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पौड़ी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 155 आउटसोर्स कर्मियों की सेवा समाप्त, नौकरी जाने पर छायी मायूसी

पौड़ी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 155 आउटसोर्स कर्मियों की नौकरी जाने के बाद मायूस नजर आ रहे हैं. हालांकि, उनका कहना है कि उन्होंने आंदोलन की रणनीति तय कर ली है. उधर, स्वास्थ्य विभाग की गढ़वाल मंडल निदेशक का कहना है कि सेवाओं के विस्तारीकरण के आदेश शासन से ही किए जाएंगे.

Outsourced personnel terminated
आउटसोर्स कर्मियों की सेवा समाप्त
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Published : Mar 31, 2022, 3:52 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 7:00 PM IST

श्रीनगर/पौड़ीः स्वास्थ्य विभाग के तैनात 155 आउटसोर्स कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है. अनुबंध के अनुसार आउटसोर्स कर्मियों को आज तक के लिए ही तैनाती दी गई थी. जिससे इन कर्मचारियों में मायूसी छायी है. कर्मचारियों ने 1 अप्रैल से आमरण अनशन की चेतावनी देते हुए आंदोलन की रणनीति तय कर ली है.

आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि कोरोना काल में उन्हें सरकार ने जरूरत पड़ने पर अस्पतालों में नौकरी पर रखा. कर्मियों ने कोरोना महामारी की परवाह न करते हुए पूरे मन से काम किया और संक्रमित मरीजों की सेवा कीस जिससे प्रदेशभर में कोरोना से होने वाली मौत की संख्या घटी और कोरोना मरीजों को ठीक कर घर भेजा, लेकिन आज सरकार उन्हें नौकरी से निकाल रही है. साथ ही कहा कि उन्हें बीते 3 महीने से वेतन भी नहीं दिया गया है. जिससे उनकी आर्थिकी चरमरा गई है.

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 155 आउटसोर्स कर्मियों की सेवा समाप्त.

ये भी पढ़ेंः श्रीनगर कॉलेज प्रशासन ने आउटसोर्स कर्मियों को दिखाया बाहर का रास्ता, आक्रोश

पौड़ी जिला मुख्यालय के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात आउटसोर्स कर्मियों ने वित्तीय वर्ष के आखरी दिन मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में नारेबाजी कर धरना दिया. उन्होंने सरकार से उनकी सेवाओं को फिर से विस्तार करने की मांग उठाई. आउटसोर्स कर्मियों ने कहा कि कोविड काल में प्रदेश सरकार ने उन्होंने अति आवश्यक सेवा के लिए तैनात किया गया था.

सभी आउटसोर्स कर्मियों को कोरोनाकाल में चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के उद्देश्य से तैनात किया गया था, लेकिन अब उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी आउटसोर्स कर्मियों ने आमरण अनशन की रणनीति बनाई है. सरकार को उन्हें फिर से बहाल करना पड़ेगा.

आउटसोर्स कर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन.

ये भी पढ़ेंः कर्मकार कल्याण बोर्ड में हुए घोटालों की CBI जांच की मांग, लैंसडाउन विधायक ने CM धामी को लिखा पत्र

बता दें कि कोरोना काल में प्रदेश के अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ और कर्मियों की भारी कमी महसूस की गई थी, जिसे देखते हुए काफी संख्या में आउटसोर्स पर अस्पतालों में लोगों को नौकरियों पर रखा गया था. जिनका बॉन्ड आज यानी 31 मार्च को सरकार और अस्पतालों के साथ खत्म होने जा रहा है. वहीं, आउटसोर्स कर्मियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें नौकरी से निकाला जाता है तो पूरे राज्य में आंदोलन का झंडा बुलंद करेंगे.

क्या बोले अधिकारीः वहीं, स्वास्थ्य विभाग की गढ़वाल मंडल निदेशक डॉ. भारती राणा ने बताया कि शासनादेश के अनुसार सभी आउटसोर्स कर्मियों की सेवा अस्थाई और अनुबंध के अनुसार ही तय की गई थी. आउटसोर्स कर्मियों का मांग पत्र शासन को प्रेषित किया जा रहा है. सेवाओं के विस्तारीकरण के आदेश शासन से ही किए जाएंगे.

श्रीनगर/पौड़ीः स्वास्थ्य विभाग के तैनात 155 आउटसोर्स कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है. अनुबंध के अनुसार आउटसोर्स कर्मियों को आज तक के लिए ही तैनाती दी गई थी. जिससे इन कर्मचारियों में मायूसी छायी है. कर्मचारियों ने 1 अप्रैल से आमरण अनशन की चेतावनी देते हुए आंदोलन की रणनीति तय कर ली है.

आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि कोरोना काल में उन्हें सरकार ने जरूरत पड़ने पर अस्पतालों में नौकरी पर रखा. कर्मियों ने कोरोना महामारी की परवाह न करते हुए पूरे मन से काम किया और संक्रमित मरीजों की सेवा कीस जिससे प्रदेशभर में कोरोना से होने वाली मौत की संख्या घटी और कोरोना मरीजों को ठीक कर घर भेजा, लेकिन आज सरकार उन्हें नौकरी से निकाल रही है. साथ ही कहा कि उन्हें बीते 3 महीने से वेतन भी नहीं दिया गया है. जिससे उनकी आर्थिकी चरमरा गई है.

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 155 आउटसोर्स कर्मियों की सेवा समाप्त.

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पौड़ी जिला मुख्यालय के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात आउटसोर्स कर्मियों ने वित्तीय वर्ष के आखरी दिन मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में नारेबाजी कर धरना दिया. उन्होंने सरकार से उनकी सेवाओं को फिर से विस्तार करने की मांग उठाई. आउटसोर्स कर्मियों ने कहा कि कोविड काल में प्रदेश सरकार ने उन्होंने अति आवश्यक सेवा के लिए तैनात किया गया था.

सभी आउटसोर्स कर्मियों को कोरोनाकाल में चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के उद्देश्य से तैनात किया गया था, लेकिन अब उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी आउटसोर्स कर्मियों ने आमरण अनशन की रणनीति बनाई है. सरकार को उन्हें फिर से बहाल करना पड़ेगा.

आउटसोर्स कर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन.

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बता दें कि कोरोना काल में प्रदेश के अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ और कर्मियों की भारी कमी महसूस की गई थी, जिसे देखते हुए काफी संख्या में आउटसोर्स पर अस्पतालों में लोगों को नौकरियों पर रखा गया था. जिनका बॉन्ड आज यानी 31 मार्च को सरकार और अस्पतालों के साथ खत्म होने जा रहा है. वहीं, आउटसोर्स कर्मियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें नौकरी से निकाला जाता है तो पूरे राज्य में आंदोलन का झंडा बुलंद करेंगे.

क्या बोले अधिकारीः वहीं, स्वास्थ्य विभाग की गढ़वाल मंडल निदेशक डॉ. भारती राणा ने बताया कि शासनादेश के अनुसार सभी आउटसोर्स कर्मियों की सेवा अस्थाई और अनुबंध के अनुसार ही तय की गई थी. आउटसोर्स कर्मियों का मांग पत्र शासन को प्रेषित किया जा रहा है. सेवाओं के विस्तारीकरण के आदेश शासन से ही किए जाएंगे.

Last Updated : Mar 31, 2022, 7:00 PM IST
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