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कोटद्वार से लगे घाड़ क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां में हुआ इजाफा, निष्क्रिय पुलिस

कोटद्वार से लगे घाड़ क्षेत्र में पिछले दो-तीन सालों से आपराधिक गतिविधियों में इजाफा हुआ है. वहीं, पुलिस ने दो साल पहले गिवंई स्रोत चौकी की भी बंद कर दिया है. ऐसे में रामड़ी-पुलिंडा-चरेख मोटरमार्ग पर आए दिन युवक और युवतियां खुलेआम नशा करते दिख जाते हैं, जिससे स्थानीय लोगों का इस मार्ग पर चलना भी दूभर हो गया है.

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Published : Nov 1, 2022, 4:48 PM IST

Updated : Nov 1, 2022, 4:56 PM IST

कोटद्वार: नगर से लगे घाड़ क्षेत्र (Ghad area of kotdwar) में रामड़ी-पुलिंडा-चरेख व अन्य दर्जनों को जोड़ने वाले मार्ग पर लगातार बाहरी लोगों की संदिग्ध गतिविधियों के चलते यहां के स्थानीय लोग दहशत में है. बाहरी लोगों की आवाजाही से इस मार्ग पर आपराधिक वारदातें लगातार बढ़ रही है. बीते दिनों 23 अक्टूबर यानी छोटी दीपावली के दिन अपने गांव जा रहे दंपती से कुछ बाहरी लोगों ने इस मार्ग पर मारपीट और छेड़छाड़ की थी. जिसके बाद पीड़ित दंपती ने इस मामले में कोतवाली थाने में तहरीर भी दी थी. लेकिन अभीतक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

कोटद्वार कोतवाली में दी तहरीर में दंपती ने बताया कि में रामड़ी-पुलिंडा-चरेख मोटरमार्ग ( Ramdi Pulinda Charek motorway) अनैतिक कार्यों करने वालों के लिए सुलभ हो गया है. आए दिन इस मार्ग पर युवक व युवतियां अर्धनग्न अवस्था में शराब और स्मैक के नशे करते नजर आते हैं. जिस वजह से स्थानीय महिलाओं और लोगों का इस मोटरमार्ग पर चलना दूभर हो गया है.

कोटद्वार से लगे घाड़ क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां में हुआ इजाफा.

पढ़ें- केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर की ली जा रही मदद, सामग्री का परिवहन शुरू

स्थानीय बुजुर्ग ने बताया कि रामड़ी-पुलिड़ा-चरेख मार्ग पर गिवंई स्रोत चौकी पिछले दो सालों बंद पड़ी है. जिस वजह से इस मार्ग पर कोटद्वार पुलिस गश्त भी नहीं कर रही है. जिसके चलते इस मार्ग पर अनैतिक कार्य हो रहे हैं. स्थानीय महिला ने बताया कि पिछले 35 वर्षों से वह घाड़ क्षेत्र में मवेशियों को चराने और घास लेने के लिए आ रहे हैं. लेकिन अब यह क्षेत्र महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है.

उनका कहना है कि यह मार्ग वनक्षेत्र से लगा हुआ है. ऐसे में इस मार्ग पर पुलिस औऱ वन विभाग को गश्त करनी चाहिए. वहीं, घाड़ क्षेत्र के एक युवा ने बताया कि हमारे द्वारा कई बार पुलिस को बताया गया क्षेत्र में पूर्व की भांति गिवंई स्रोत चौकी खोली जानी चाहिए. साथ ही इस मार्ग पर पुलिस गश्त बढ़ाई जानी चाहिए. यहां पुलिस चौकी बंद होने से दो सालों से इस मार्ग पुलिस गश्त भी नहीं कर रही है.

