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विधानसभा भर्ती और अंकिता भंडारी मर्डर केस में हरीश रावत व गोदियाल ने दी प्रतिक्रिया - Ankita Bhandari

विधानसभा भर्ती घोटाले में 228 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने के मामले पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया है. पौड़ी पहुंचे हरीश रावत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को एक्शन लेना ही था तो उन लोगों पर लिया जाना चाहिए था, जिन्होंने ये नियुक्तियां करवाई थीं. तो वहीं, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि बिना नाम लिए कहा कि सरकार इस प्रकरण में अपने मंत्रियों को बचाने में लगी हुई है.

Former CM Harish Rawat
विधानसभा भर्ती घोटाला
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Published : Sep 23, 2022, 7:02 PM IST

Updated : Sep 23, 2022, 7:22 PM IST

श्रीनगर: पूर्व मुख्य्मंत्री हरीश रावत ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों को निरस्त करने को लेकर बड़ा बयान दिया है. हरीश रावत ने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को एक्शन लेना ही था तो उन लोगों पर लिया जाना चाहिए था, जिन्होंने ये नियुक्तियां करवाई थीं. नियुक्तियों को रद्द करना उनकी मनसा पर सवाल खड़े करता है.

हरीश रावत ने कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष ने नियुक्तियों को निरस्त कर ही दिया था, तो उनको सरकार के पास अनुमोदन के लिए नहीं भेजना चाहिए था, ये उनका विशेष आधिकार था. वे इसको करने में सक्षम थीं. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस मामले में उन अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने ये नियुक्तियां की थीं. अगर इन नियुक्तियों में नियमों का पालन नहीं किया गया हो तो, कार्रवाई सभी पर होनी चाहिए.

हरीश रावत व गोदियाल ने की प्रतिक्रिया

अंकिता भंडारी हत्या कांड: हरीश रावत ने अंकिता भंडारी हत्या कांड (Ankita Bhandari Murder Case) पर कहा कि अंकिता भंडारी की गुमशुदगी पर चार दिनों से कार्रवाई नहीं होने पर साफ पता चलता है कि आरोपियों को लेकर प्रशासन सत्ता की हनक को लेकर डरा हुआ था, तभी स्थानीय प्रसासन ने मामले में चार दिनों से कार्रवाई नहीं की, उन्होंने इस पूरी घटना को उत्तराखड की सबसे बड़ी त्रासदी करार दिया है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह सत्ता की हनक में रिजॉर्ट के नाम पर ये सब होता रहा तो इससे प्रदेश की गरीब जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस करेगी.
पढ़ें- विधानसभा भर्ती घोटाला: 228 नियुक्तियां रद्द करने का प्रस्ताव शासन को भेजा, विधानसभा सचिव तत्काल प्रभाव से निलंबित

UKSSSC पेपर लीक मामला: हरीश रावत ने आने वाली भर्तियों पर बोलते हुए कहा कि महिलाओं को इन भर्तियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए. साथ में सरकार क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था भी युवाओं के लिए करे. उन्होंने कहा कि उन्हें सीबीआई जांच पर भी भरोसा नही है. इसका परिणाम भी पूर्व में देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि UKSSSC मामले की जांच हाई कोर्ट के वरिष्ठ जजों की निगरानी में जांच होती है, तो हाकम सिंह के असली हुक्मरान पकड़ में आ सकते है. वरना मात्र सीबीआई जांच इसका कोई उत्तर नहीं है.
पढ़ें- Ankita Bhandari Murder Case: गुमशुदगी दर्ज कराने वाला रिजॉर्ट मालिक ही निकला हत्यारा, जानिए कब-क्या हुआ?

बिना नाम लिए शहरी विकास मंत्री पर निशाना: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने विधानसभा की रद्द हुई नियुक्तियों को लेकर बिना नाम लिए शहरी विकास मंत्री पर निशाना साधा है. गणेश गोदियाल ने आरोप लगाया कि सरकार इस प्रकरण में अपने मंत्रियों को बचाने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि साल 2016 से विधानसभा में नियुक्तियों के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ने तमाम नियुक्तियां निरस्त करने को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा है.

अपने मंत्रियों को बचाने में लगी सरकार: उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार मंत्रियों को इस मामले में क्यों बचा रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मांग करती आ रही है कि मंत्रियों द्वारा तमाम विभागों में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और यह प्रकरण इसलिए उठा, क्योंकि उस समय विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए, जिन्होंने यह नियुक्तियां की है. वह अब मंत्री हैं. लेकिन सरकार अपने मंत्रियों को बचाने में लगी हुई है.

