कोटद्वार: नगर के वार्ड नंबर 28 के सतीचौड निंबूचौड के लोग मौनसून को लेकर अभी से खौफजदा हैं. जिसके चलते लोगों ने उपजिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाई है. बरसात शुरू हो गई है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक नदी, नालों और गदेरों की सफाई नहीं की है. स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन से पिछले दो साल से क्षेत्र में बाढ़ आ रही है. बावजूद इसके इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
बता दें कि साल 2017 और 2018 में कोटद्वार के अलग-अलग क्षेत्रों में आई आपदा में कई लोगों की मौत हुई थी. इस दौरान कई लोगों के घर तबाह हो गए थे और कई लोगों के घरों के अंदर मलबा भर गया था. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. कोटद्वार में तीन नदियां खोह, मालन और सुखरो नदी बहती है. जोकि बरसात के समय उफान पर आ जाती हैं.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 2 साल से लगातार बाढ़ आ रही है. बावजूद इशके शासन-प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रहा है. इस समय सड़क और नालें एक स्तर पर आ चुके हैं. जिससे स्कूली बच्चों समेत आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, इस पूरे मामले में उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कोटद्वार में वर्तमान में पांच जगह पर चैनलाइज का कार्य चल रहा है. ग्वालगढ़ सुखरो नदी, पनियाली स्रोत और कई अन्य जगहों पर वन विभाग के द्वारा चैनेलाइज का काम किया जा रहा है. साथ ही कहा वन विभाग को जिलाधिकारी के माध्यम से पैसा भी दे दिया गया है.