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मौनसून को लेकर लोगों में आपदा का खौफ, एसडीएम से लगाई मदद की गुहार

कोटद्वार के वार्ड नंबर 28 के सतीचौड निंबूचौड के लोग बारिश के मौसम को लेकर अभी से खौफजदा हैं. जिसके चलते लोगों ने उपजिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई है.

मौनसून को लेकर लोगों में आपदा का खौफ.
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Published : Jun 25, 2019, 3:00 AM IST

कोटद्वार: नगर के वार्ड नंबर 28 के सतीचौड निंबूचौड के लोग मौनसून को लेकर अभी से खौफजदा हैं. जिसके चलते लोगों ने उपजिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई है. बरसात शुरू हो गई है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक नदी, नालों और गदेरों की सफाई नहीं की है. स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन से पिछले दो साल से क्षेत्र में बाढ़ आ रही है. बावजूद इसके इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

मौनसून को लेकर लोगों में आपदा का खौफ.

बता दें कि साल 2017 और 2018 में कोटद्वार के अलग-अलग क्षेत्रों में आई आपदा में कई लोगों की मौत हुई थी. इस दौरान कई लोगों के घर तबाह हो गए थे और कई लोगों के घरों के अंदर मलबा भर गया था. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. कोटद्वार में तीन नदियां खोह, मालन और सुखरो नदी बहती है. जोकि बरसात के समय उफान पर आ जाती हैं.

पढ़ें: आजादी की खबर लाने वाले अखबार को आज भी यहां पूजते हैं लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 2 साल से लगातार बाढ़ आ रही है. बावजूद इशके शासन-प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रहा है. इस समय सड़क और नालें एक स्तर पर आ चुके हैं. जिससे स्कूली बच्चों समेत आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, इस पूरे मामले में उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कोटद्वार में वर्तमान में पांच जगह पर चैनलाइज का कार्य चल रहा है. ग्वालगढ़ सुखरो नदी, पनियाली स्रोत और कई अन्य जगहों पर वन विभाग के द्वारा चैनेलाइज का काम किया जा रहा है. साथ ही कहा वन विभाग को जिलाधिकारी के माध्यम से पैसा भी दे दिया गया है.

कोटद्वार: नगर के वार्ड नंबर 28 के सतीचौड निंबूचौड के लोग मौनसून को लेकर अभी से खौफजदा हैं. जिसके चलते लोगों ने उपजिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई है. बरसात शुरू हो गई है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक नदी, नालों और गदेरों की सफाई नहीं की है. स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन से पिछले दो साल से क्षेत्र में बाढ़ आ रही है. बावजूद इसके इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

मौनसून को लेकर लोगों में आपदा का खौफ.

बता दें कि साल 2017 और 2018 में कोटद्वार के अलग-अलग क्षेत्रों में आई आपदा में कई लोगों की मौत हुई थी. इस दौरान कई लोगों के घर तबाह हो गए थे और कई लोगों के घरों के अंदर मलबा भर गया था. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. कोटद्वार में तीन नदियां खोह, मालन और सुखरो नदी बहती है. जोकि बरसात के समय उफान पर आ जाती हैं.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 2 साल से लगातार बाढ़ आ रही है. बावजूद इशके शासन-प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रहा है. इस समय सड़क और नालें एक स्तर पर आ चुके हैं. जिससे स्कूली बच्चों समेत आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, इस पूरे मामले में उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कोटद्वार में वर्तमान में पांच जगह पर चैनलाइज का कार्य चल रहा है. ग्वालगढ़ सुखरो नदी, पनियाली स्रोत और कई अन्य जगहों पर वन विभाग के द्वारा चैनेलाइज का काम किया जा रहा है. साथ ही कहा वन विभाग को जिलाधिकारी के माध्यम से पैसा भी दे दिया गया है.

