पौड़ी: उत्तराखंड राज्य का सबसे ज्यादा 13 तहसील वाले जनपद पौड़ी गढ़वाल की कोटद्वार तहसील राजस्व वसूली करने में सबसे फिसड्डी साबित हो रही है. जनपद पौड़ी की सबसे ज्यादा अमीर तहसील कही जाने वाली कोटद्वार तहसील धन वसूली में गरीब बन गई है.
राजस्व वसूली में फिसड्डी साबित हो रही कोटद्वार तहसील: कोटद्वार तहसील में वर्तमान में बकायेदारों पर 7 करोड़ रुपए की वसूली बाकी है. करोड़ों रुपए की राजस्व वसूली करने के लिए 11 अमीन जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. इसके बाद भी 96 लाख 97 हजार रुपए ही वसूल करने में कामयाब हो पाये. राजस्व वसूली के लिए जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान ने सख्त निर्देश दिये हैं कि शत प्रतिशत वसूली न करने वाले अमीनों की तनख्वाह पर रोक लगाई जाएगी. हर माह राजस्व वसूली की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत के आदेश भी जारी किये गये हैं.
कोटद्वार तहसील को वसूलना है 7 करोड़ का राजस्व: कोटद्वार उप जिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी ने बताया कि राजस्व वसूली 15-16 प्रतिशत ही हो पा रही है. जल्द राजस्व वसूली के लिए देनदारों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है. एक 70 लाख के बकायेदार को गिरफ्तार कर 14 दिन के लिए राजस्व बंदी गृह में कैद कर दिया गया है. बकायेदारों से सख्ती के साथ राजस्व वसूली की जायेगी. बकायेदार राजस्व वसूली न होने पर हैसियत प्रमाण के एवज में तहसीलदार न्यायालय से कुर्की की जायेगी.
राजस्व नहीं वसूल पाने वाले अमीनों का वेतन रोका जाएगा: जनपद पौड़ी का कोटद्वार तहसील राजस्व वसूली करने में फिसड्डी साबित हो रहा है. कोटद्वार तहसील द्वारा 7 करोड़ रुपए राजस्व उगाही का लक्ष्य है. कोटद्वार तहसील के अन्तर्गत करोड़ों के बकायेदार सरकारी धन पर मौज कर रहे हैं. तहसील क्षेत्र अन्तर्गत सरकारी कर्मचारी राजस्व वसूली करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. उप जिलाधिकारी कोटद्वार ने बताया की करोड़ों रुपए की वसूली आबकारी विभाग की है, जिसे वसूल करने में कोटद्वार तहसील के अन्तर्गत कर्मचारियों के पसीने छूटे रहे हैं. राजस्व वसूली के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिये हैं.
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