पौड़ीः उत्तराखंड में एक बार फिर से लंपी वायरस के मामले सामने आने लगे हैं. पौड़ी में भी कई मामले सामने आ चुके हैं. लंपी वायरस को देखते हुए पशुपालन विभाग ने मोर्चा संभाल लिया है. विभाग अब गांव-गांव जाकर वैक्सीनेशन करने में जुट गया है. विभाग की मानें तो अभी तक 15 सौ से ज्यादा पशुओं का वैक्सीनेशन किया जा चुका है.
पौड़ी जिले के सुदूरवर्ती गांवों में एक बार फिर से पशु लंपी वायरस की चपेट में हैं. वहीं, बीमारी के देखते हुए विभाग ने पशुओं का वैक्सीनेशन भी शुरू कर दिया है. इसके लिए पशु चिकित्सकों की टीमें गांव-गांव जाकर पशुओं का टीकाकरण कर रही हैं. पौड़ी जिले में अभी तक 13 नए मामले सामने आए हैं, जो कि आगे और ज्यादा विकराल रूप ले सकते हैं.
थलीसैंण और पाबौ ब्लॉक के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में लंपी वायरस की चपेट में आने से इन दिनों कई मवेशी बीमार हैं. जिसको देखते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डीएस बिष्ट ने खुद इन क्षेत्रों में पहुंचकर बीमारी की स्थिति जानी. उन्होंने बताया कि थलीसैंण ब्लॉक के खंड तल्ला और खंड मल्ला में लंपी के 5 मामले सामने आए हैं. जबकि, पाबौ के घुन्ना गांव में 3 केस मिले हैं.
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का गृह क्षेत्र होने के चलते पशुपालन विभाग की चिंताएं और भी बढ़ गई हैं. विभाग ने आज कल गांवों में कैंप लगाना शुरू कर दिया है. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री और स्थानीय विधायक धन सिंह रावत ने विभाग को लंपी वायरस की रोकथाम करने के निर्देश दिए हैं.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में पशुओं में तेजी से फैल रहा है लंपी वायरस, बागेश्वर में तीन जानवरों की मौत
पौड़ी के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डीएस बिष्ट ने बताया कि विभाग की सचल वाहन सेवा 1962 को इन दिनों विभिन्न गांवों का भ्रमण करवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सचल वाहन में जरूरी दवाओं के साथ पशु चिकित्सकों की अनुभवी टीम भी शामिल हैं. सचल वाहन के शुरू होने से अब तक 1,557 मवेशियों को वैक्सीन लगा दी गई है.
उन्होंने कहा कि वायरस की चपेट में आए मवेशियों का उपचार शुरू कर दिया गया है. साथ ही वायरस को लेकर पशुपालकों को भी तकनीकी जानकारियां बताई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पशुपालकों को वायरस ने निपटने और जरूरी दवाओं के बारे में बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सतपुली और रिखणीखाल ब्लॉक में 5-5 जबकि, पोखड़ा में 3 मामले सामने आए हैं.