर में 6 जगहों पर वनाग्नि की घटना रिकॉर्ड की गई थी.
स्थानीय निवासी ओम प्रकाश रावत का कहना है कि जंगलों में आग लगने के कारण आवासीय बस्तियों के आस-पास रहने वाले लोग डरे हुए हैं. आग से उमस भी बढ़ गई है. सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. पूरे इलाके को धुएं ने अपने कब्जे में ले लिया है. स्थानीय निवासी गणेश भट्ट का कहना है कि जंगलों में आग लगाने वाले लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए. आग लगने के कारण पहाड़ों का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.
वहीं श्रीनगर वन क्षेत्र के रेंजर राजेंद्र कुकरेती का कहना है कि उन्हें जहां भी आग लगने की सूचना मिल रही है, वहां तुरंत आग को रोकने की कोशिश की जा रही है. लेकिन उनके पास कर्मियों का भारी टोटा है. फिर भी कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति आग लगाते हुए पकड़ा गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
कर्मियों का टोटा : श्रीनगर वन विभाग 1525.302 हेक्टेयर फॉरेस्ट एरिया की देख रेख करता है. इस रेंज में 152 वन पंचायतें आती हैं. जिसमें 6 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं. इनमें 9 कर्मचारी पर्मानेंट हैं जबकि 22 फायर वाचर कार्यरत हैं. इन सभी फायर वाचर को फायर सीजन के 3 माह के दौरान नियुक्ति दी जाती है. इन क्रू स्टेशन में देहलचौरी में 2 कर्मी, श्रीनगर में 5, श्रीकोट खंडा में 5, घुड़दौड़ी में 3, देवलगढ़ में 3, दत्ता खेत में 3 कर्मी कार्यरत हैं. इन्हीं कर्मियों के भरोसे 152 वन पंचायतें हैं.
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