श्रीनगर: प्रदेश के जंगल इन दिनों आग की चपेट में हैं. केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए वायु सेना के हेलीकॉप्टर आग पर काबू पाने की कोशिश में जुटे हैं. गढ़वाल के नरेंद्रनगर रेंज में सुबह 9 बजे आग बुझाने का रेस्क्यू अभियान एक बजे तक जारी रहा. इन सबके बीच वन मंत्री हरक सिंह रावत भी एक्टिव नजर आए. देर शाम पौड़ी जाते समय एसएसबी की फायर रेंज में जगलों को जलता देख वन मंत्री अपने वाहन से उतरे और आग बुझाने में जुट गए.
इस दौरान वन मंत्री हरक सिंह रावत ने आस पास की झाड़ियों को हाथों में पकड़ 30 मिनट तक आग बुझाने की कोशिश की. इस दौरान उनके साथ चल रहे पुलिसकर्मी भी आग बुझाते हुए नजर आए. ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश के वन मंत्री खुद वनाग्नि को काबू करने की कोशिश कर रहे हैं.
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इस दौरान वन मंत्री हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत ने कहा कि वनाग्नि का विषय मात्र सरकार या वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि समाज और सभी वर्ग के लोगों की है. पहले तो आग लगाने वाले लोगों पर नजर रखनी होगी. साथ में अपनी भूमिका भी तय करनी होगी कि हम अपने पर्यावरण के खिलाफ कार्य कर रहे हैं.
वन मंत्री ने विनाग्नि इन घटनाओं को कोरोना से भी खतरनाक बताया है. उन्होंने कहा कि जगलो की ये आग मानव से साथ साथ जीव जंतुओं को भी मार रही है. उन्होंने सभी से पर्यावरण को बचाने की अपील की है.