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राखी ने गुलदार से बचाई भाई की जान, राष्ट्रपति से मिलेगा वीरता पुरस्कार

अपनी जान की परवाह किए बिना राखी ने गुलदार के हमले से अपने छोटे भाई की जान बचाई. राखी को उसकी बहादुरी के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

राखी
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Published : Jan 25, 2020, 9:13 PM IST

Updated : Jan 26, 2020, 8:43 AM IST

कोटद्वार: गुलदार से लड़कर अपने भाई की जान बचाने वाली राखी को उसकी बहादुरी के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. राखी को ये पुरस्कार 26 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिया जाएगा. वहीं, तीनों सेना प्रमुखों के साथ वह मंच पर चलकर आएगी और राष्ट्रपति के हाथों से पुरस्कार प्राप्त करेगी.

बता दें कि घटना पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक की 4 अक्टूबर 2019 की है, जब राखी खेत से अपनी मां शालिनी के साथ वापस अपने 4 वर्षीय भाई को कंधे में बैठाकर घर जा रही थी. तभी घात लगाए बैठे गुलदार ने उसके भाई पर हमला कर दिया था. अपनी जान की परवाह न करते हुए उसने अपने भाई को गुलदार से बचाया. जिसमें राखी बुरी तरह घायल हो गई थी.

गुलदार ने उस पर काफी जोरदार हमला किया था. जिससे राखी बेहोश हो गई साथ ही उसके सिर में फैक्चर हो गया था. शरीर पर कई जगह तेंदुए के दांत और पंजों के हमले के निशान थे ऐसी स्थिति में किसी की भी जान हलक में आ जाती, लेकिन राखी वाकई में साहस का परिचय दिया.

उस दौरान दोनों भाई-बहन को उपचार के लिए राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कराया गया. उसके बाद उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया, लेकिन वहां से भी सफदरगंज अस्पताल दिल्ली रेफर कर दिया. जहां पर उसका उपचार किया गया. राखी के पिता खेती-बाड़ी का काम करते हैं.

ये भी पढ़ें: देहरादून: गणतंत्र दिवस को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क, सघन चेकिंग अभियान जारी

बता दें कि वैसे भी ये क्षेत्र वीरांगना तीलू रौतेली के बहादुरी के किस्सों से विख्यात रहा है, अब इसमें एक और मिसाल जुड़ गई है. तीलू रौतेली की रणभूमि विकासखंड बीरोंखाल क्षेत्र में 11 साल की बालिका ने तीलू रौतेली बनकर पहाड़ में आतंक का पर्याप्त बने गुलदार से अपने कंधे पर ले जा रहे भाई राघव को बचाने में कामयाब हुई और उसने गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी गुलदार को भागने पर मजबूर कर दिया.

कोटद्वार: गुलदार से लड़कर अपने भाई की जान बचाने वाली राखी को उसकी बहादुरी के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. राखी को ये पुरस्कार 26 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिया जाएगा. वहीं, तीनों सेना प्रमुखों के साथ वह मंच पर चलकर आएगी और राष्ट्रपति के हाथों से पुरस्कार प्राप्त करेगी.

बता दें कि घटना पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक की 4 अक्टूबर 2019 की है, जब राखी खेत से अपनी मां शालिनी के साथ वापस अपने 4 वर्षीय भाई को कंधे में बैठाकर घर जा रही थी. तभी घात लगाए बैठे गुलदार ने उसके भाई पर हमला कर दिया था. अपनी जान की परवाह न करते हुए उसने अपने भाई को गुलदार से बचाया. जिसमें राखी बुरी तरह घायल हो गई थी.

गुलदार ने उस पर काफी जोरदार हमला किया था. जिससे राखी बेहोश हो गई साथ ही उसके सिर में फैक्चर हो गया था. शरीर पर कई जगह तेंदुए के दांत और पंजों के हमले के निशान थे ऐसी स्थिति में किसी की भी जान हलक में आ जाती, लेकिन राखी वाकई में साहस का परिचय दिया.

