पौड़ी: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में मृतका के परिजनों विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र सिंह रावत को नियुक्त किये जाने पर सवाल उठाए हैं. अंकिता के परिजनों का आरोप है कि सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की पैरवी के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में योग्य क्रिमिनल वकील उपलब्ध करवाया जाएगा, लेकिन सरकार ने बिना परिजनों की सहमति के विशेष लोक अभियोजक तैनात कर दिया, जिस पर परिजनों ने आपत्ति दर्ज कराई है.
इतना ही नहीं अंकिता भंडारी के परिजनों ने मांग की है कि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के नार्को टेस्ट के दौरान उनके किसी प्रतिनिधि को भी मौजूद रहने की व्यवस्था की जाए. क्योंकि पुलकित आर्य के पिता धन-बल के आधार पर कुछ भी कर सकते हैं, जो पूर्व की घटनाओं से साबित हो चुका है.
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अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी ने अपनी इन मांगों को लेकर डीएम से मुलाकात की. सोनी देवी ने डीएम के माध्मय से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भी भेजा है. अंकिता भंडारी की मां सोनी देवी का कहना है कि इस केस में किसी भी तरह का फैसला लेने से पहले उनकी सहमति जरूर ली जाए. सरकार ने बिना परिजनों की सहमति से विशेष लोक अभियोजक तैनात कर दिया. उनकी मांग है कि अंकिता भंडारी केस की सुनवाई के लिए कोर्ट में एक योग्य क्रिमिनल वकील नियुक्त किया जाए. वहीं डीएम पौड़ी आशीष चौहान ने अंकिता भंडारी की मां को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है.
बता दें कि पौड़ी जिले की रहने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी यमकेश्वर ब्लॉक क्षेत्र में स्थित वनंतरा रिसार्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिसॉर्ट बीजेपी के पूर्व नेता के बेटे पुलकित आर्य का था. पुलकित आर्य इस केस में मुख्य आरोपी है. आरोप है कि पुलकित आर्य, अंकिता भंडारी से स्पेशल सर्विस के नाम पर रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों से गलत काम करने के लिए दबाव बना रहा था. जिसके लिए अंकिता भंडारी ने साफ इनकार कर दिया था. इसी वजह से परेशान होकर अंकिता भंडारी रिसॉर्ट से नौकरी छोड़ने वाली है. इसी बात को लेकर अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच झगड़ा भी हुआ था.
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आरोप है कि पुलकित आर्य को डर था कि नौकरी छोड़ने के बाद अंकिता भंडारी उसका भंडाफोड़ देगी. इसी वजह से झगड़े के बाद पुलकित आर्य कुछ बहाने से अंकिता को अपने साथ ऋषिकेश ले गया. इस दौरान पुलकित के साथ रिसॉर्ट के अन्य कर्मचारी भी थे. आरोप है कि चीला नहर पर फिर से अंकिता भंडारी और पुलकित के बीच बहस हुई. यहां गुस्से में पुलकित ने अंकिता का चीला नहर में धक्का दे दिया, जिसके उसकी मौत हो गई. अंकिता की मौत के बाद करीब पांच दिनों तक पुलकित और उसके दोनों कर्मचारी अंकिता माता-पिता को गुमराह करते थे. हालांकि पांच दिनों जब पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया तो उन्होंने पूरा सज उगल दिया और फिर पुलिस ने उनकी निशानदेही पर चीला नहर से अंकिता लाश बरामद की है. इस समय तीनों आरोपी जेल में बंद है.