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श्रीनगर पहुंची गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा, 15 मई को खुलेंगे बदरीनाथ के कपाट

बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खोले जाने हैं. पहले कपाट 30 अप्रैल को खुलने थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते कपाट खोलने की तिथि 15 दिन आगे बढ़ा दी गई थी.

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Published : May 6, 2020, 1:41 PM IST

Updated : May 25, 2020, 7:44 PM IST

श्रीनगर: भगवान बदरीनाथ की पूजा में प्रयोग होने वाला पवित्र गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा बुधवार को श्रीनगर पहुंची. कलश यात्रा में कोरोना वायरस से बचने के लिए सभी नियमों को पालन किया गया. यही कारण था कि यात्रा में डिमरी पुजारियों के 4 से 5 लोग ही मौजूद थे.

श्रीनगर पहुंची गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा

लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस के नियमों की वजह से श्रीनगर में कोई भी कलश यात्रा के स्वागत के लिए नहीं पहुंचा. तेल कलश यात्रा के साथ चल रहे डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के सचिव राजेंद्र डिमरी ने बताया कि डोली 6 मई को लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचेगी. यहीं पर 12 मई तक डोली को रखा जाएगा. 12 मई को तेल कलश यात्रा लक्ष्मी नारायण मंदिर में विशिष्ट पूजा-अर्चना के बाद नरसिह मंदिर पहुंचेगी. इसके बाद 13 मई को डोली पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पहुंचेगी. 14 मई को डोली बदरीनाथ धाम पहुंचेगी. 15 मई को गाडू घड़ा तेल कलश को गर्भगृह में रखा जाएगा.

पढ़ें- आयुष्मान भव: राज्य कर्मचारियों को मिली असीमित खर्च की कैशलेस इलाज की सुविधा

बता दें कि भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए मंगलवार को पवित्र गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा की शुरुआत हो गई थी. टिहरी की महारानी और लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के साथ अन्य सुहागिन महिलाओं ने तिलों का तेल निकाला था. राजदरबार में निकाले गए तिलों का यही तेल अगले 6 माह तक भगवान बदरीनाथ के अभिषेक में प्रयोग किया जाता है.

बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खोले जाने हैं. पहले कपाट 30 अप्रैल को खुलने थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते कपाट खोलने की तिथि 15 दिन आगे बढ़ा दी गई थी.

श्रीनगर: भगवान बदरीनाथ की पूजा में प्रयोग होने वाला पवित्र गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा बुधवार को श्रीनगर पहुंची. कलश यात्रा में कोरोना वायरस से बचने के लिए सभी नियमों को पालन किया गया. यही कारण था कि यात्रा में डिमरी पुजारियों के 4 से 5 लोग ही मौजूद थे.

श्रीनगर पहुंची गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा

लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस के नियमों की वजह से श्रीनगर में कोई भी कलश यात्रा के स्वागत के लिए नहीं पहुंचा. तेल कलश यात्रा के साथ चल रहे डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के सचिव राजेंद्र डिमरी ने बताया कि डोली 6 मई को लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचेगी. यहीं पर 12 मई तक डोली को रखा जाएगा. 12 मई को तेल कलश यात्रा लक्ष्मी नारायण मंदिर में विशिष्ट पूजा-अर्चना के बाद नरसिह मंदिर पहुंचेगी. इसके बाद 13 मई को डोली पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पहुंचेगी. 14 मई को डोली बदरीनाथ धाम पहुंचेगी. 15 मई को गाडू घड़ा तेल कलश को गर्भगृह में रखा जाएगा.

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बता दें कि भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए मंगलवार को पवित्र गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा की शुरुआत हो गई थी. टिहरी की महारानी और लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के साथ अन्य सुहागिन महिलाओं ने तिलों का तेल निकाला था. राजदरबार में निकाले गए तिलों का यही तेल अगले 6 माह तक भगवान बदरीनाथ के अभिषेक में प्रयोग किया जाता है.

बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खोले जाने हैं. पहले कपाट 30 अप्रैल को खुलने थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते कपाट खोलने की तिथि 15 दिन आगे बढ़ा दी गई थी.

Last Updated : May 25, 2020, 7:44 PM IST
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