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श्रीनगर नगर पालिका चुनाव: कांग्रेस और बीजेपी ने कसी कमर, स्थानीय मुद्दे बिगाड़ सकते हैं समीकरण - Srinagar Garhwal

परिसीमन के विवाद के चलते श्रीनगर में पालिका चुनाव संपन्न नहीं हो पाये थे. वहीं अब हाई कोर्ट ने सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने के र्निदेश दिए हैं. जिसके बाद से भाजपा और कांग्रेस ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है.

श्रीनगर नगर पालिका चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने कसी कमर.
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Published : Jun 8, 2019, 2:03 PM IST

श्रीनगर: हाई कोर्ट ने नगर पालिका चुनाव 15 जुलाई तक कराने के निर्देश के बाद कांग्रेस और बीजेपी ने कमर कस ली है. दोनों ही दल चुनाव की रणनीति बनाने में जुट गए हैं. वहीं लोकसभा चुनावों में मिले प्रचंड बहुमत से जहां एक ओर बीजेपी कार्यकर्ताओं के चेहरे खिले हुए हैं तो वहीं कांग्रेस इस चुनाव में कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान में उतरेगी. वहीं सियासी दलों को स्थानीय मुद्दे समीकरण बदलने की भी चिंता सता रही है.

श्रीनगर नगर पालिका चुनाव.

गौर हो कि परिसीमन के विवाद के चलते श्रीनगर में पालिका चुनाव संपन्न नहीं हो पाये थे. वहीं अब हाई कोर्ट ने सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने के र्निदेश दिए हैं. जिसके बाद से भाजपा और कांग्रेस ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है. वहीं लोकसभा चुनावों में मिले प्रचंड बहुमत से जहां एक ओर बीजेपी कार्यकर्ताओं के चेहरे खिले हुए हैं. तो वहीं कांग्रेस इस चुनाव में कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान में उतरेगी. साथ ही कांग्रेस नेताओं के सामने कार्यकर्ताओं के गिरे मनोबल का बढ़ाना भी चुनौती होगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि पालिका चुनाव में एनआईटीए, शुद्व पेयजल पार्किंग, स्वास्थ्य जैसे मुद्दे हावी रहेंगे और उन्हीं मुद्दों के आधार पर वोट दिया जाएगा.

भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए श्रीनगर का किला जीतना काफी अहम है. यदि भाजपा श्रीनगर नगर पालिका सीट हारती है तो इसका असर पूरे गढ़वाल मंडल पर पड़ेगा. क्योंकि चार महीने बाद पंचायत चुनाव भी हैं. कोर्ट के आदेश के बाद श्रीनगर में सियासत बढ़ गई है. दोनों ही दलों ने अपने कार्यकर्ताओं से संपर्क तेज कर दिया है. ऐसा में देखना होगा कि इस सीट को अपने पाले में करता है. क्योंकि दोनों ही दलों की डगर आसान नहीं हैं, स्थानीय लोगों ने साफ कर दिया है कि वे स्थानीय मुद्दों पर भी वोट देंगे.

श्रीनगर: हाई कोर्ट ने नगर पालिका चुनाव 15 जुलाई तक कराने के निर्देश के बाद कांग्रेस और बीजेपी ने कमर कस ली है. दोनों ही दल चुनाव की रणनीति बनाने में जुट गए हैं. वहीं लोकसभा चुनावों में मिले प्रचंड बहुमत से जहां एक ओर बीजेपी कार्यकर्ताओं के चेहरे खिले हुए हैं तो वहीं कांग्रेस इस चुनाव में कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान में उतरेगी. वहीं सियासी दलों को स्थानीय मुद्दे समीकरण बदलने की भी चिंता सता रही है.

श्रीनगर नगर पालिका चुनाव.

गौर हो कि परिसीमन के विवाद के चलते श्रीनगर में पालिका चुनाव संपन्न नहीं हो पाये थे. वहीं अब हाई कोर्ट ने सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने के र्निदेश दिए हैं. जिसके बाद से भाजपा और कांग्रेस ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है. वहीं लोकसभा चुनावों में मिले प्रचंड बहुमत से जहां एक ओर बीजेपी कार्यकर्ताओं के चेहरे खिले हुए हैं. तो वहीं कांग्रेस इस चुनाव में कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान में उतरेगी. साथ ही कांग्रेस नेताओं के सामने कार्यकर्ताओं के गिरे मनोबल का बढ़ाना भी चुनौती होगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि पालिका चुनाव में एनआईटीए, शुद्व पेयजल पार्किंग, स्वास्थ्य जैसे मुद्दे हावी रहेंगे और उन्हीं मुद्दों के आधार पर वोट दिया जाएगा.

भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए श्रीनगर का किला जीतना काफी अहम है. यदि भाजपा श्रीनगर नगर पालिका सीट हारती है तो इसका असर पूरे गढ़वाल मंडल पर पड़ेगा. क्योंकि चार महीने बाद पंचायत चुनाव भी हैं. कोर्ट के आदेश के बाद श्रीनगर में सियासत बढ़ गई है. दोनों ही दलों ने अपने कार्यकर्ताओं से संपर्क तेज कर दिया है. ऐसा में देखना होगा कि इस सीट को अपने पाले में करता है. क्योंकि दोनों ही दलों की डगर आसान नहीं हैं, स्थानीय लोगों ने साफ कर दिया है कि वे स्थानीय मुद्दों पर भी वोट देंगे.

Intro:Body:SLUG- PAALIKA CHUNAV SRINAGAR

Date- 08/06/2019/ MOHAN/Srinagar

एंकर- श्रीनगर नगर पालिका चुनाव 15 जुलाई तक कराने के निर्देश जारी हुए है। जिसके बाद कांग्रेस व भाजपा दोनो ही इस सीट को फतह करने की तैयारी में जुट गई है। आखिर लोकसभा चुनावों में मिली जीत का फायदा भापजा को पालिका चुनाव में भी मिलेगा या स्थानीय मुद्वे समीकरण बदल सकते हैं।

वीआ 1- गढ़वाल लोकसभा सीट पर भाजपा को मिली भारी जीत क्या श्रीनगर पालिका की राह बनायेगी आसान उत्तराखण्ड में मिली ऐतिहासिक हार के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी कांग्रेस क्या स्थानीय मुद्वे करेगी बीजेपी की राह मुशकिल परिशिमन के विवाद के चलते श्रीनगर में पालिका चुनाव संपन्न नहीं हो पाये थे अब हाई कोर्ट ने सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने के र्निदेश दिए हैं। चुनाव को लेकर भापजा कांग्रेस समेत अन्य दल व निर्दलीय श्रीनगर पालिका सीट पर आखे गड़ाये बैठे है। जहां भाजपा की पांचों सीटों की जीत के उत्साह के साथ नगर पालिका चुनाव में जायेगी वहीं भारी अंतर से हार के कारण कांग्रेस कार्यक्रर्ताओं के गिरे मनोबल को लेकर चुनाव में उतरेगी।

बाइट 1- सुजीत अग्रवाल, जिला महामंत्री बीजेपी
बाइट 2- प्रवेज अहमद, पूर्व सभासद एवं कांग्रेस सेवादल राष्ट्रीय सचीव

वीआ 2- स्थानीय लोगों का कहना है कि पालिका चुनाव में एनआईटीए शुद्व पेयजल पार्कींग, स्वास्थय जैसे स्थानीय मुद्वे हावी रहेंगे और उन्ही मुद्वो को लेकर वोट दिया जायेगा। भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए श्रीनगर का किला जीतना काफी अह्म है यदि भाजपा श्रीनगर नगर पालिका सीट हारती है तो इसका असर पूरे गढवाल मण्डल पर जायेगा। क्योंकि चार महीने बाद पंचायत चुनाव भी है इसलिये श्रीनगर पालिका का चुनाव पंचायत चुनाव का एक सेमीफाइलन भी माना जायेगा। इससे दोनों दलों को पंचायत चुनाव में लहर बनाने का भी काम करेगा।

बाइट 3‘- हिमांशु अग्रवाल स्थानीय
बाइट 4- वासुदेव कंडारी, व्यापार सभा अध्यक्ष

वीआ/फाइनल- उत्तराखण्ड की पांच लोकसभा सीटों समेत गढवाल लोकसभा सीट से भाजपा का बडे अंतर से जीतना कई मायनें रखता है। आने वाले एक महीने के भीतर श्रीनगर में पालिका चुनाव होने है वहीं चार महीने बाद पंचायत चुनाव। इस सीट को जीतना भाजपा कांग्रेस दोनों के लिए जरूरी है। Conclusion:
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