श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी और चंडीगढ़ स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च के निदेशक प्रोफेसर श्याम सुन्दर पटनायक ने सोमवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. दोनों संस्थानों के मध्य हुए इस समझौते का मुख्य उद्देश्य पारस्परिक रुचि के आधार पर ज्ञान सृजन, अनुसंधान, नवाचार और विकास के लिए अकादमिक सहयोग करना है. इस समझौते की वैधता पांच वर्षो तक रहेगी.
प्रोफेसर अवस्थी ने कहा यह एमओयू दोनों संस्थानों के मध्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप छात्रों के लिए बहुआयामी और अंतःविषय शिक्षा प्रदान करने, उनके कौशल और रोजगार योग्यता का विकास करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों का क्षमता निर्माण करने के लिए किया गया है. एमओयू में शामिल नियमों और शर्तों के अनुसार एनआईटी उत्तराखंड और एनआईटीटीटीआर, चंडीगढ़ पारस्परिक हित के क्षेत्रों में अकादमिक सहयोग के लिए एक कार्यक्रम स्थापित करने के लिए सहमत हुए हैं.
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जिसके अंतर्गत एनआईटीटीटीआर, चंडीगढ़ में एम टेक प्रोग्राम के लिए चलाये जा रहे पाठ्यक्रमों में एनआईटी उत्तराखंड के छात्र भी अपना पंजीकरण करा सकेंगे. इसके अलावा एनआईटी उत्तराखंड के छात्र एनआईटीटीटीआर, चंडीगढ़ में उपलब्ध शोध एवं शैक्षणिक सामग्री, आधुनिक प्रयोगशालाओं एवं अन्य संसाधनों का भी उपयोग कर सकेंगे. प्रोफेसर अवस्थी ने कहा की वर्तमान समय में एनआईटी उत्तराखंड में एक सेमेस्टर में लगभग तीस कोर्स संचालित किये जा रहे हैं. लगभग इतने ही कोर्सेज एनआईटीटीटीआर, चंडीगढ़ में भी संचालित किया जाते हैं. इस समझौते के तहत दोनों संस्थानों के छात्र अपने पाठ्यक्रम के अनुरूप एक दूसरे संस्थान में संगत कोर्स में पंजीकरण कराकर अध्ययन कर सकेंगे.
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एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़ के निदेशक प्रोफेसर श्याम सुन्दर पटनायक ने कहा इस समझौते से दोनों संस्थान उच्च और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगे. उन्होंने कहा यह खुशी की बात है कि दोनों संस्थानों ने मिलकर काम करने का फैसला किया है. इससे निश्चित रूप से शोधार्थियों, संकाय सदस्यों और छात्रों को लाभ होगा.