पौड़ी: कंडोलिया में बने थीम पार्क में काष्ठ कला की झलक भी देखने को मिल रही है. यहां आने वाले लोगों के लिए ये कला आकर्षण का केंद्र बन रही है. पौड़ी के स्थानीय निवासी जसपाल रमोला लंबे समय से अपने शौक के लिए ये काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि जो लकड़ियां किसी भी उपयोग में नहीं आती हैं उन्हें नया स्वरूप देने का काम करते हैं.
जसपाल ने कहा कि जिलाधिकारी पौड़ी की ओर से उन्हें कंडोलिया पार्क में पड़ी बेकार लकड़ियों को नया स्वरूप देने को कहा गया था. उन्होंने इन्हीं लकड़ियों से विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का निर्माण किया है. छोटी-छोटी चेयर और बेंच के रूप में इन लकड़ियों को आकार दिया है. पौड़ी के स्थानीय निवासी जसपाल रमोला ने बताया कि उन्होंने कंडोलिया पार्क में वेस्ट को बेस्ट बनाने का काम किया है. वह विगत कई वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. यह उनका शौक है कि वह वेस्ट लकड़ियों को बेस्ट बनाने का काम करते हैं.
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डीएम पौड़ी धीराज सिंह की ओर से उन्हें यह प्रस्ताव मिला था की पौड़ी कंडोलिया पार्क में जो लकड़ियां वेस्ट हैं उन्हें बेस्ट करने का काम किया जाए. इन सभी लकड़ियों को नया स्वरूप देकर बैठने के लिए चेयर-बेंच और कुछ अन्य आकर्षण की वस्तुएं बनाई हैं.
स्थानीय निवासी पंकज ने बताया कि जसपाल रमोला वेस्ट लकड़ियों को बेस्ट बनाने का काम कर रहे हैं. सरकार को इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए इन्हें आधुनिक उपकरण देने चाहिए. आज भी यह लोग पुराने उपकरणों की मदद से कार्य कर रहे हैं. जिससे काफी वक्त भी लगता है.
यदि प्रदेश सरकार काष्ठ कला के संरक्षण के लिए प्रयास करे तो ऐसे लोगों को नए उपकरण उपलब्ध करवाने चाहिए. ताकि यह लोग इस कला को बचाए रखने में मदद करें साथ ही इछुक युवाओं को भी इस कला को सिखाया जा सकता है. जिससे आने वाली पीढ़ी तक इस काष्ठ कला को पहुंचाया जा सके.