कोटद्वार: प्रदेश में बीते दिनों बारिश (Uttarakhand heavy rain) ने जमकर कहर बरपाया, जिससे कई लोगों को भारी नुकसान पहुंचा है. कोटद्वार तहसील के अंतर्गत रतनपुर (Kotdwar Ratanpur) कुम्भी चौड़ के बहेड़ा गदेरे में 12 जुलाई की सुबह बादल फटने से आई आपदा के बाद पीड़ितों को शासन-प्रशासन से उचित मुआवजा नहीं मिल पाया है. जिससे उनकी जिंदगी पटरी पर नहीं लौट पाई है.
गौर हो कि 12 जुलाई को भारी बारिश से बादल फटने से बेहड़ा गदेरे (Kotdwar Behda Gadera) में बने पुल पर मलबा फंस गया था और रतनपुर के कई परिवार आपदा की जद में आ गए. साथ ही गांव को जोड़ने वाला मार्ग भी ध्वस्त हो गया था. जिस से लोगों को काफी परेशानियों से दो चार होना पड़ा. लेकिन विडंबना ये है कि क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन को विभाग ने जोड़ तो दिया, लेकिन नलों में पानी नहीं आ रहा है.
बहेड़ा गदेरे के समीप रहने वाले प्रेम सिंह (70) का आपदा में किचन व शौचालय जमींदोज हो गया. लेकिन उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. कोटद्वार उप जिलाधिकारी (Kotdwar Sub District Magistrate) प्रमोद कुमार ने बताया कि रतनपुर बहेड़ा आपदा प्रभावितों ने भूमि अभिलेख प्रस्तुत नहीं करवाये हैं. जिस वजह से आपदा प्रभावित को मुवावजा नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि इस दिशा में जल्द कार्रवाई की जाएगी.
उत्तराखंड में इस बार मानसून सीजन में भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. मैदानी इलाकों से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है. जिससे कई लोग प्रभावित हुए हैं. लेकिन भारी बारिश के बाद आपदा से हुए नुकसान की भरपाई अभी तक नहीं हो पाई है. जिससे लोगों की जिंदगी पटरी पर नहीं लौट पा रही है.