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कोटद्वार में रसोई गैस की किल्लत, लोगों को झेलनी पड़ रही परेशानी

कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में रसोई गैस की भारी किल्लत बनी हुई है. जिसके चलते स्थानीय निवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बारिश के लकड़ी और गोबर कंडों में भी नमी होने के कारण ग्रामीण इन्हें भी उपयोग में नहीं ला पा रहे हैं.

गैस की किल्लत
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Published : Sep 1, 2019, 1:37 PM IST

Updated : Sep 1, 2019, 2:48 PM IST

कोटद्वारः नगर में इनदिनों रसोई गैस की भारी किल्लत हो रही है. जिसके चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, स्थानीय प्रशासन और गैस एजेंसियां मात्र आश्वासन तक ही सीमित है.

बता दें कि पिछले 1 माह से कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में रसोई गैस की भारी किल्लत बनी हुई है. जिसके चलते स्थानीय निवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बारिश के लकड़ी और गोबर कंडों में भी नमी होने के कारण ग्रामीण इन्हें भी उपयोग में नहीं ला पा रहे हैं.

वहीं, स्थानीय लोगों ने कई बार रसोई गैस की किल्लत को लेकर एसडीएम से लेकर गैस एजेंसियों तक की है. लेकिन उन्हें अभीतक रसोई गैस मुहैया नहीं हो पाई है. आलम ये है कि लोग रसोई गैस के इंतजार में सुबह से शाम तक सड़क पर खड़े रहते हैं. लेकिन गैस सिलेंडर की गाड़ी उनतक नहीं पहुंचती.

इस मामले में उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा का कहना है कि गैस एजेंसी संचालकों और प्रबंधकों से सप्लाई को सुचारू करने को कहा गया है. जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी गैस सिलेंडर की आपूर्ति की जाएगी.

कोटद्वारः नगर में इनदिनों रसोई गैस की भारी किल्लत हो रही है. जिसके चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, स्थानीय प्रशासन और गैस एजेंसियां मात्र आश्वासन तक ही सीमित है.

बता दें कि पिछले 1 माह से कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में रसोई गैस की भारी किल्लत बनी हुई है. जिसके चलते स्थानीय निवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बारिश के लकड़ी और गोबर कंडों में भी नमी होने के कारण ग्रामीण इन्हें भी उपयोग में नहीं ला पा रहे हैं.

वहीं, स्थानीय लोगों ने कई बार रसोई गैस की किल्लत को लेकर एसडीएम से लेकर गैस एजेंसियों तक की है. लेकिन उन्हें अभीतक रसोई गैस मुहैया नहीं हो पाई है. आलम ये है कि लोग रसोई गैस के इंतजार में सुबह से शाम तक सड़क पर खड़े रहते हैं. लेकिन गैस सिलेंडर की गाड़ी उनतक नहीं पहुंचती.

इस मामले में उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा का कहना है कि गैस एजेंसी संचालकों और प्रबंधकों से सप्लाई को सुचारू करने को कहा गया है. जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी गैस सिलेंडर की आपूर्ति की जाएगी.

Intro:summary कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों गैस की भारी किल्लत हो रही है, गैस की किल्लत से स्थानीय लोगों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, स्थानीय प्रशासन व गैस एजंसियां आश्वासन देते नहीं थक रहे है।


intro कोटद्वार भाबर और आसपास के क्षेत्रों में दुर्गापुरी, खुनिबड़, मोटाढंक, नंदपुर, निम्बूचौड़, झंडिचौड़, सिगड्ड़ी, कलालघाटी, मवाकोट, सतिचौड, दुगड्डा, डाडामडी, कोटद्वार सहित कई छेत्रो में इन दिनों गैस की भारी किल्लत से स्थानीय लोग जूझ रहे हैं पिछले 1 महीने से गैस की भारी किल्लत बनी हुई है कई बार स्थानीय निवासियों ने गैस एजेंसी संचालक से लेकर उप जिलाधिकारी लिखित शिकायत देकर गैस की समस्या से रूबरू करवाया लेकिन कानों में जूं तक नहीं रहें, सिर्फ स्थानीय लोगों को आश्वासन देते रहे। लालढांग निवाशी दीपक नेगी ने बताया कि क्षेत्र में तो 2 महीने से भी अधिक समय बीत चुका है की गैस नहीं पहुंची।


Body:वीओ- बता दें कि विगत 1 माह से भी अधिक समय बीत चुका है कि कोटद्वार और भाबर क्षेत्र के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में गैस की भारी किल्लत बनी हुई है, जिससे कि स्थानीय निवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वही बरसात के मौसम में लकड़िया व ओपले गीले हो जाते हैं जिससे कि चूल्हे में आग जलाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है, ऐसे में गैस की किल्लत होना सर में ओले पड़ने के बराबर हो गया है, स्थानीय निवासी ने कई बार इसकी शिकायत गैस एजेंसी संचालको के साथ उप जिलाधिकारी से की लेकिन किसी ने स्थानीय निवासियों की ना सुनी, महिलाएं पुरुष गैस के लिए सुबह से सड़कों के किनारे खड़े रहते हैं लेकिन जब शाम तक गैस नहीं आती तो वह निराश होकर अपना खाली सिलेंडर लेकर घरों को वापस लौट जाते हैं इस समस्या से स्थानीय प्रशासन अच्छी तरह से वाकिफ है लेकिन समस्या के समाधान पर कोई ठोस कदम नहीं।

वीओ2-स्थानीय निवासी जगत सिंह का कहना है कि 1 माह से अधिक समय बीत चुका है यहाँ पर गैस की भारी किल्लत बनी कुछ माताएं बहने इतनी परेशान है कि उनके पास घर से सड़क तक आने के लिए संसाधन नहीं है सर पर गैस सिलेंडर लेकर आती है सुबह से शाम तक सड़क पर खड़ी रहती लेकिन गैस न मिलने से निराश होकर कर वापस लौट जाती है।
बाइट जगत सिंह

वीओ3-स्थानीय निवासी शंभू प्रसाद धूलिया का कहना है कि क्षेत्र में पहले ऐसी व्यवस्था थी कि सप्ताह में दो बार गैस आती थी उसके बाद सप्ताह में एक बार भी और अब तो स्थिति ऐसे की अनिश्चितता हो गई है कि कब गैस आएगी क्यों आएगी कैसे आएगी कुछ पता नहीं लोग सुबह से शाम तक सड़कों पर खड़े रहते हैं और शाम को निराश होकर घर वापस लौट जाते हैं
बाइट संभू प्रशाद धुलिया


वीओ4- वहीं उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा का कहना है कि मैंने गैस संचालकों और एजेंसी प्रबंधकों से बात की है जो उनको काशीपुर से लौट मिलता था वह बहुत कम प्राप्त हो रहा है मेरे द्वारा काशीपुर में फिलिंग स्टेशन है उनसे बात की गई मुझे लगता कि जल्द ही दशा सुधर जाएगी।
बाइट योगेश मेहरा उपजिलाधिकारी




Conclusion:
Last Updated : Sep 1, 2019, 2:48 PM IST
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