श्रीनगर: मां धारी देवी की मूर्ति शिफ्टिंग को एक बार फिर टाल दिया गया है. कल यानि 6 अप्रैल को मां धारी की मूर्ति शिफ्ट की जानी थी. मंदिर के पुजारियों का कहना है कि अब मां धारी की मूर्ति को मई माह में नए मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा.
वहीं, मां धारी की मूर्ति की शिफ्टिंग को टालने के पीछे जो वजहें सामने आ रही है. एक तो अभी नया मंदिर धारी देवी न्यास को हैंडओवर नहीं किया है. वहीं, मंदिर न्यास को हैंडओवर होने के बाद ही मां भगवती धारी देवी की मूर्ति को नए मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा.
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इसके साथ मंदिर के एक पिलर पर हल्की दरारें दिखाई पड़ रही है. मंदिर के पुल के एक पिल्लर की मिट्टी भी धीरे-धीरे अपना स्थान सड़ रही हैं. ऐसे में मंदिर के पुजारियों का कहना है कि जब कभी अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ता है तो मंदिर और उसके पुल में कंपन शुरू हो जाता है. जिससे नदी के जलस्तर बढ़ने पर मंदिर को हमेशा खतरा बना हुआ रहता है.
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मंदिर के मुख्य पुजारी लक्ष्मी प्रसाद पांडेय ने कहा कि मंदिर को धारी देवी न्यास को अभी तक हैंडओवर नहीं किया गया है. साथ में मंदिर को बरसात के दिनों में खतरा रहता है. ऐसे में मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए मूर्ति शिफ्टिंग के बारे में विचार विमर्श कर रहा है. वहीं, वो मुख्यमंत्री से भी आग्रह करते हैं कि वह अपने स्तर से मंदिर की सुरक्षा की जांच करवाएं.
बता दें कि श्रीनगर गढ़वाल इलाके में एक प्राचीन सिद्धपीठ है, जिसे 'धारी देवी' के नाम से भी जाना जाता है. इस सिद्धपीठ को 'दक्षिणी काली माता' के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि 'धारी देवी' उत्तराखंड में चारों धाम की रक्षा करती हैं. वहीं, मंदिर के बारे में कह जाता है कि रोजाना माता तीन रूप बदलती है. वह सुबह कन्या, दोपहर में युवती और शाम को वृद्धा का रूप धारण करती हैं. जिस वजह से यहां धारी देवी के प्रति आस्था रखने वाले श्रद्धालु रोजाना भारी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचते हैं.