Intro:summary वार्ड नंबर 28 के निवासियों ने आपदा के खौफ से उपजिलाधिकारी कोटद्वार से लगाई सुरक्षा की गुहार, विगत 2 वर्षों में कोटद्वार के कई क्षेत्रों में अति जल वृष्टि से हुवा था ख़ौफ नाक मंजर। कोटद्वार के अलग अलग छेत्रो में वर्ष 2017 में 6 लोगो की मौत व 2018 की आपदा 2 की मौत हुई थी,

intro बरसात शुरू होने से पहले ही कोटद्वार नगर क्षेत्र में लोगों को आपदा का डर सताने लगा, वार्ड नंबर 28 के सतीचौड निंबूचौड के निवासियों ने उपजिलाधिकारी से लगाई सुरक्षा की गुहार, वर्ष 2017 और 18 के आपदा में कई लोगों की जान गई थी तो कई लोगों का आशियाना उजड़ गया था खाने पीने के सामान से लेकर घरों के अंदर तक मालवा भर गया था, उस मंजर अभी तक लोगों के दिलों से दहशत गई नही है, जैसे ही आसमान में काले बादल छाते हैं तो लोगों को दिलो में 2017 और 2018 कि यादे ताजी हो जाती है, ख़ौफ के भय से लोगों ने अभी से प्रशासन से गुहार लगानी शुरू कर दी। लेकिन प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है प्रशासन झूठा आश्वासन देकर लोगों को दिलाशा दिला रहा है।


Body:वीओ1- बता दें कि बरसात शुरू हो गई है लेकिन प्रशासन ने नदी नाले गाढ गधेरे अभी तक में साफ नहीं किए , कोटद्वार भाबर के अंदर तीन नदियां खोह, मालन सुखरो नदी बहती है जबकि एक दर्जन के लगभग छोटे गाढ गधेरे बहते हैं, बरसात के समय न दिया उफान पर रहती हैं लेकिन यह गाढ़ गधेरे भी भयानक रूप ले लेते हैं यह गाढ गधेरे कोटद्वार के रियासी इलाकों से होकर गुजरते हैं। अगर समय रहते ही प्रशासन ने इन कार्ड गाढ गदेरों की सफाई नहीं की तो वह समय दूर नहीं है कि 2017-18 के जैसे भयानक मंजर दोबारा देखने को मिल सकता है।

वीओ2- स्थानीय निवासी गीता नेगी का कहना क्या पिछले कई समय से शासन प्रशासन से अनुरोध कर रहे हैं कि लगातार 2 वर्षों से इतनी भयंकर आपदा कोटद्वार विधानसभा में आई है लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई भी सकारात्मक कार्य नहीं किया है उसी में एक हमारा 28 नंबर वार्ड निंबूचौड, सतीचौड में गवालगड और जामुन स्रोत बहता है जिसकी वर्तमान स्थिति बहुत ही खराब है गधे रे और सड़क का कोई पता नहीं चल रहा है इस गधेरे से लोगों को जान माल का खतरा बना हुआ है जब भी आसमान में काले और घने बादल छाते हैं तो लोगों की रात की नींद हराम हो जाती है लोग विगत वर्षों के मंजर को याद करने लग जाते हैं अगर वार्ड नंबर 28 में इन दोनों गदेरों से किसी प्रकार की जानमाल की हानि होती है तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन और प्रदेश सरकार की होगी

बाइट गीत नेगी

वीओ3- स्थानीय निवासी तुलसी शर्मा का कहना है कि 2 साल से लगातार बाढ़ आ रही है लेकिन प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रहा है इस समय सड़क और गधेरा एक समान और हमारे बच्चों को बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है लेकिन शासन-प्रशासन कोई भी नुमाइंदा इस गधेरे की सुध लेने नहीं आ रहा है अगर गधेरे में पानी भरता तो हम लोग घरों से बाहर भी नहीं निकल सकते
बाइट तुलशी शर्मा

वीओ4- पूरे मामले पर उपजिलाधिकारी कोटद्वार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कोटद्वार में वर्तमान में पांच जगह पर चैनलाइज का कार्य चल रहा है, जैसे ग्वालगढ़ सुखरो नदी का जो फॉरेस्ट वाला पाठ है पनियाली स्रोत इन जगह पर वन विभाग के द्वारा चैनेलाइज किया जा रहा है वन विभाग को जिलाधिकारी के माध्यम से पैसा भी दे दिया गया है।

बाइट मनीष कुमार उपजिलाधिकारी


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