पौड़ी: मातृभूमि की रक्षा के दौरान शहीद होने वाले जवानों के गांवों में राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं लागू की जाती हैं. ताकि, उनकी वीरता की कहानी सुनकर आने वाली युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिले और वह भी सेना में शामिल होकर मातृभूमि की रक्षा करें. वहीं, शहीदों के गांवों के लिए कुछ घोषणाएं धरातल पर उतरते-उतरते अपना दम तोड़ देती हैं. हम बात कर रहे हैं पौड़ी से मात्र 30 किलोमीटर दूर शहीद धर्म सिंह के गांव टंगरोली की. शहीद का गांव लंबे समय से प्रदेश सरकार की उपेक्षा का शिकार हो रहा है.
टंगरोली गांव में पेयजल की समस्या काफी पुरानी है. तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने जनता दरबार में ग्रामीणों की मांग के बाद टंगरोली को मुंडेश्वर पम्पिंग योजना से जोड़ने का आश्वासन दिया था. मुंडेश्वर पम्पिंग योजना 2 करोड़ 20 लाख की लागत से बनाई गई है और इस योजना के तहत 35 गांवों को पानी दिया जाता है. टंगरोली गांव सबसे अंतिम गांव है, जिसके चलते गांव में पानी नहीं पहुंच पाता है. वहीं, पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें डांडा नागराजा पम्पिंग योजना से पानी दिया जाए.
शहीद धर्म सिंह का गांव आज भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है. ग्रामीण पानी की समस्या को लेकर जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश सरकार तक अपनी मांग की रख चुके हैं, लेकिन आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है. वहीं, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अगर जल्द ही जिला प्रशासन और सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकाला जाता है तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना होगा.
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जिला पंचायत सदस्य संजय डबराल का कहना है कि हमारी मांग है कि वीर सपूत के गांव टंगरोली को जल्द ही डांडा नागराजा पम्पिंग योजना या फिर मुंडेश्वर पम्पिंग योजना के दायरे में लाया जाए. जिससे ग्रामीणों को हो रही पेयजल की समस्या से निजात मिल सके. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही जिलाधिकारी द्वारा कुछ ठोस कार्रवाई इस संबंध में नहीं की जाती है तो समस्त ग्रामवासी आंदोलन करने के लिए विवश हो जाएंगे. वहीं, जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गर्ब्याल ने जल्द ही टंगरोली गांव को पेयजल योजना से जोड़ने के लिए जिला प्लान से पैसा स्वीकृत करने की बात कही है.