पौड़ी: जिले में भारी बारिश से हुए नुकसान के बाद प्रशासन के सामने शिक्षा व्यवस्था और खस्ताहाल मार्गों को दुरुस्त करना किसी चुनौंती से कम नहीं है. डीएम डॉ.आशीष चौहान खुद आपदा क्षेत्रों का भ्रमण कर रास्तों और विद्यालयों को हुए नुकसान का जायजा ले रहे हैं. साथ ही लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया.
डीएम डॉ. आशीष चौहान ने यमकेश्वर ब्लॉक के लक्ष्मण झूला में आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक ली. उन्होंने सभी महकमों को आपदा के बाद अब जल्द से जल्द मूलभूत सुविधाओं के पुनर्निर्माण के निर्देश दिए. इस मौके पर डीएम ने खुद आपदा क्षेत्रों में जाकर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम और संबंधित प्रधानाचार्य बरसात के दौरान क्षतिग्रस्त हुए विद्यालयों और जोखिम भरे रास्तों की रिपोर्ट तैयार कर तत्काल उपलब्ध कराएं.
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हेड मास्टर पर कार्रवाई के निर्देश: बीते दिनों यमकेश्वर ब्लॉक में आपदा से विद्यालय भवनों और उसके आवागमन को मार्गों के क्षतिग्रस्त हो जाने से पठन पाठन प्रभावित हो गया. डीएम डॉ.आशीष चौहान ने क्षेत्र का निरीक्षण किया तो पता चला कि बीरकाटल क्षेत्र के विद्यालय में आने वाले बच्चों के आवागमन के रास्ते काफी जोखिम भरे हैं. इसकी सूचना हेडमास्टर द्वारा प्रशासन को नहीं दी गई है. जिस पर डीएम ने हेडमास्टर को जमकर फटकार लगाई. साथ ही इसे लापरवाही मानते हुए हेडमास्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
मार्गों को जल्द दुरुस्त करने के निर्देश: वहीं आपदा से जिले में काफी नुकसान हुआ है. आपदा के नुकसान का प्रशासन द्वारा जायजा लिए जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. डीएम ने सर्वप्रथम रास्तों की तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए हैं. कहा कि इस कार्य में सभी एसडीएम और बीडीओ दैनिक आवागमन के रास्तों को प्राथमिकता के आधार पर ठीक करवाएं. इसके अलावा पेयजल, विद्युत व कनेक्टिविटी आदि को दुरुस्त करने के निर्देश दिए.
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पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त: आपदा की मार सर्वाधिक प्रभाव पेयजल लाइनों पर पड़ा है. जिले में आपदा से 15 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. जिसमें यमकेश्वर और जयहरीखाल में 6-6 तो दुगड्डा ब्लॉक में 3 पेयजल योजनाएं शामिल हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों के दर्जनों गांवों में पानी की भारी किल्लत है.