पौड़ी: जनपद में मिस ब्रांड के साथ ही लगातार एक्सपायरी डेट का सामान बेचे जाने की खबरें सामने आ रही हैं. ताजा मामला कोटद्वार से सामने आया है, जहां एक बिस्कुट कंपनी अनमोल पर मिथ्या छाप (मिस ब्रांड) लगाकर बेचने की शिकायत मिली है. मामले की छानबीन और खाद्य विभाग ने सैंपलिंग के बाद पदार्थों की गुणवत्ता जांची. जिसमें बिस्कुट की गुणवत्ता खराब पाई गई. जिसके बाद कंपनी पर एक लाख, बिस्कुट विक्रेता और थोक विक्रेता पर 40-40 हजार का जुर्माना लगाया गया है.
पौड़ी अपर जिलाधिकारी शिव कुमार बर्नवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रमुख बिस्कुट निर्माता कंपनी अनमोल पर मिथ्या छाप (मिस ब्रांड) लगाकर उत्पाद बेचने का मामला सामने आया है. उन्होंने बताया कि कोटद्वार में खाद्य सुरक्षा अधिकारी की ओर से बिस्किट गुणवत्ता की जांच के लिए सैम्पल लिए गए थे. सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद पौड़ी अपर जिलाधिकारी की अदालत ने बिस्कुट निर्माता कंपनी को खाद्य सुरक्षा अधिनियम का दोषी पाया. जिसके बाद अदालत ने मिथ्या छाप बिस्किट निर्माता कंपनी, विक्रेता व थोक विक्रेता पर 1.80 का जुर्माना लगाया. जिसे 15 दिनों के अंदर जमा करने के निर्देश दिए गये हैं.
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बता दें कि लगातार मिस ब्रांड और एक्सपायरी डेट का सामान बेचे जाने की खबरों के बाद से खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार अलर्ट है. जिसके कारण खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार प्रदेश में छापेमारी अभियान चलाकर इस तरह की मामलों पर नकेल कसने की कोशिश कर रहा है.
क्या है मिस ब्रांडिंग
दुकानों पर पैकेट या डिब्बों में जो भी खाद्य पदार्थ बेचे जाते हैं, उन पर हरे रंग का वेज का सिग्नल बना होना चाहिए. खाद्य पदार्थ कौन-कौन सी चीजों से मिलकर बना है, इनका घटते क्रम में मात्रा के अनुसार विवरण देना होता है. इसके अलावा प्रोडक्ट पर स्मॉल या कैपिटल लेटर में जानकारी उपलब्ध कराई जाती है. इसी आधार पर असली और नकली की बात सामने आती है. अगर कोई भी निर्माता कंपनी ऐसा नहीं करती है तो ये नियमों के उल्लंघन में आता है.