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श्रीनगर: मल्ली प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर, अधिकारी नहीं ले रहे सुध

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Published : Aug 6, 2021, 12:23 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 1:17 PM IST

चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र के सतपुली कस्बे के मल्ली क्षेत्र का प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर हालत में है. भवन हादसे को दावत दे रहा है.

srinagar
प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर

श्रीनगर: कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद सरकार ने स्कूल खोल दिए हैं. लेकिन प्रदेश में ऐसे भी स्कूल हैं, जिनकी हालत खस्ता है. वहीं चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र के सतपुली कस्बे के मल्ली क्षेत्र का प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर हालत में है. ये भवन हादसों को दावत दे रहा है. स्कूल की छत कभी भी भर-भराकर गिर सकती है. विद्यालय प्रबंधन कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत करा चुका है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

जबकि स्कूल कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है. ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि क्षेत्र की समस्याओं के लिए जनप्रतिनिधि कितने सजग हैं. इसी विद्यालय में आंगनबाड़ी भी संचालित होती है. मजबूरन छोटे बच्चे हमेशा डर के साये में पठन-पाठन करने को मजबूर हैं.

प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर

पढ़ें- एक बार फिर उत्तराखंड दौरा कर सकते हैं दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल

वैसे इन दिनों कोरोना के चलते 16 अगस्त तक विद्यालय छात्रों के लिए तो बंद हैं. लेकिन स्कूल में अध्यापक अपने कार्यों के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं. स्कूल की प्रधानाचार्य प्रर्मिला देवी बताती हैं कि वे पिछले 10 सालों से विभाग को स्कूल के बारे अवगत करा रहे हैं, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हो पाई है. वहीं डर के साए में स्कूल संचालित करना मजबूरी है.

श्रीनगर: कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद सरकार ने स्कूल खोल दिए हैं. लेकिन प्रदेश में ऐसे भी स्कूल हैं, जिनकी हालत खस्ता है. वहीं चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र के सतपुली कस्बे के मल्ली क्षेत्र का प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर हालत में है. ये भवन हादसों को दावत दे रहा है. स्कूल की छत कभी भी भर-भराकर गिर सकती है. विद्यालय प्रबंधन कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत करा चुका है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

जबकि स्कूल कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है. ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि क्षेत्र की समस्याओं के लिए जनप्रतिनिधि कितने सजग हैं. इसी विद्यालय में आंगनबाड़ी भी संचालित होती है. मजबूरन छोटे बच्चे हमेशा डर के साये में पठन-पाठन करने को मजबूर हैं.

प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर

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वैसे इन दिनों कोरोना के चलते 16 अगस्त तक विद्यालय छात्रों के लिए तो बंद हैं. लेकिन स्कूल में अध्यापक अपने कार्यों के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं. स्कूल की प्रधानाचार्य प्रर्मिला देवी बताती हैं कि वे पिछले 10 सालों से विभाग को स्कूल के बारे अवगत करा रहे हैं, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हो पाई है. वहीं डर के साए में स्कूल संचालित करना मजबूरी है.

Last Updated : Aug 6, 2021, 1:17 PM IST
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