सीबीआई जांच से क्यों बच रही सरकार: गणेश गोदियाल ने कहा कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है, क्योंकि वह अपनी खाल बचाने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार मान रही है कि नियुक्तियों में धांधली हुई है, तो इसकी और अन्य विभागों की सीबीआई जांच कराने से सरकार क्यों बच रही है?

श्रीनगर: पूर्व मुख्य्मंत्री हरीश रावत ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों को निरस्त करने को लेकर बड़ा बयान दिया है. हरीश रावत ने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को एक्शन लेना ही था तो उन लोगों पर लिया जाना चाहिए था, जिन्होंने ये नियुक्तियां करवाई थीं. नियुक्तियों को रद्द करना उनकी मनसा पर सवाल खड़े करता है.

हरीश रावत ने कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष ने नियुक्तियों को निरस्त कर ही दिया था, तो उनको सरकार के पास अनुमोदन के लिए नहीं भेजना चाहिए था, ये उनका विशेष आधिकार था. वे इसको करने में सक्षम थीं. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस मामले में उन अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने ये नियुक्तियां की थीं. अगर इन नियुक्तियों में नियमों का पालन नहीं किया गया हो तो, कार्रवाई सभी पर होनी चाहिए.

हरीश रावत व गोदियाल ने की प्रतिक्रिया

अंकिता भंडारी हत्या कांड: हरीश रावत ने अंकिता भंडारी हत्या कांड (Ankita Bhandari Murder Case) पर कहा कि अंकिता भंडारी की गुमशुदगी पर चार दिनों से कार्रवाई नहीं होने पर साफ पता चलता है कि आरोपियों को लेकर प्रशासन सत्ता की हनक को लेकर डरा हुआ था, तभी स्थानीय प्रसासन ने मामले में चार दिनों से कार्रवाई नहीं की, उन्होंने इस पूरी घटना को उत्तराखड की सबसे बड़ी त्रासदी करार दिया है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह सत्ता की हनक में रिजॉर्ट के नाम पर ये सब होता रहा तो इससे प्रदेश की गरीब जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस करेगी.
पढ़ें- विधानसभा भर्ती घोटाला: 228 नियुक्तियां रद्द करने का प्रस्ताव शासन को भेजा, विधानसभा सचिव तत्काल प्रभाव से निलंबित

UKSSSC पेपर लीक मामला: हरीश रावत ने आने वाली भर्तियों पर बोलते हुए कहा कि महिलाओं को इन भर्तियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए. साथ में सरकार क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था भी युवाओं के लिए करे. उन्होंने कहा कि उन्हें सीबीआई जांच पर भी भरोसा नही है. इसका परिणाम भी पूर्व में देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि UKSSSC मामले की जांच हाई कोर्ट के वरिष्ठ जजों की निगरानी में जांच होती है, तो हाकम सिंह के असली हुक्मरान पकड़ में आ सकते है. वरना मात्र सीबीआई जांच इसका कोई उत्तर नहीं है.
पढ़ें- Ankita Bhandari Murder Case: गुमशुदगी दर्ज कराने वाला रिजॉर्ट मालिक ही निकला हत्यारा, जानिए कब-क्या हुआ?

बिना नाम लिए शहरी विकास मंत्री पर निशाना: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने विधानसभा की रद्द हुई नियुक्तियों को लेकर बिना नाम लिए शहरी विकास मंत्री पर निशाना साधा है. गणेश गोदियाल ने आरोप लगाया कि सरकार इस प्रकरण में अपने मंत्रियों को बचाने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि साल 2016 से विधानसभा में नियुक्तियों के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ने तमाम नियुक्तियां निरस्त करने को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा है.

अपने मंत्रियों को बचाने में लगी सरकार: उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार मंत्रियों को इस मामले में क्यों बचा रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मांग करती आ रही है कि मंत्रियों द्वारा तमाम विभागों में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और यह प्रकरण इसलिए उठा, क्योंकि उस समय विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए, जिन्होंने यह नियुक्तियां की है. वह अब मंत्री हैं. लेकिन सरकार अपने मंत्रियों को बचाने में लगी हुई है.

सीबीआई जांच से क्यों बच रही सरकार: गणेश गोदियाल ने कहा कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है, क्योंकि वह अपनी खाल बचाने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार मान रही है कि नियुक्तियों में धांधली हुई है, तो इसकी और अन्य विभागों की सीबीआई जांच कराने से सरकार क्यों बच रही है?

Last Updated : Sep 23, 2022, 7:22 PM IST
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