कोटद्वार: डाडामंडी राजबाट द्वारीखाल मार्ग इन दिनों काफी खस्ताहाल है. सड़क पर बने पुस्ते जगह-जगह से टूट गए हैं और मार्ग भी कई जगहों पर बुरी तरह से धस गया है. उखड़ी सड़क के दोनों किनारे झाड़ियां ही झाड़ियां उगी हैं. सड़क पर वाहन चलाना तो दूर यहां पैदल चलना भी काफी खतरनाक है. सड़क की हालत देखकर ऐसा लगता है कि स्थानीय प्रशासन धुमाकोट बस हादसे जैसे किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है.
ग्रामीण ध्यान सिंह रावत ने बताया कि राजबाट मोटर मार्ग पर कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. सड़क पर बने पुस्ते पूरी तरह टूट चुके हैं. हालांकि यह सड़क पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर कर दी गई है, लेकिन इस सड़क का मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है. ध्यान सिंह ने बताया कि सड़क से संबंधित शिकायत विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक से कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
पढ़ें- 'चीतों' की फुर्ती से बची 4 जिंदगियां, पदक के लिये भेजा गया नाम
ग्रामीण गंगू देवी का कहना है कि रोड के हालात इतने खराब हैं कि यहां गाड़ी दौड़ाना खतरे से खाली नहीं है. अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों तक ये समस्या पहुंचा दी गई है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है. उन्होंने बताया कि सड़क के दोनों ओर झाड़ियां उगी हुई हैं, पुस्ते टूटे हुए हैं जिससे हर समय ये डर बना रहता है कि कोई दुर्घटना न हो जाए.
ग्रामीण अर्जुन सिंह का कहना है कि सड़क किनारे बने पुस्ते टूटे होने की वजह से यहां चलने वाली गाड़ियां खाई में गिर जाती हैं. इसके अलावा हल्की बारिश होते ही सड़क और ज्यादा खतरनाक हो जाती है. सड़कों पर पानी भरने से पता ही नहीं चलता की मार्ग में गड्ढ़े हैं, जिसके कारण हादसे होते रहते हैं. ग्रामीण धीरज सिंह रावत ने बताया कि सड़क के इतनी खराब होने के बाद भी एआरटीओ को यहां से यातायात पास होने की मंजूरी नहीं देनी चाहिए. अब तो सड़क पर जीएमओयू की बस को भी चलने की अनुमति दे दी है.
पढ़ें- इस सीमांत क्षेत्र का 'विकास' इन परिवारों के लिये बना 'अभिशाप'
इस मामले पर लोक निर्माण विभाग दुगड्डा खंड के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने कहा कि सड़क का एस्टिमेट बनाकर भेज दिया गया है. धनराशि स्वीकृत होने के बाद ही मार्ग पर कार्य किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विगत वर्ष भी सड़क का एस्टिमेट बनाकर शासन को भेजा गया था, लेकिन धन की कमी होने का कारण अभी तक मार्ग का सुदृढ़ीकरण का कार्य लटका हुआ है.