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ग्रामीणों ने चुनाव का किया बहिष्कार, खिर्सू ब्लॉक में गांव को शामिल करने से नाराज - पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे

पौड़ी के खिर्सू ब्लॉक के कुछ गांव को पालिका में सम्मिलित कर दिया गया था. इसमें मरोड़ा गांव भी शामिल था. ऐसे में ग्रामीण में प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव भी पहले की तरह पाबौ ब्लॉक में ही शामिल किया जाए, नहीं तो वह पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

ग्रामीण
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Published : Sep 6, 2019, 8:24 PM IST

पौड़ी: परिसीमन में कुछ गांवों को खिर्सू ब्लॉक में शामिल कर दिया गया है. जिसके विरोध में ग्रामीणों ने अपर जिलाधिकारी के सामने रोष प्रकट किया. ग्रामीणों का आरोप है कि बिना किसी प्रस्ताव के उनके गांव मरोड़ा को खिर्सू ब्लॉक में शामिल कर दिया है. जिसके चलते उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि उनके गांव को पूर्व की भांति पाबौ ब्लॉक में ही रहने दिया जाए. अगर प्रशासन ऐसा नहीं करता तो वे आगामी पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

पढ़ें:राजभवन से अध्यादेश को मिली मंजूरी, पूर्व मुख्यमंत्रियों को देनदारी में मिलेगी छूट

बता दें कि जनपद पौड़ी का मरोड़ा गांव पहले पाबौ ब्लॉक के अंतर्गत था. जिसके अब खिर्सू ब्लॉक में शामिल कर दिया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्रीय विधायक और अन्य लोगों की की मिलीभगत से उनके गांव मरोड़ा को खिर्सू ब्लॉक में शामिल किया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव को अगर पहले की तरह पाबौ ब्लॉक में शामिल नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

खिर्सू ब्लॉक में गांव को शामिल करने से नाराज,अधिकारी को ज्ञापन सौपा.

ग्रामीण प्रेम बल्लभ पंत का कहना है कि वह पाबौ ब्लॉक के नजदीक वाले गांव में रहते हैं. जब से उनके गांव को खिर्सू ब्लॉक में सम्मिलित कर दिया गया है. तब से सभी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनका आरोप है कि गांव को बिना किसी प्रस्ताव के ही अन्य ब्लॉक में शामिल कर दिया गया है. ऐसे में ग्रामीणों को हर काम के लिए करीब 25 से 30 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा.उनकी मांग है कि उन्हें पूर्व की तरह पाबौ ब्लॉक में ही रखा जाए ताकि जरूरी कार्यों के लिए उन्हें बेवजह परेशान न होना पड़े.

पढ़ें: मुख्यमंत्री ने मसूरी और सुरकंडा देवी रोपवे के निर्माण में तेजी लाने दिए निर्देश

वहीं , पौड़ी के अपर जिलाधिकारी एसके बरनवाल ने कहा कि श्रीनगर नगरपालिका में खिर्सू के कुछ गांव को सम्मिलित कर दिया गया था. जिसके बाद पाबौ ब्लॉक के मरोड़ा गांव को भी सम्मिलित कर दिया गया है. ग्रामीणों का मांग है कि उन्हें पहले की तरह पाबौ ब्लॉक में रखा जाए. इसके लिए जिला विकास अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है. जिला विकास अधिकारी गांव वालों के साथ बैठकर इस समस्या पर चर्चा कर सकारात्मक परिणाम निकालते हुए ग्रामीणों की मांग को पूरा किया जाए.

पौड़ी: परिसीमन में कुछ गांवों को खिर्सू ब्लॉक में शामिल कर दिया गया है. जिसके विरोध में ग्रामीणों ने अपर जिलाधिकारी के सामने रोष प्रकट किया. ग्रामीणों का आरोप है कि बिना किसी प्रस्ताव के उनके गांव मरोड़ा को खिर्सू ब्लॉक में शामिल कर दिया है. जिसके चलते उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि उनके गांव को पूर्व की भांति पाबौ ब्लॉक में ही रहने दिया जाए. अगर प्रशासन ऐसा नहीं करता तो वे आगामी पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

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बता दें कि जनपद पौड़ी का मरोड़ा गांव पहले पाबौ ब्लॉक के अंतर्गत था. जिसके अब खिर्सू ब्लॉक में शामिल कर दिया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्रीय विधायक और अन्य लोगों की की मिलीभगत से उनके गांव मरोड़ा को खिर्सू ब्लॉक में शामिल किया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव को अगर पहले की तरह पाबौ ब्लॉक में शामिल नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

खिर्सू ब्लॉक में गांव को शामिल करने से नाराज,अधिकारी को ज्ञापन सौपा.

