श्रीनगर: तीन साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में श्रीनगर से लापता हुई ममता बहुगुणा प्रकरण गहरा गया है. इस केस में पुलिस की अंतिम रिपोर्ट भी कोर्ट में नामंजूर हो चुकी है. वहीं, इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीनगर ने पुलिस को दोबारा जांच के आदेश दिए हैं. ममता के पिता राजाराम जोशी और भाई प्रदीप जोशी ने पूर्व विधायक गणेश गोदियाल के सम्मुख फिर दोहराया कि बेटे की चाह में ममता का दो बार जबरन कन्या भ्रूण हत्या करवाई गई.
उन्होंने ममता के ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि बेटे की चाह में ममता को उसके ससुराल वालों द्वारा घरेलू हिंसा का शिकार बनाया गया. उन्होंने स्थानीय पुलिस पर भी आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने आरोपियों को बचाया है. गोदियाल ने स्थानीय राजनीति के कारण और अपने कार्यकर्ता को बचाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाए जाने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया हैं.
उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री, राज्यपाल के पास जाएंगे और इस केस की सीबीआई जांच की मांग करेंगे. उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेसी वीरेंद्र सिंह नेगी, क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रताप भंडारी, नीटू मिश्रा, सुधांशु नौडियाल, शालिनी चंदोला, दीपक कंडारी आदि मौजूद थे.
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ममता जोशी बहुगुणा कब हुई थी लापताः दरअसल, 25 नवंबर 2019 को कीर्ति नगर के चौरास निवासी राजाराम जोशी की विवाहिता बेटी ममता श्रीनगर के नर्सरी रोड मोहल्ला स्थित अपने घर से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी. अगले दिन उसके बड़े भाई दीपक जोशी ने ममता की गुमशुदगी श्रीनगर कोतवाली में दर्ज कराई. ममता का फोन घर पर ही था, जबकि उसका चप्पल नैथाणा झूला पुल से बरामद हुआ था. उसके नदी में छलांग मारने की आशंका को देखते हुए पुलिस, एसडीआरएफ और जल पुलिस ने अलकनंदा नदी में सर्च अभियान चलाया था, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला.