पौड़ीः कोटद्वार के लकड़ी पड़ाव क्षेत्र में 10 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है. घटना के विरोध में बच्ची के परिजनों व स्थानीय लोगों ने बाजार बंद कर प्रदर्शन किया. लोगों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है. इस मौके पर भारी पुलिस बल कोटद्वार बाजार में मौजूद रहा. मानवता को शर्मशार कर देने वाली इस घटनी को लेकर लोगों का गुस्सा थम नहीं रहा है. आक्रोशित झूला बस्ती, लकड़ी पड़ाव की महिलाओं ने सुबह से ही कोटद्वार के झंडा चौक में जाम लगाया रखा. झंडा चौक से बाजार की सड़कों पर जुलूस निकाला गया.
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने हत्यारों को कड़ी सजा देने का भरोसा बच्ची के परिजनों और स्थानीय जनता को दिया. क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एसएससी ने आसपास के थानों से भारी पुलिस बल कोटद्वार भेजा.
बता दें कि 5 अगस्त को एक 10 वर्षीय बच्ची घर से सामान लेने के लिए निकली थी, लेकिन देर शाम तक घर नहीं पहुंची. परिजनों के काफी खोजबीन के बाद भी बच्ची का कहीं पता नहीं चला. बच्ची के परिजनों ने बाजार चौकी में इसकी सूचना दी, लेकिन पुलिस ने बच्ची के परिजनों की बात को हल्के में लिया. जिसका परिणाम बच्ची को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ा.
पुलिस समय से बच्ची की खोजबीन करती तो बच्ची को सकुशल ढूंढा जा सकता था, लेकिन पुलिस ने मामले में 6 अगस्त को मुकदमा दर्ज कर बच्ची की खोजबीन की. तब तक बहुत समय बीत चुका था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के सहारे व लोगों द्वारा बताए गए हुलिया पर देहरादून से स्कैच तैयार किया, जिस पर पुलिस ने आरोपियों को गाड़ीघाट से धर दबोचा और उनकी निशानदेही पर बच्ची के शव के टुकड़ों को बरामद किया. बच्ची का शव कोटद्वार के रेलवे स्टेशन के माल गोदाम की झाड़ियों से बरामद किया गया.
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पूरे घटनाक्रम पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि इस घटना में पुलिस की बहुत बड़ी लापरवाही है. कानून व्यवस्था कोटद्वार में कहीं नजर नहीं आ रही है और जिस ढंग से ही शांतिप्रिय इलाके में यह पहली दर्दनाक घटना हुई है, बहुत ही चिंताजनक है.
दूसरी ओर एएसपी प्रदीप राय का कहना है कि पुलिस ने कहीं पर भी इस मामले में लापरवाही नहीं बरती है. 6 अगस्त को हमारे पास सूचना आयी कि एक 10 वर्षीय बच्ची घर से लापता हो गई है. बच्ची के पिता द्वारा कोतवाली कोटद्वार में तहरीर दी गई, क्योंकि मामला 10 साल की बच्ची का था.
पुलिस ने तत्काल उस पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की. स्वयं मेरे द्वारा सीओ सर्किल ऑफिसर और इंस्पेक्टर की देखरेख में टीम गठित की गई. पूरी घटना को बहुत सीरियस लेते हुए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम को भी इसमें शामिल किया. बच्ची के परिजनों से उसकी फोटोग्राफ लिए, जितने भी बॉर्डर के क्षेत्र में थाने हैं जो नेपाल जाने के रास्ते थे उन जगहों पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा फोटोग्राफ भेज कर सर्च किया.
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साथ ही सीसीटीवी फुटेज को देख और स्थानीय लोगों से बातचीत कर अभियुक्तों के स्केच भी बनवाए और लोकेशन द्वारा मालूम चला कि अभियुक्त बच्ची के नजदीकी रिश्तेदार हैं जिनके द्वारा घटना को अंजाम दिया गया. सारे साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट को इस घटना में प्रयोग किए हैं.
इस बात का दुख है कि लड़की को जीवित और सकुशल बरामद नहीं कर पाए क्योंकि अभियुक्तों ने बच्ची के साथ तत्काल ही दुष्कर्म कर उसे मौत के घाट उतार दिया था, जैसे कि पूछताछ के बाद बात सामने आई है. फिर भी जो हमारे पास समय था उस समय में तत्काल कार्रवाई करते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.
उन्होंने कहा कि अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे. साथ ही कहा कि जिन लोगों के पास भी इस केस से जुड़ी कुछ भी सूचना हो वह पुलिस को आकर बताएं, जिससे कि अभियुक्तों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाई जा सके.