ग्रामीण प्रेम बल्लभ पंत का कहना है कि वह पाबौ ब्लॉक के नजदीक वाले गांव में रहते हैं. जब से उनके गांव को खिर्सू ब्लॉक में सम्मिलित कर दिया गया है. तब से सभी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनका आरोप है कि गांव को बिना किसी प्रस्ताव के ही अन्य ब्लॉक में शामिल कर दिया गया है. ऐसे में ग्रामीणों को हर काम के लिए करीब 25 से 30 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा.उनकी मांग है कि उन्हें पूर्व की तरह पाबौ ब्लॉक में ही रखा जाए ताकि जरूरी कार्यों के लिए उन्हें बेवजह परेशान न होना पड़े.

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वहीं , पौड़ी के अपर जिलाधिकारी एसके बरनवाल ने कहा कि श्रीनगर नगरपालिका में खिर्सू के कुछ गांव को सम्मिलित कर दिया गया था. जिसके बाद पाबौ ब्लॉक के मरोड़ा गांव को भी सम्मिलित कर दिया गया है. ग्रामीणों का मांग है कि उन्हें पहले की तरह पाबौ ब्लॉक में रखा जाए. इसके लिए जिला विकास अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है. जिला विकास अधिकारी गांव वालों के साथ बैठकर इस समस्या पर चर्चा कर सकारात्मक परिणाम निकालते हुए ग्रामीणों की मांग को पूरा किया जाए.

Intro:पौड़ी का मरोड़ा गांव जो कि पहले पाबौ ब्लॉक में हुआ करता था लेकिन अब उसे खिर्सू ब्लॉक में सम्मिलित कर दिया गया है जीसके बाद मरोड़ा गांव के ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए आज अपरजिलाधिकारी के समक्ष अपनी समस्याएं रखी ग्रामीणों का आरोप है कि बिना किसी प्रस्ताव व ग्रामीणों की अनुमति के ही उनके गांव को खिर्सू ब्लॉक में रख दिया गया है इसके बाद उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा कहा कि सामान्य से काम के लिए भी उन्हें करीब 25 से 30 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा। यदि प्रसाशन के द्वारा जल्द उनकी मांग को नहीं माना गया तो आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का पूर्ण रुप से विरोध करेंगे। चुनाव में ना ही कोई व्यक्ति चुनाव में प्रतिभाग करेगा और ना ही कोई व्यक्ति मतदान करेगा।


Body:ग्रामीण रविंद्र ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक धन सिंह रावत और अन्य लोगों की मिलीभगत से उनके गांव को खिर्सू ब्लॉक में सम्मिलित कर दिया गया है और उस फैसले का पूरा गांव विरोध कर रहा है कहा कि आगामी पंचायत चुनाव का पूरी तरह से विरोध करेंगे और जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तो वह उग्र आंदोलन तक करेंगे। अन्य ग्रामीण प्रेम बल्लभ पंत ने बताया कि वह पाबौ ब्लॉक के एकदम नजदीक वाले गांव में रहते हैं और जब से उनके गांव को खिर्सू ब्लॉक में सम्मिलित कर दिया गया है तब से पूरा गांव काफी परेशान है गांव के प्रस्ताव के बिना ही ब्लॉक को बदल दिया गया है। जिसके बाद ग्रामीणों को हर काम के लिए करीब 25 से 30 मीटर दूर जाना पड़ेगा।उनकी मांग है कि उन्हें पूर्व की तरह पाबौ ब्लॉक में ही रखा जाए ताकि जरूरी कार्यों के लिए उन्हें बेवजह परेशान न होना पड़े।
बाईट-रविन्द्र(ग्रामीण)
बाईट-प्रेम बल्लभ पंत(ग्रामीण)


Conclusion:अपर जिलाधिकारी पौड़ी एस के बरनवाल ने कहा कि श्रीनगर नगरपालिका में खिर्सू के कुछ गांव को सम्मिलित कर दिया गया था इसके बाद पाबौ ब्लॉक के मरोड़ा गांव को भी उस में सम्मिलित कर दिया गया है कहा कि ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें पूर्व की तरह पाबौ ब्लॉक में रखा जाए इसके लिए उन्होंने जिला विकास अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है कि वह दोबारा से जाकर गांव वालों के साथ बैठकर इस विषय पर चर्चा करें और सकारात्मक परिणाम निकालते हुए ग्रामीणों की मांग को पूरा किया जाए।
बाईट-एस.के बर्नवाल(अपर जिलाधिकारी पौड़ी)
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