पढ़ें- सीएम धामी ने सुशीला तिवारी अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, मंत्रिमंडल विस्तार पर कही ये बात

वहीं, इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी शेखर सुयाल (ASP Shekhar Suyal) का कहना है कि गिवंई स्रोत चौकी को चेक पोस्ट बनाया गया है. एक दो दिनों में घाड़ क्षेत्र में पुलिस गश्त भी बढ़ाई जाएगी. ताकी आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके. बहरहाल, कोटद्वार से लगे घाड़ क्षेत्र में पिछले दो-तीन सालों से आपराधिक गतिविधियों में इजाफा हुआ है. राजस्व क्षेत्र होने से यहां रेगुलर पुलिस भी निष्क्रिय है. ऐसे में यह क्षेत्र आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है.

कोटद्वार: नगर से लगे घाड़ क्षेत्र (Ghad area of kotdwar) में रामड़ी-पुलिंडा-चरेख व अन्य दर्जनों को जोड़ने वाले मार्ग पर लगातार बाहरी लोगों की संदिग्ध गतिविधियों के चलते यहां के स्थानीय लोग दहशत में है. बाहरी लोगों की आवाजाही से इस मार्ग पर आपराधिक वारदातें लगातार बढ़ रही है. बीते दिनों 23 अक्टूबर यानी छोटी दीपावली के दिन अपने गांव जा रहे दंपती से कुछ बाहरी लोगों ने इस मार्ग पर मारपीट और छेड़छाड़ की थी. जिसके बाद पीड़ित दंपती ने इस मामले में कोतवाली थाने में तहरीर भी दी थी. लेकिन अभीतक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

कोटद्वार कोतवाली में दी तहरीर में दंपती ने बताया कि में रामड़ी-पुलिंडा-चरेख मोटरमार्ग ( Ramdi Pulinda Charek motorway) अनैतिक कार्यों करने वालों के लिए सुलभ हो गया है. आए दिन इस मार्ग पर युवक व युवतियां अर्धनग्न अवस्था में शराब और स्मैक के नशे करते नजर आते हैं. जिस वजह से स्थानीय महिलाओं और लोगों का इस मोटरमार्ग पर चलना दूभर हो गया है.

कोटद्वार से लगे घाड़ क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां में हुआ इजाफा.

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स्थानीय बुजुर्ग ने बताया कि रामड़ी-पुलिड़ा-चरेख मार्ग पर गिवंई स्रोत चौकी पिछले दो सालों बंद पड़ी है. जिस वजह से इस मार्ग पर कोटद्वार पुलिस गश्त भी नहीं कर रही है. जिसके चलते इस मार्ग पर अनैतिक कार्य हो रहे हैं. स्थानीय महिला ने बताया कि पिछले 35 वर्षों से वह घाड़ क्षेत्र में मवेशियों को चराने और घास लेने के लिए आ रहे हैं. लेकिन अब यह क्षेत्र महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है.

उनका कहना है कि यह मार्ग वनक्षेत्र से लगा हुआ है. ऐसे में इस मार्ग पर पुलिस औऱ वन विभाग को गश्त करनी चाहिए. वहीं, घाड़ क्षेत्र के एक युवा ने बताया कि हमारे द्वारा कई बार पुलिस को बताया गया क्षेत्र में पूर्व की भांति गिवंई स्रोत चौकी खोली जानी चाहिए. साथ ही इस मार्ग पर पुलिस गश्त बढ़ाई जानी चाहिए. यहां पुलिस चौकी बंद होने से दो सालों से इस मार्ग पुलिस गश्त भी नहीं कर रही है.

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वहीं, इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी शेखर सुयाल (ASP Shekhar Suyal) का कहना है कि गिवंई स्रोत चौकी को चेक पोस्ट बनाया गया है. एक दो दिनों में घाड़ क्षेत्र में पुलिस गश्त भी बढ़ाई जाएगी. ताकी आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके. बहरहाल, कोटद्वार से लगे घाड़ क्षेत्र में पिछले दो-तीन सालों से आपराधिक गतिविधियों में इजाफा हुआ है. राजस्व क्षेत्र होने से यहां रेगुलर पुलिस भी निष्क्रिय है. ऐसे में यह क्षेत्र आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है.

Last Updated : Nov 1, 2022, 4:56 PM IST
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