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पौड़ी के जंगलों में सैर सपाटा बंद, पिकनिक पर भी रोक, जानिए कारण

अगर आप पौड़ी जा रहे हैं तो जंगल में सैर सपाटे और पिकनिक से दूर रहें. पौड़ी में वनाग्नि की बढ़ती घटनाएं जिला प्रशासन के लिए चिंता का कारण बन गई हैं. इसे देख डीएम ने पौड़ी के वनों में सैर सपाटे पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही पौड़ी के वनों में पिकनिक भी बंद कर दी गई है.

Picnic banned in Pauri forests
पौड़ी समाचार
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Published : May 9, 2022, 11:17 AM IST

पौड़ी: अब जंगलों में पार्टी पिकनिक व सैर सपाटा करने वालों पर जिला प्रशासन ने कड़ी नजर रखने के निर्देश दिये हैं. डीएम ने कहा कि इन सब गतिविधियों में शामिल लोग भी वनाग्नि की घटनाओं को अंदाम दे सकते हैं. लिहाजा डीएम ने वन विभाग को ऐसे लोगों पर भी नजर रखने को कहा है. साथ ही डीएम ने ऐसे लोगों की जानकारी आपदा कंट्रोल रूम व पुलिस को देने की अपील भी की है.

पौड़ी जिले के 8 वन प्रभागों में आग की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. लाख कोशिशों के बावजूद भी वनाग्नि को रोकना वन विभाग के लिए असंभव सा प्रतीत हो रहा है. पौड़ी के 8 प्रभागों में अभी तक 400 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. इनमें 700 से अधिक हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं. विभाग की ओर से करीब 20 लाख के नुकसान का आकलन किया गया है. वहीं डीएम ने सभी ग्राम प्रधान व सरपंचों से वनाग्नि की रोकथाम के लिए सामूहिक रूप से आगे आने का आह्वान किया है.

जंगलों में आग की घटनाओं में लगातार वृद्धि को देखते हुए डीएम डा. विजय कुमार जोगदंडे ने जिले के सभी ग्राम प्रधानों व सरपंचों से जंगलों में आग की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने की अपील की है. डीएम ने कहा कि जंगलों में आग लगने से अच्छी घास की पैदावार होना अपवाद है. इसे लोगों को बदलना होगा. जिलाधिकारी ने वन विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को इस अपवाद पर वैज्ञानिक जानकारियां देने के निर्देश दिये.

ये भी पढ़ें: Forest Fire: पौड़ी में वनाग्नि से 30 से 35 फीसदी फसलें 'बर्बाद'

इसके साथ ही जिला प्रशासन को डीएम ने जंगलों में सैर-सपाटा और पार्टी-पिकनिक करने वालों पर भी नकेल कसने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने ऐसा करने वालों की शिकायत आपदा कन्ट्रोल रूम नंबर 221840 व पुलिस सहायता नंबर 112 पर शिकायत करने को कहा है. गौरतलब है कि उत्तराखंड हर साल वनाग्नि से बड़ा नुकसान झेलता है. इस बार भी उत्तराखंड के वन आग से धधक रहे हैं.

पौड़ी: अब जंगलों में पार्टी पिकनिक व सैर सपाटा करने वालों पर जिला प्रशासन ने कड़ी नजर रखने के निर्देश दिये हैं. डीएम ने कहा कि इन सब गतिविधियों में शामिल लोग भी वनाग्नि की घटनाओं को अंदाम दे सकते हैं. लिहाजा डीएम ने वन विभाग को ऐसे लोगों पर भी नजर रखने को कहा है. साथ ही डीएम ने ऐसे लोगों की जानकारी आपदा कंट्रोल रूम व पुलिस को देने की अपील भी की है.

पौड़ी जिले के 8 वन प्रभागों में आग की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. लाख कोशिशों के बावजूद भी वनाग्नि को रोकना वन विभाग के लिए असंभव सा प्रतीत हो रहा है. पौड़ी के 8 प्रभागों में अभी तक 400 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. इनमें 700 से अधिक हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं. विभाग की ओर से करीब 20 लाख के नुकसान का आकलन किया गया है. वहीं डीएम ने सभी ग्राम प्रधान व सरपंचों से वनाग्नि की रोकथाम के लिए सामूहिक रूप से आगे आने का आह्वान किया है.

जंगलों में आग की घटनाओं में लगातार वृद्धि को देखते हुए डीएम डा. विजय कुमार जोगदंडे ने जिले के सभी ग्राम प्रधानों व सरपंचों से जंगलों में आग की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने की अपील की है. डीएम ने कहा कि जंगलों में आग लगने से अच्छी घास की पैदावार होना अपवाद है. इसे लोगों को बदलना होगा. जिलाधिकारी ने वन विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को इस अपवाद पर वैज्ञानिक जानकारियां देने के निर्देश दिये.

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इसके साथ ही जिला प्रशासन को डीएम ने जंगलों में सैर-सपाटा और पार्टी-पिकनिक करने वालों पर भी नकेल कसने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने ऐसा करने वालों की शिकायत आपदा कन्ट्रोल रूम नंबर 221840 व पुलिस सहायता नंबर 112 पर शिकायत करने को कहा है. गौरतलब है कि उत्तराखंड हर साल वनाग्नि से बड़ा नुकसान झेलता है. इस बार भी उत्तराखंड के वन आग से धधक रहे हैं.

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