पौड़ी: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के पौड़ी परिसर में अधिकतर संकाय अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही चल रहा है. केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के बाद भी यहां पर नियमित शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जा रही है, जिसका असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है. छात्रों का कहना है कि शिक्षक न ही पूरा कोर्स पढ़ा पाते हैं और न ही छात्र समय पर परीक्षाओं की तैयारी कर पाते हैं.
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर में केवल 29 शिक्षक ही नियमित हैं, जिसमें 4 शिक्षक सेवानिवृत्त होने वाले हैं. इसके साथ ही 47 अतिथि शिक्षक हैं. इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के इस परिसर में अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही पठन-पाठन का कार्य चल रहा है.
छात्र बताते हैं कि अतिथि शिक्षकों के बजाय अगर उन्हें नियमित शिक्षक मिलें तो कहीं न कहीं शिक्षा के स्तर में भी अंतर देखने को मिलेगा. छात्रों का आरोप है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों में पौड़ी परिसर के साथ हमेशा ही भेदभाव किया जाता है, चाहे संकाय की बात करें या नियमित शिक्षकों की, हमेशा ही पौड़ी परिसर सबसे पीछे रहा है. जिसका खामियाजा यहां के छात्रों को भुगतना पड़ता है.