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One year of Ankita Bhandari murder: अंकिता हत्याकांड का एक साल, बेटी को याद कर रो पड़े पिता, कहा- झूठी है सरकार - श्रीनगर न्यूज

Ankita Bhandari murder उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद पूरा प्रदेश सुलग उठा था. अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा प्रदेश एक साथ खड़ा हो गया था, लेकिन अभी भी अंकिता भंडारी को इंसाफ नहीं मिल पाया है. अंकिता भंडारी हत्याकांड की पहली बरसी पर श्रीनगर में शोक सभा का आयोजन किया गया है, जहां अंकिता के पिता ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 18, 2023, 3:33 PM IST

Updated : Oct 16, 2023, 12:30 PM IST

अंकिता हत्याकांड का एक साल

श्रीनगर: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को आज 18 सितंबर को एक साल पूरा हो चुका है. इस दौरान श्रीनगर में अंकिता भंडारी की याद में स्थानीय पीपल चोरी में शोक सभा का आयोजन किया गया. शोक सभा में राज्य आंदोलनकारियों के साथ-साथ छात्र संगठन के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे.

इस दौरान अंकिता भंडारी ने पिता वीरेंद्र भंडारी के पिता की आंखें बेटी को याद कर नम हो गई थी. उन्होंने कहा कि इस साल उनके बेटे यानी अंकिता भंडारी के भाई की कलाई सूनी रही. वीरेंद्र भंडारी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक साल पूरा होने के बाद भी मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं चलाया गया. एक माह में 3 दिन कोर्ट में बयानों को दर्ज किया जाता है.
पढ़ें- अंकिता भंडारी हत्याकांड: एक साल बाद भी नहीं मिला 'न्याय', परिजनों ने 'सिस्टम' पर उठाये सवाल

वीरेंद्र भंडारी ने अंकिता की पहली बरसी पर पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने और मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि वे सरकारी वकील जितेंद्र रावत को पहले से ही इस केस के हटाने की मांग करते रहे थे, लेकिन सरकार ने इस मामले में भी लेट की है. वीरेंद्र भंडारी का कहना है कि ऐसे लोगों को तो सरकारी पद पर रहने का कोई हक नहीं है.

Ankita Bhandari murder
अंकिता हत्याकांड का एक साल

वहीं, वीरेंद्र भंडारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंशा पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा अंकिता भंडारी की हत्या को एक साल का वक्त हो चुका है, लेकिन आजतक नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर नहीं रखा गया. जबकि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घर पर आकर उन्हें आश्वासन दिया था कि नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता मंडारी के नाम पर रखा जाएगा.
पढ़ें- अंकिता भंडारी हत्याकांड: मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पौड़ी से चमोली जेल किया गया शिफ्ट, जानिए कारण

वहीं डीएसओ छात्र संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और अंकिता भंडारी हत्याकांड में आवाज उठाने वाली रेशमा ने कहा कि देश में हर दिन कोई न कोई लड़की अंकिता जैसे जुल्म का शिकार होती है. सरकार को ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक में चलाना चाहिए.

क्या है पूरा मामला: बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की रहने वाली अंकिता भंडारी भोगपुर के वंनत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. आरोप है कि रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने 18 सितंबर 2022 की रात को अंकिता भंडारी की गंगा में धक्का देकर हत्या कर दी थी. इस मामले में रिसॉर्ट के दो और कर्मचारी अंकित व सौरभ को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

आरोप है कि हत्या के बाद तीनों ने ही अंकिता भंडारी के परिजनों को गुमराह करने के लिए राजस्व पुलिस को उसकी गुमशुदगी की तहरीर दी थी. हालांकि जब ये मामला तीन दिन बार 21 सितंबर को रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया गया तो सच सामने आया और पुलिस ने पुलकित आर्य की निशानदेही पर अंकिता भंडारी की लाश चीला नहर से बारमद की.

आरोप है कि पुलकित आर्य काफी दिनों से अंकिता भंडारी पर दबाव बना रहा था कि वो वनंत्रा रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों को स्पेशल सर्विस दे, जिसके लिए अंकिता भंडारी ने साफ इंकार कर दिया था और इसीलिए वो नौकरी छोड़ने वाली थी. जिससे पुलकित आर्य काफी डर गया था. उसे डर था कि अंकिता भंडारी बाहर जाकर उसकी पोल खोल देगी. आरोप है कि इसीलिए पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी को चीला नहर में धक्का देकर मार दिया. इसमें अंकित व सौरभ ने भी उसका साथ दिया था. अभी तीनों जेल में हैं. इस मामले का ट्रायल कोर्ट में चल रहा है.

