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श्रीनगर बेस अस्पताल में बदइंतजामी से मरीज परेशान, शौचालय में जड़े ताले

श्रीनगर के बेस अस्पताल की हालत इन दिनों काफी दयनीय है. अस्पताल में चारो तरफ गंदगी नजर आ रही है. वार्डों में गंदगी और बेड टूटे पड़े हैं. ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को भारी परेशानियों का सामना पड़ रहा है.

srinagar base hospital
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Published : Aug 15, 2021, 3:03 PM IST

श्रीनगर: वीरचंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज से संबद्ध बेस अस्पताल के इन दिनों बुरे हाल हैं. अस्पताल अव्यवस्थाओं के दौर से गुजर रहा है. हालात ये हैं कि गायनो वॉर्ड में बिना चादर के ही मरीज बेड्स पर जैसे तैसे दिन काट रहे हैं. जगह-जगह बेड फटे हुए हैं. मरीज चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जनपदों के के दूर दराज इलाकों से अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन उनको इलाज मिलने में तीन से चार दिन लग जा रहे हैं. ऊपर से अस्पताल का वातावरण मरीज को मानसिक रूप से तोड़ रहा है,.

यही हालत सर्जरी विभाग के भीं हैं, यहां शौचालय में ताले लटक रहे हैं. पूरे वोर्ड में सिर्फ महिला शौचालय को खोला गया है. जहां मजबूरन पुरुषों को भी जाना पड़ता है. पूरा का पूरा वॉर्ड नर्सिंग स्टाफ के भरोसे है. इंटर्न और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के एप्रेन ना पहनने के चलते मरीज और डॉक्टरों में फर्क करना मुश्किल हो जाता है. स्थानीय निवासी नवीन पांडेय ने बताया कि अस्पताल के सभी शौचालयों में गंदगी पसरी रहती है, जिसके चलते पूरे वार्ड में दुर्गन्ध के चलते मरीज और तीमारदार परेशान रहते हैं.

श्रीनगर बेस अस्पताल में फैली गंदगी.

पढ़ें- स्वतंत्रता दिवस पर CM धामी ने की कई घोषणाएं, सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलेगा मुफ्त टैबलेट

इस संबंध में बेस अस्पताल के एमएस डॉ. केपी सिंह अपनी जिम्मंदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने कहा कि शौचालय के संबंध में विभागों के एचओडी द्वारा कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही अस्पताल की अन्य व्यवस्थाओं को भी सुधारा जाएगा.

श्रीनगर: वीरचंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज से संबद्ध बेस अस्पताल के इन दिनों बुरे हाल हैं. अस्पताल अव्यवस्थाओं के दौर से गुजर रहा है. हालात ये हैं कि गायनो वॉर्ड में बिना चादर के ही मरीज बेड्स पर जैसे तैसे दिन काट रहे हैं. जगह-जगह बेड फटे हुए हैं. मरीज चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जनपदों के के दूर दराज इलाकों से अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन उनको इलाज मिलने में तीन से चार दिन लग जा रहे हैं. ऊपर से अस्पताल का वातावरण मरीज को मानसिक रूप से तोड़ रहा है,.

यही हालत सर्जरी विभाग के भीं हैं, यहां शौचालय में ताले लटक रहे हैं. पूरे वोर्ड में सिर्फ महिला शौचालय को खोला गया है. जहां मजबूरन पुरुषों को भी जाना पड़ता है. पूरा का पूरा वॉर्ड नर्सिंग स्टाफ के भरोसे है. इंटर्न और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के एप्रेन ना पहनने के चलते मरीज और डॉक्टरों में फर्क करना मुश्किल हो जाता है. स्थानीय निवासी नवीन पांडेय ने बताया कि अस्पताल के सभी शौचालयों में गंदगी पसरी रहती है, जिसके चलते पूरे वार्ड में दुर्गन्ध के चलते मरीज और तीमारदार परेशान रहते हैं.

श्रीनगर बेस अस्पताल में फैली गंदगी.

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इस संबंध में बेस अस्पताल के एमएस डॉ. केपी सिंह अपनी जिम्मंदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने कहा कि शौचालय के संबंध में विभागों के एचओडी द्वारा कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही अस्पताल की अन्य व्यवस्थाओं को भी सुधारा जाएगा.

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