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पुण्यतिथि पर याद आए महावीर चक्र विजेता राइफलमैन जसवंत सिंह, 1962 के युद्ध में 300 चीनी सैनिकों को किया था ढेर

Jaswant Singh hero of 1962 India China war आजाद भारत के इतिहास में भारतीय सेना का एक ऐसा योद्धा भी हुआ, जिसने अकेले 300 चीनी सैनिकों को युद्ध में मार डाला था. वाकया 1962 भारत चीन युद्ध का है. चीन द्वारा धोखे से किए गए हमले के जवाब में भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया था. उत्तराखंड के मूल निवासी राइफलमैन जसवंत सिंह अरुणाचल के सेला टॉप में तैनात थे. कहा जाता है कि नरानांग के युद्ध में 72 घंटे तक चीनी सैनिकों को कड़ा मुकाबला देते हुए जसवंत सिंह ने दुश्मन के 300 सैनिकों को अपनी गोलियों का निशाना बनाया. शहीद राइफलमैन जसवंत सिंह को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया.

Jaswant Singh hero
महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 17, 2023, 1:54 PM IST

कोटद्वार: वीर भूमि उत्तराखंड के लाल भारत चीन युद्ध के महानायक महावीर चक्र से सम्मानित अमर शहीद राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की आज 17 नवम्बर को पुण्य तिथि है. उनके पैतृक गांव दुनाव में इस मौके पर शहीद को याद करते हुए श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया.

Jaswant Singh hero of 1962 India China war
महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह की आज पुण्यतिथि है.

महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह की पुण्यतिथि: गढ़वाल राइफल के वीर जवान आज के ही दिन 17 नवम्बर को 1962 के भारत चीन युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे. उत्तराखंड के जनपद पौड़ी गढ़वाल के दुनाव ग्राम सभा के बाडेयू गांव में 19 अगस्त को जन्मे जसवंत सिंह 4 गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे. 1962 के भारत चीन युद्ध के दौरान अरुणाचल प्रदेश में नूरानांग के युद्ध में जसवंत सिंह ने अदम्य साहस का परिचय दिया था. उन्होंने अद्भुत शौर्य दिखाते हुए चीनी सेना के 300 सैनिकों को अकेले ही ढेर कर दिया था. राइफलमैन जसवंत सिंह रावत वीरगति को प्राप्त हो गए थे. उनके वीरगति को प्राप्त होने के बाद उस चौकी का नाम जसवंत चौकी रखा गया.

जसवंत सिंह की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम: सेना द्वारा राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की याद में भव्य मंदिर का निर्माण किया गया. भारत चीन युद्ध के उपरांत जसवंत सिंह की याद उनकी निशानी आज मंदिर में सुरक्षित रखे गये है‌ं. वीर शहीद राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की याद में उनके पैतृक ग्राम सभा दुनाव के खेल मैदान में तीन दिन से विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता एवं उत्तराखंड के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं.

दो मुख्यमंत्रियों की घोषणा नहीं हुई पूरी: जसवंत मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष कुलदीप रावत ने बताया कि उनकी याद में दुनाव गांव में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है. पुण्यतिथि 17 नवंबर के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्तराखंड सांस्कृतिक विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव दलीप ध्यानी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार अमर शहीद जसवंत सिंह के गांव के लिये दो-दो मुख्यमंत्रियों की घोषणाएं परवान नहीं चढ़ सकी हैं. पुण्यतिथि के अवसर पर राज्य सरकार को याद दिलाते हैं कि दुनाव गांव के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत और तीरथ सिंह रावत ने जसवंत स्मारक और स्टेडियम निर्माण की घोषणा की. लेकिन दो-दो मुख्यमंत्रियों की घोषणाओं के बावजूद काम नहीं हुआ.
ये भी पढ़ें: राइफलमैन जसवंत सिंह को दी अजय भट्ट ने श्रद्धांजलि, शहीद का पैतृक घर बनेगा म्यूजियम

कोटद्वार: वीर भूमि उत्तराखंड के लाल भारत चीन युद्ध के महानायक महावीर चक्र से सम्मानित अमर शहीद राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की आज 17 नवम्बर को पुण्य तिथि है. उनके पैतृक गांव दुनाव में इस मौके पर शहीद को याद करते हुए श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया.

Jaswant Singh hero of 1962 India China war
महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह की आज पुण्यतिथि है.

महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह की पुण्यतिथि: गढ़वाल राइफल के वीर जवान आज के ही दिन 17 नवम्बर को 1962 के भारत चीन युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे. उत्तराखंड के जनपद पौड़ी गढ़वाल के दुनाव ग्राम सभा के बाडेयू गांव में 19 अगस्त को जन्मे जसवंत सिंह 4 गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे. 1962 के भारत चीन युद्ध के दौरान अरुणाचल प्रदेश में नूरानांग के युद्ध में जसवंत सिंह ने अदम्य साहस का परिचय दिया था. उन्होंने अद्भुत शौर्य दिखाते हुए चीनी सेना के 300 सैनिकों को अकेले ही ढेर कर दिया था. राइफलमैन जसवंत सिंह रावत वीरगति को प्राप्त हो गए थे. उनके वीरगति को प्राप्त होने के बाद उस चौकी का नाम जसवंत चौकी रखा गया.

जसवंत सिंह की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम: सेना द्वारा राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की याद में भव्य मंदिर का निर्माण किया गया. भारत चीन युद्ध के उपरांत जसवंत सिंह की याद उनकी निशानी आज मंदिर में सुरक्षित रखे गये है‌ं. वीर शहीद राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की याद में उनके पैतृक ग्राम सभा दुनाव के खेल मैदान में तीन दिन से विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता एवं उत्तराखंड के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं.

दो मुख्यमंत्रियों की घोषणा नहीं हुई पूरी: जसवंत मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष कुलदीप रावत ने बताया कि उनकी याद में दुनाव गांव में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है. पुण्यतिथि 17 नवंबर के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्तराखंड सांस्कृतिक विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव दलीप ध्यानी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार अमर शहीद जसवंत सिंह के गांव के लिये दो-दो मुख्यमंत्रियों की घोषणाएं परवान नहीं चढ़ सकी हैं. पुण्यतिथि के अवसर पर राज्य सरकार को याद दिलाते हैं कि दुनाव गांव के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत और तीरथ सिंह रावत ने जसवंत स्मारक और स्टेडियम निर्माण की घोषणा की. लेकिन दो-दो मुख्यमंत्रियों की घोषणाओं के बावजूद काम नहीं हुआ.
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