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फिल्म निर्देशक वीरान का छलका दर्द, राज्य सरकार से की फिल्म बोर्ड बनाने की मांग

फिल्म निर्देशक गणेशी वीरान ने उत्तराखंड में फिल्म बोर्ड के गठन की मांग की है. गणेश ने राज्य सरकार से मांग की है कि प्रदेश में जल्द से जल्द फिल्म बोर्ड का गठन किया जाए. जिससे की यहां के फिल्म इंडस्ट्रीज में कार्य करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिल सके.

फिल्म निर्देशक गणेश वीरान.
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Published : Jul 8, 2019, 7:42 PM IST

पौड़ी: फिल्म निर्देशक और गीतकार गणेश वीरान ने उत्तराखंड में फिल्म बोर्ड का गठन न किए जाने पर नाराजगी जताई है. गणेश वीरान का कहना है कि फिल्म बोर्ड का गठन नहीं होने के कारण इसका लाभ यहां के फिल्म निर्देशक और संगीतकारों को नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने जल्द ही अन्य राज्यों की तरह देवभूमि में भी फिल्म बोर्ड का गठन किए जाने की सरकार से मांग की.

फिल्म निर्देशक गणेश वीरान.

गणेश वीरान ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में फिल्म बोर्ड का गठन किया था, लेकिन इसका लाभ उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्रीज को नहीं मिला. जिसके बाद राज्य में भाजपा सरकार आई और फिल्म निर्देशकों को उम्मीद थी कि अब राज्य में फिल्म बोर्ड का गठन हो जाएगा. लेकिन अभी तक उन्हें मायूसी ही हाथ लगी है.

पढ़ें: उत्तराखंडः मोदी सरकार का एक और झटका, 17 लाख परिवारों के खर्चे से पीछे खींचे हाथ

गणेश वीरान ने कहा कि उत्तराखंड में अच्छे कलाकार हैं. फिल्मांकन की भी काफी संभावनाएं हैं, लेकिन निर्देशकों को ठीक ढंग से थिएटर भी मुहैया नहीं हो पा रहा है. साथ ही कहा कि फिल्म बोर्ड का गठन न होने के कारण यहां के निर्देशकों को सब्सिडी भी नहीं मिल पा रही है.

गणेश ने कहा कि सरकार ने फिल्म नीति तो बनाई हुई है, लेकिन फिल्म बोर्ड का गठन न किया जाना समझ से बाहर है. राज्य के फिल्म निर्देशकों, संगीतकारों की जन भावनाओं को देखते हुए जल्द फिल्म बोर्ड के गठन होना चाहिए. जिससे यहां के फिल्म इंडस्ट्रीज में काम करने वाले लोगों को काफी प्रोत्साहन मिलेगा.

पौड़ी: फिल्म निर्देशक और गीतकार गणेश वीरान ने उत्तराखंड में फिल्म बोर्ड का गठन न किए जाने पर नाराजगी जताई है. गणेश वीरान का कहना है कि फिल्म बोर्ड का गठन नहीं होने के कारण इसका लाभ यहां के फिल्म निर्देशक और संगीतकारों को नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने जल्द ही अन्य राज्यों की तरह देवभूमि में भी फिल्म बोर्ड का गठन किए जाने की सरकार से मांग की.

फिल्म निर्देशक गणेश वीरान.

गणेश वीरान ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में फिल्म बोर्ड का गठन किया था, लेकिन इसका लाभ उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्रीज को नहीं मिला. जिसके बाद राज्य में भाजपा सरकार आई और फिल्म निर्देशकों को उम्मीद थी कि अब राज्य में फिल्म बोर्ड का गठन हो जाएगा. लेकिन अभी तक उन्हें मायूसी ही हाथ लगी है.

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गणेश वीरान ने कहा कि उत्तराखंड में अच्छे कलाकार हैं. फिल्मांकन की भी काफी संभावनाएं हैं, लेकिन निर्देशकों को ठीक ढंग से थिएटर भी मुहैया नहीं हो पा रहा है. साथ ही कहा कि फिल्म बोर्ड का गठन न होने के कारण यहां के निर्देशकों को सब्सिडी भी नहीं मिल पा रही है.

गणेश ने कहा कि सरकार ने फिल्म नीति तो बनाई हुई है, लेकिन फिल्म बोर्ड का गठन न किया जाना समझ से बाहर है. राज्य के फिल्म निर्देशकों, संगीतकारों की जन भावनाओं को देखते हुए जल्द फिल्म बोर्ड के गठन होना चाहिए. जिससे यहां के फिल्म इंडस्ट्रीज में काम करने वाले लोगों को काफी प्रोत्साहन मिलेगा.

Intro:फिल्म निर्देशक, लेखक व गीतकार गणेशी वीरान ने उत्तराखंड में फिल्म बोर्ड के गठन की मांग की है गणेश ने बताया कि पूर्व की सरकार में उत्तराखंड फिल्म बोर्ड का गठन किया गया था और नई सरकार के आते ही उसे बंद कर दिया गया। फ़िल्म बोर्ड बंद करने के बाद इस फिल्म नीति में बेहतर बदलाव लाने के बजाय इस पर ताला लगा दिया गया। जिससे कि उत्तराखंड फिल्म जगत से जुड़े सभी लोग अपनी परेशानियों और अपनी मांगों को लेकर कहां तक जाएंगे उन्होंने मांग की है कि सरकार अपने उत्तराखंड के लिए फिल्म बोर्ड निर्माण करें और इनके बनने पर सरकार सब्सिडी भी मुहैया करवाये।


Body:गणेश विरान जो कि एक फिल्म निर्माता लेखक गीतकार व संगीतकार के रूप में प्रसिद्ध है। गणेश पिछले 30 सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं इन्होंने गढ़वाली नेपाली आदि फिल्म सूट की है उन्होंने अभी तक 10 फिल्में बना दी हैं गणेश ने अभी तक सर्वाधिक 75 ऑडियो कैसेट रेकॉर्ड है जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। गणेश बताते हैं कि उत्तराखंड फिल्म जगत से जुड़े लोगों के संरक्षण के लिए बोर्ड बनना जरूरी है।


Conclusion:गणेश विरान ने बताया कि फिल्म जगत से जुड़े सभी लोगों को संरक्षण की आवश्यकता है उत्तराखंड फिल्म बोर्ड के निर्माण के बाद इससे जुड़े लोगों की समस्याओं और उनकी जरूरतों का समाधान आसानी से हो सकेगा। बताया कि उत्तराखंड की फिल्म इंडस्ट्री लावारिस की तरह चल रही है इसकी देखरेख करने वाला कोई भी नहीं है। पिछली सरकार में उत्तराखंड फिल्म बोर्ड का गठन किया था और वर्तमान सरकार ने आकर इसे भंग करके इसे पूरी तरह बंद कर दिया है उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार बॉलीवुड फिल्मों को सब्सिडी प्रदान कर रही है और यहां पर रहने के लिए भी अन्य सुविधा मुहैया करवा रही है लेकिन दूसरी ओर उत्तराखंड की फिल्म को बनने पर ना ही उन्हें कोई सब्सिडी दी जा रही है और फिल्म को लगाने के लिए उन्हें सिनेमा हॉल में भटकना पड़ता है।
बाईट-गणेश वीरान(फ़िल्म निर्देशक)
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