श्रीनगरः राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड (एनआईटी) के पूर्व निदेशक पर मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. इसी कड़ी में कोतवाली श्रीनगर के एसएसआई संतोष पैथवाल के नेतृत्व में पुलिस की टीम एनआईटी पहुंची. यहां एलटीसी में अनियमितता संबंधित पत्रावलियों की जांच पड़ताल की. साथ ही अन्य दस्तावेजों की गहनता से जांच की. वहीं, जांच टीम कुलसचिव कार्यालय के संपर्क में भी रही.
गौर हो कि ये पूरा मामला एनआईटी उत्तराखंड में एलटीसी यानी अवकाश एवं यात्रा रियायत अनियमितता से जुड़ा है. आरोप है कि साल 2013-14 में हवाई यात्रा के टिकटों में हेर फेर किया गया. साथ ही बजट को ठिकाने लगाकर धोखाधड़ी का काम किया गया. इस मामले में सीबीआई जांच भी हो चुकी है. जिसमें 5 लोगों को जांच के दायरे में लाया गया था. मामले में सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को भेजी थी.
वहीं, शिक्षा मंत्रालय ने एनआईटी को मामले में कार्रवाई के आदेश दिए. इसके बाद एनआईटी उत्तराखंड के कार्यवाहक कुलसचिव धर्मेंद्र त्रिपाठी की शिकायत पर कोतवाली श्रीनगर में मुकदमा दर्ज किया गया. यह मुकदमा एनआईटी उत्तराखंड के पूर्व निदेशक के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420 में मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसके बाद पुलिस दस्तावेज खंगालने में जुट गई है.
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एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने ईटीवी भारत को बताया कि इस मामले में शिक्षा मंत्रालय के आदेश पर कोतवाली श्रीनगर में शिकायत दर्ज करवाई गई है. मामला साल 2013-14 का है. जिसमें सीबीआई की जांच में 5 लोगों को जांच के दायरे में लाया गया था. जिसके तहत पूर्व निदेशक के खिलाफ कोतवाली श्रीनगर में शिकायत दर्ज करवाई गई है.
ललित कुमार अवस्थी के मुताहित, एक पूर्व फैकल्टी ने संस्थान छोड़ दिया है. जिस संबंध में शिक्षा मंत्रालय को अवगत करवा दिया गया है. जबकि, दो अन्य लोगों से माइनर पेनल्टी वसूली गई है. एक अन्य के खिलाफ मेजर पेनल्टी का कार्य गतिमान है. जल्द ही उनसे भी पेनल्टी वसूली जाएगी. उन्होंने बताया कि जो भी शिक्षा मंत्रालय से निर्देश मिलेंगे, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
गौर हो कि जिनके खिलाफ जांच बैठी है, वे एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक रह चुके हैं. उन्हें साल 2011 में एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक पद की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने साल 2016 तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी. वे संस्थान के स्थायी निदेशक रहे. वहीं, अब एलटीसी अनियमितता मामले में जांच शुरू होने से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं.
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