उस दौरान दोनों भाई-बहन को उपचार के लिए राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कराया गया. उसके बाद उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया, लेकिन वहां से भी सफदरगंज अस्पताल दिल्ली रेफर कर दिया. जहां पर उसका उपचार किया गया. राखी के पिता खेती-बाड़ी का काम करते हैं.

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बता दें कि वैसे भी ये क्षेत्र वीरांगना तीलू रौतेली के बहादुरी के किस्सों से विख्यात रहा है, अब इसमें एक और मिसाल जुड़ गई है. तीलू रौतेली की रणभूमि विकासखंड बीरोंखाल क्षेत्र में 11 साल की बालिका ने तीलू रौतेली बनकर पहाड़ में आतंक का पर्याप्त बने गुलदार से अपने कंधे पर ले जा रहे भाई राघव को बचाने में कामयाब हुई और उसने गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी गुलदार को भागने पर मजबूर कर दिया.

Intro:summary बीरोंखाल ब्लॉक की 11 साल की राखी मौत को सामने देखकर भी नहीं घबराई और खुद की जान जोखिम में डालकर अपने 4 वर्षीय भाई को मौत के मुंह से बचा लिया, अब कल 26 जनवरी को उसकी बहादुरी को सम्मान होने जा रहा है, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को दिल्ली में राखी को राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है, तीनों सेना प्रमुखों के साथ वह मंच पर चलकर आएगी और राष्ट्रपति के हाथों से पुरस्कार प्राप्त करेगी। intro kotdwar घटना पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक की 4 अक्टूबर 2019 की है जब राखी खेत से अपनी मां शालनी के साथ से वापस अपने भाई को कंधे में बैठा कर घर जा रही थी तभी घात लगाए बैठे गुलदार ने उसके भाई पर हमला कर दिया था, अपनी जान की परवाह न करते हुए उसने अपने भाई को गुलदार से बचाया, जिसमें राखी बुरी तरह घायल हो गई थी, बता दें कि वैसे भी यह क्षेत्र वीरांगना तीलू रौतेली के बहादुरी के किस्सों से विख्यात रहा है, अब इसमें एक और मिसाल जुड़ गई है।


Body:वीओ1- तीलू रौतेली की रणभूमि विकासखंड बीरोंखाल क्षेत्र में 11 साल की बालिका ने तीलू रौतेली बनकर पहाड़ में आतंक का पर्याप्त बने गुलदार से अपने कंधे पर ले जा रहे 4 साल के मासूम भाई राघव को बचाने में कामयाब हुई, लेकिन अपने आप बुरी तरह घायल हो गयी थी, और गुलदार को भागने पर मजबूर कर दिया, घटना पौड़ी जनपद के विकासखंड बीरोंखाल क्षेत्र के ग्राम देकुण्डाई तल्ली गांव का था, तब रखी ने भाई को बचाने के प्रयास में गंभीर रूप से घायल हो गई थी, भाई को सुरक्षित देख वह ठीक तो है उसे सही सलामत पाकर उसने राहत की सांस ली उसके बाद वह घटना से कुछ दूर पैदल चलकर गई और भाई को वहां से दूर ले जाकर पूरी तरह सुरक्षित बचाया, हालांकि फिर राखी बेहोश हो गई, क्योंकि तेंदुए ने उस पर काफी जोरदार हमला किया था, इससे उसके सिर की हड्डि में फैक्चर हो गया था, शरीर पर कई जगह तेंदुए के दांत व पंजों के हमले के निशान थे ऐसी स्थिति में किसी की भी जान हलक में आ जाती लेकिन राखी वाकई में साहस का परिचय दिया, उस दौरान दोनों भाई बहिन को उपचार के लिए राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कराया गया, जहां से 11 वर्षीय राखी की हालत गंभीर देखते हैं उसे एम्स ऋषिकेश रैफर किया गया, लेकिन वहां से भी सफदरगंज अस्पताल दिल्ली रेफर कर दिया जहां पर उसका उपचार हुवा था। राखी पुत्री दलवीर सिंह रावत माता शालनी देवी माता पिता खेती बाड़ी का काम करते है।


Conclusion:
Last Updated : Jan 26, 2020, 8:43 AM IST
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