अंकिता हत्याकांड का एक साल

श्रीनगर: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को आज 18 सितंबर को एक साल पूरा हो चुका है. इस दौरान श्रीनगर में अंकिता भंडारी की याद में स्थानीय पीपल चोरी में शोक सभा का आयोजन किया गया. शोक सभा में राज्य आंदोलनकारियों के साथ-साथ छात्र संगठन के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे.

इस दौरान अंकिता भंडारी ने पिता वीरेंद्र भंडारी के पिता की आंखें बेटी को याद कर नम हो गई थी. उन्होंने कहा कि इस साल उनके बेटे यानी अंकिता भंडारी के भाई की कलाई सूनी रही. वीरेंद्र भंडारी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक साल पूरा होने के बाद भी मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं चलाया गया. एक माह में 3 दिन कोर्ट में बयानों को दर्ज किया जाता है.
पढ़ें- अंकिता भंडारी हत्याकांड: एक साल बाद भी नहीं मिला 'न्याय', परिजनों ने 'सिस्टम' पर उठाये सवाल

वीरेंद्र भंडारी ने अंकिता की पहली बरसी पर पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने और मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि वे सरकारी वकील जितेंद्र रावत को पहले से ही इस केस के हटाने की मांग करते रहे थे, लेकिन सरकार ने इस मामले में भी लेट की है. वीरेंद्र भंडारी का कहना है कि ऐसे लोगों को तो सरकारी पद पर रहने का कोई हक नहीं है.

Ankita Bhandari murder
अंकिता हत्याकांड का एक साल

वहीं, वीरेंद्र भंडारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंशा पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा अंकिता भंडारी की हत्या को एक साल का वक्त हो चुका है, लेकिन आजतक नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर नहीं रखा गया. जबकि खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घर पर आकर उन्हें आश्वासन दिया था कि नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता मंडारी के नाम पर रखा जाएगा.
पढ़ें- अंकिता भंडारी हत्याकांड: मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पौड़ी से चमोली जेल किया गया शिफ्ट, जानिए कारण

वहीं डीएसओ छात्र संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और अंकिता भंडारी हत्याकांड में आवाज उठाने वाली रेशमा ने कहा कि देश में हर दिन कोई न कोई लड़की अंकिता जैसे जुल्म का शिकार होती है. सरकार को ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक में चलाना चाहिए.

क्या है पूरा मामला: बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की रहने वाली अंकिता भंडारी भोगपुर के वंनत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. आरोप है कि रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने 18 सितंबर 2022 की रात को अंकिता भंडारी की गंगा में धक्का देकर हत्या कर दी थी. इस मामले में रिसॉर्ट के दो और कर्मचारी अंकित व सौरभ को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

आरोप है कि हत्या के बाद तीनों ने ही अंकिता भंडारी के परिजनों को गुमराह करने के लिए राजस्व पुलिस को उसकी गुमशुदगी की तहरीर दी थी. हालांकि जब ये मामला तीन दिन बार 21 सितंबर को रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया गया तो सच सामने आया और पुलिस ने पुलकित आर्य की निशानदेही पर अंकिता भंडारी की लाश चीला नहर से बारमद की.

आरोप है कि पुलकित आर्य काफी दिनों से अंकिता भंडारी पर दबाव बना रहा था कि वो वनंत्रा रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों को स्पेशल सर्विस दे, जिसके लिए अंकिता भंडारी ने साफ इंकार कर दिया था और इसीलिए वो नौकरी छोड़ने वाली थी. जिससे पुलकित आर्य काफी डर गया था. उसे डर था कि अंकिता भंडारी बाहर जाकर उसकी पोल खोल देगी. आरोप है कि इसीलिए पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी को चीला नहर में धक्का देकर मार दिया. इसमें अंकित व सौरभ ने भी उसका साथ दिया था. अभी तीनों जेल में हैं. इस मामले का ट्रायल कोर्ट में चल रहा है.

Last Updated : Oct 16, 2023, 12:30 PM IST
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