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प्रभारी प्रिंसिपल के फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामला, निरस्तीकरण के लिए भेजी गई संस्तुति

उमावि कोटागढ़ की प्रभारी प्रधानाचार्य के ओबीसी प्रमाण पत्र मामले में जांच की गई. जिसके बाद चमोली जिला प्रशासन को निरस्तीकरण के लिए संस्तुति भेजी गई है.

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प्रभारी प्रिंसिपल के फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामला
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 14, 2023, 9:57 PM IST

श्रीनगर: विकास खंड कल्जीखाल के उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय कोटागढ़ में सेवारत प्रभारी प्रधानाचार्य मायके से सामान्य जाति की हैं. उन्होंने ससुराल पक्ष से ओबीसी प्रमाण पत्र बनवाया है. जिसके आधार पर ही उन्हें नियुक्ति भी मिली है. मामले में मिली एक शिकायत पर राजस्व उपनिरीक्षक की जांच में प्रमाण पत्र को फर्जी बताया गया. तहसील पौड़ी प्रशासन का कहना है चमोली तहसील प्रशासन को प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने की जल्द ही संस्तुति भेजी जाएगी.

विकास खंड कल्जीखाल के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटागढ़ की प्रभारी प्रधानाचार्य का ओबीसी प्रमाण पत्र फर्जी होने का आरोप लगाया गया था. मामले की शिकायत कल्जीखाल ब्लॉक के पयासू गांव निवासी राजेश सिंह कोली राजा ने सितंबर माह में स्थानीय प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की थी. तहसील पौड़ी प्रशासन ने मामले की जांच राजस्व उप निरीक्षक सितोनस्यूं को सौंपी थी. राजस्व उपनिरीक्षक गजेंद्र दत्त रतूड़ी की जांच में पाया कि उक्त प्रभारी प्रधानाचार्य सितोनस्यूं पट्टी के श्रीखोन गांव की निवासी हैं. जिनका विवाह जनपद चमोली के क्षेत्रपाल गांव में हुआ. वह मायके से सामान्य जाति की हैं, लेकिन उन्हें चमोली तहसील से ससुराल पक्ष से ओबीसी प्रमाण पत्र जारी हुआ है. कहा गया है कि व्यक्ति की जाति नियमानुसार जन्म से नियत मानी जाती है. उक्त प्रभारी प्रधानाचार्य मायके से सामान्य जाति की हैं, तो उनका ससुराल पक्ष से ओबीसी प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से तैयार हुआ है. जांच में प्रभारी प्रधानाचार्य के फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी पाने को लेकर मुकदमा दर्ज किए जाने की संस्तुति की गई है.

पढे़ं- उत्तराखंड का संसद सिक्योरिटी ब्रीच कनेक्शन, 29 साल पहले भी हुआ था ऐसा ही वाक्या, जब संसद में घुसे थे राज्य आंदोलनकारी

मामले में प्रभारी प्रधानाचार्य, उमावि कोटागढ़ माधुरी पुंडीर ने कहा वर्ष 2006 में ओबीसी कोटे से मेरी नियुक्ति इस विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर हुई थी. अब निजी द्वेषभाव के चलते मेरे खिलाफ षड़यंत्र किया जा रहा है. तहसील चमोली द्वारा जारी प्रमाण पत्र को तहसील पौड़ी कैसे फर्जी बता सकता है, यह भी बड़ा सवाल है.

उमावि कोटागढ़ की प्रभारी प्रधानाचार्य के ओबीसी प्रमाण पत्र के फर्जी होने की शिकायत पर तहसील पौड़ी प्रशासन द्वारा की गई जांच में मुहर लग गई है. उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए

राजेश सिंह कोली राजा, शिकायतकर्ता

मामले में जांच रिपोर्ट की संस्तुति मिलने पर जल्द कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

अनिल नेगी, प्रबंधक उमावि कोटागढ़

शिकायतकर्ता की शिकायत की जांच में उमावि कोटागढ़ के प्रभारी प्रधानाचार्य का ओबीसी प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है. तहसील चमोली प्रशासन को मामले में जल्द ही प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने की संस्तुति भेजी जाएगी.

हरेंद्र खत्री, नायब तहसीलदार पौड़ी

श्रीनगर: विकास खंड कल्जीखाल के उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय कोटागढ़ में सेवारत प्रभारी प्रधानाचार्य मायके से सामान्य जाति की हैं. उन्होंने ससुराल पक्ष से ओबीसी प्रमाण पत्र बनवाया है. जिसके आधार पर ही उन्हें नियुक्ति भी मिली है. मामले में मिली एक शिकायत पर राजस्व उपनिरीक्षक की जांच में प्रमाण पत्र को फर्जी बताया गया. तहसील पौड़ी प्रशासन का कहना है चमोली तहसील प्रशासन को प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने की जल्द ही संस्तुति भेजी जाएगी.

विकास खंड कल्जीखाल के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटागढ़ की प्रभारी प्रधानाचार्य का ओबीसी प्रमाण पत्र फर्जी होने का आरोप लगाया गया था. मामले की शिकायत कल्जीखाल ब्लॉक के पयासू गांव निवासी राजेश सिंह कोली राजा ने सितंबर माह में स्थानीय प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की थी. तहसील पौड़ी प्रशासन ने मामले की जांच राजस्व उप निरीक्षक सितोनस्यूं को सौंपी थी. राजस्व उपनिरीक्षक गजेंद्र दत्त रतूड़ी की जांच में पाया कि उक्त प्रभारी प्रधानाचार्य सितोनस्यूं पट्टी के श्रीखोन गांव की निवासी हैं. जिनका विवाह जनपद चमोली के क्षेत्रपाल गांव में हुआ. वह मायके से सामान्य जाति की हैं, लेकिन उन्हें चमोली तहसील से ससुराल पक्ष से ओबीसी प्रमाण पत्र जारी हुआ है. कहा गया है कि व्यक्ति की जाति नियमानुसार जन्म से नियत मानी जाती है. उक्त प्रभारी प्रधानाचार्य मायके से सामान्य जाति की हैं, तो उनका ससुराल पक्ष से ओबीसी प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से तैयार हुआ है. जांच में प्रभारी प्रधानाचार्य के फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी पाने को लेकर मुकदमा दर्ज किए जाने की संस्तुति की गई है.

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मामले में प्रभारी प्रधानाचार्य, उमावि कोटागढ़ माधुरी पुंडीर ने कहा वर्ष 2006 में ओबीसी कोटे से मेरी नियुक्ति इस विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर हुई थी. अब निजी द्वेषभाव के चलते मेरे खिलाफ षड़यंत्र किया जा रहा है. तहसील चमोली द्वारा जारी प्रमाण पत्र को तहसील पौड़ी कैसे फर्जी बता सकता है, यह भी बड़ा सवाल है.

उमावि कोटागढ़ की प्रभारी प्रधानाचार्य के ओबीसी प्रमाण पत्र के फर्जी होने की शिकायत पर तहसील पौड़ी प्रशासन द्वारा की गई जांच में मुहर लग गई है. उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए

राजेश सिंह कोली राजा, शिकायतकर्ता

मामले में जांच रिपोर्ट की संस्तुति मिलने पर जल्द कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

अनिल नेगी, प्रबंधक उमावि कोटागढ़

शिकायतकर्ता की शिकायत की जांच में उमावि कोटागढ़ के प्रभारी प्रधानाचार्य का ओबीसी प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है. तहसील चमोली प्रशासन को मामले में जल्द ही प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने की संस्तुति भेजी जाएगी.

हरेंद्र खत्री, नायब तहसीलदार पौड़ी

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