ETV Bharat / state

गेस्ट टीचरों के भरोसे चल रहा HNB विवि का पौड़ी परिसर, छात्र बोले- हो रहा भेदभाव

छात्रों का आरोप है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों में पौड़ी परिसर के साथ हमेशा ही भेदभाव किया जाता है. जिसका खामियाजा यहां के छात्रों को भुगतना पड़ता है.

author img

By

Published : Apr 29, 2019, 12:26 PM IST

HNB विवि का पौड़ी परिसर

पौड़ी: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के पौड़ी परिसर में अधिकतर संकाय अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही चल रहा है. केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के बाद भी यहां पर नियमित शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जा रही है, जिसका असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है. छात्रों का कहना है कि शिक्षक न ही पूरा कोर्स पढ़ा पाते हैं और न ही छात्र समय पर परीक्षाओं की तैयारी कर पाते हैं.

छात्रों ने लगाया भेजभाव का आरोप

पढ़ें- यूं ही नहीं कहते उत्तराखंड को देवभूमि, 14 प्रयागों में से 5 प्रयाग हैं यहां, हर प्रयाग का अपना अलग महत्व

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर में केवल 29 शिक्षक ही नियमित हैं, जिसमें 4 शिक्षक सेवानिवृत्त होने वाले हैं. इसके साथ ही 47 अतिथि शिक्षक हैं. इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के इस परिसर में अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही पठन-पाठन का कार्य चल रहा है.

छात्र बताते हैं कि अतिथि शिक्षकों के बजाय अगर उन्हें नियमित शिक्षक मिलें तो कहीं न कहीं शिक्षा के स्तर में भी अंतर देखने को मिलेगा. छात्रों का आरोप है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों में पौड़ी परिसर के साथ हमेशा ही भेदभाव किया जाता है, चाहे संकाय की बात करें या नियमित शिक्षकों की, हमेशा ही पौड़ी परिसर सबसे पीछे रहा है. जिसका खामियाजा यहां के छात्रों को भुगतना पड़ता है.

पौड़ी: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के पौड़ी परिसर में अधिकतर संकाय अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही चल रहा है. केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के बाद भी यहां पर नियमित शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जा रही है, जिसका असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है. छात्रों का कहना है कि शिक्षक न ही पूरा कोर्स पढ़ा पाते हैं और न ही छात्र समय पर परीक्षाओं की तैयारी कर पाते हैं.

छात्रों ने लगाया भेजभाव का आरोप

पढ़ें- यूं ही नहीं कहते उत्तराखंड को देवभूमि, 14 प्रयागों में से 5 प्रयाग हैं यहां, हर प्रयाग का अपना अलग महत्व

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर में केवल 29 शिक्षक ही नियमित हैं, जिसमें 4 शिक्षक सेवानिवृत्त होने वाले हैं. इसके साथ ही 47 अतिथि शिक्षक हैं. इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के इस परिसर में अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही पठन-पाठन का कार्य चल रहा है.

छात्र बताते हैं कि अतिथि शिक्षकों के बजाय अगर उन्हें नियमित शिक्षक मिलें तो कहीं न कहीं शिक्षा के स्तर में भी अंतर देखने को मिलेगा. छात्रों का आरोप है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों में पौड़ी परिसर के साथ हमेशा ही भेदभाव किया जाता है, चाहे संकाय की बात करें या नियमित शिक्षकों की, हमेशा ही पौड़ी परिसर सबसे पीछे रहा है. जिसका खामियाजा यहां के छात्रों को भुगतना पड़ता है.

Intro:हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के पौड़ी परिसर में अधिकतर संकाय अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के बाद भी विश्वविद्यालय की ओर से यहां पर नियमित शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जा रही है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ना लाजमी है । अतिथि शिक्षकों का समय समय पर तबादला होना छात्रों के लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। छात्रों ने बताया कि अतिथि शिक्षकों के भरोसे लंबे समय से विश्वविद्यालय चल रहा है और समय-समय पर शिक्षकों के तबादलों के बाद एक ही शिक्षक पर अधिक भार पर जाता है। जिस कारण शिक्षक ना ही पूरा कोर्स पढ़ा पाते है और ना ही छात्र समय पर परीक्षाओं की तैयारी कर पाते हैं।


Body:पौड़ी परिसर में लंबे समय से नियमित शिक्षकों की कमी चल रही है जिससे कि अतिथि शिक्षकों के भरोसे पठन-पाठन का कार्य चल रहा है पौड़ी परिसर में केवल 29 नियमित शिक्षक है जिसमें की आने वाले समय में 4 शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं वहीं 47 अतिथि शिक्षक हैं इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के इस परिसर में अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही पठन-पाठन का कार्य चल रहा है वहीं छात्र बताते है कि अतिथि शिक्षकों के बजाय यदि उन्हें नियमित शिक्षक मिले तो कहीं ना कहीं शिक्षा के स्तर में भी अंतर देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों पौड़ी, श्रीनगर और टेहरी में पौड़ी परिसर के साथ हमेशा ही भेदभाव किया जाता है चाहे संकाय की बात करें या नियमित शिक्षकों की हमेशा ही पौड़ी सबसे पीछे रहा है जिसका खामियाजा यहां के छात्रों को भुगतना पड़ता है।


Conclusion:केम्पस पौड़ी के परिसर निदेशक के.सी पुरोहित ने बताया कि वर्तमान में पौड़ी परिसर में 29 नियमित शिक्षक मौजूद है और आने वाले अगस्त माह में 4 शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे
और नए सत्र में उनके पास मात्र 25 नियमित शिक्षक रह जाएंगे। वहीं 47 अतिथि शिक्षकों के मदद से परिसर में पठन-पाठन का कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि कॉमर्स, प्राणी विज्ञान,एमए,बीएड और सांख्यिकी आदि ऐसे विषय है जहां की पढ़ाई अतिथि शिक्षकों कि मदद से चल रही है।

बाईट-आकाश रावत( कॉमर्स का छात्र)
बाईट-दीपक नौटियाल(छात्र)
बाईट-मयूर भट्ट(छात्र)
बाईट-के.सी पुरोहित(परिसर निदेशक)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.