श्रीनगर: शंकराचार्य परिषद, काली सेना व अंतरराष्ट्रीय युवा परिषद के तत्वाधान में हिंदू पंचायत आयोजित की गई. इस मौके पर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने, गुरुकुल का स्वरूप आदि पर विशेष चर्चा की गई. इस दौरान शांभवी धाम के पीठाधीश्वर और शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाए जाने की मुहिम को लेकर वह संघर्ष करते रहेंगे.
सनातन के लिए आई समस्या-आनंद स्वरूप: स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि पंचायत तभी बैठती है जब कोई संकट और समस्या आई हो. आज सनातन धर्म में जो समस्या आई है वह विशाल है. पूरे देश में सनातन धर्म का डंका बजता था. आनंद स्वरूप ने कहा कि उत्तराखंड को देव भूमि के नाम से जाना जाता है. आज जिस प्रकार यहां जिहादियों का प्रवेश हो रहा है, वह चिंता का विषय है.
हिंदू उपासना स्थलों को नष्ट करने का षडयंत्र: आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि भारत विरोधी देशों के इशारे पर उत्तराखंड में हिंदू धर्म और उनके उपासना स्थलों को नष्ट करने का षडयंत्र रचा जा रहा है. देवभूमि को मांस, मदिरा और जिहादियों से मुक्त करने का साधु-संतों ने अभियान शुरू किया है. उन्होंने कहा कि चारधाम की पावन भूमि को विधर्मियों से मुक्ति दिलाने का भी संकल्प लिया है.
हर बलिदान के लिए तैयार हैं: स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि अभी चुनाव आने वाले हैं. जनता के बीच जाकर मदारी डमरू बजाएंगे, कोई भाई-भतीजा, जात के नाम पर वोट मांगेंगे. लेकिन सबसे ज्यादा मुकदमे उत्तराखंड में दर्ज हुए हैं. जिस तरह गुरु गोविंद सिंह और तेगबहादुर ने सनातन धर्म को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया था, आज उन्हीं के वंशज सनातन धर्म की रक्षा के लिए बलिदान देने के लिए तैयार हैं. आनंद स्वरूप ने कहा कि हिंदुओं के विरुद्ध चलाये जा रहे षडयंत्रों को किसी भी प्रकार से सफल नहीं होने दिया जायेगा.
सशक्त भू कानून बनाए सरकार: आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून बनाना होगा. बाहरी लोगों द्वारा देवभूमि में जमीनें खरीद कर मंदिरों पर कब्जा करने की कोशिशें की गई हैं. हिमालय में कई गलत गतिविधियां हो रही हैं. उन्होंने उत्तराखंड सरकार से तत्काल भू कानून लागू करने को कहा.
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स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि नहीं तो इसके परिणाम बुरे होने वाले हैं. उन्होंने कहा कि हिमालय हमारा देवालय है और देवभूमि के लिए गैर हिन्दू प्रवेश वर्जित राज्य व हिन्दू राष्ट्र का संकल्प लेना ही होगा. इस मौके पर नरेश स्वामी, स्वामी महेश स्वरूप आदि ने अपना सम्बोधन किया. मंच का संचालन जयदीप भट्ट और समर्थ नारी समर्थ भारत की संयोजिका कुसुम चमोली ने किया.