नैनीताल/श्रीनगरः इन दिनों उत्तराखंड के जंगलों में भयानक आग लगी हुई है. जिसमें लाखों की बहुमूल्य वन संपदा जलकर राख हो रही है. नैनीताल जिले में भी जंगल धू-धू कर जल रहे हैं. हनुमानगढ़ क्षेत्र में लगी आग से 4 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जलकर राख हो गया है. अभी भी जंगल में आग लाग लगी हुई है. जिसे बुझाने के लिए 12 से ज्यादा वनरक्षक जुटे हुए हैं. इधर, श्रीनगर के जंगलों में आग से चारों ओर धुंध छाई हुई है.
नैनीताल के हनुमानगढ़ क्षेत्र में लगी आग (Nainital Forest Fire) को काबू करने में काफी दिक्कतें हो रही है. तेज हवाओं के चलते आग की लपटें और तेज हो रही हैं. जिससे आग तेजी से फैल रही है. आग पर काबू पाने के लिए अब तक 3 बार दमकल कर्मी नैनीताल से पानी लाकर जंगलों में डाल चुके हैं. इसके बावजूद भी आग पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है.
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डीएफओ टीआर बीजू लाल ने बताया कि नैनीताल के हनुमानगढ़ मनोरा रेंज समेत आसपास के जंगलों में आग लगी है. जिस पर नियंत्रण पाने के लिए वन कर्मी और दमकल कर्मी जुटे हुए हैं. इसके अलावा मनोरा, पाइन, मंगोली समेत अन्य जंगलों में जंगल जल रहे हैं. जिसको बुझाने के वन विभाग के कर्मी लगे हुए हैं.
मल्लाकोट गांव में जंगल की आग बेकाबू: वहीं, बेतालघाट मल्लकोट गांव क्षेत्र के जंगल लगी आग घर तक जा पहुंची. जिसमें दीवान सिंह का घर पूरी तरह जलकर खाक हो गया है. घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पट्टी पटवारी निधि चौधरी व विजय नेगी ने मौके पर पहुंच कर घटनास्थल का निरीक्षण किया और नैनीताल दमकल विभाग को इसकी सूचना दी. जिसके बाद करीब 3 घंटे बाद अग्निशमन दल पहुंचा, लेकिन तब तक घर जलकर राख हो गया था.
श्रीनगर में धू-धू कर जल रहे जंगलः पौड़ी जिले के श्रीनगर और टिहरी जिले के कीर्तिनगर में जंगल आग से धधक रहे हैं. यहां गोरख्यासैंण, श्रीकोट, चमढांग और खलू-चमराड़ा में आग लगी हुई है. कीर्तिनगर रेंज में आग सिविल क्षेत्र से रिजर्व फॉरेस्ट में पहुंच गई है. वर्तमान में वनाग्नि की सबसे विकराल स्थिति श्रीनगर रेंज के श्रीकोट गंगनाली व सरणा में बनी हुई है. यहां बीती रातभर जंगल जलते रहे. आग से कई वर्ग किमी क्षेत्र में वन संपदा जलकर राख हो गई है.
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मंगवार सुबह भी आग लगने का सिलसिला जारी रहा. जंगल से निकल रही आग की लपटों और धुएं से उमस बढ़ गई है. राख उड़कर लोगों के घरों तक पहुंच रही हैं. वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि श्रीकोट में भी सोमवार रात तक आग लगी रही. जिसे कुछ हद तक बुझा लिया गया है, लेकिन लोग दोबारा आग लगा देते हैं. ऐसे लोगों की निशानदेही की जा रही है. ग्रामीणों की भी मदद ली जा रही है. ऐसे अराजक तत्वों की धरपकड़ कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सीसीएफ तेजस्विनी पाटिल का अल्मोड़ा दौरा: वहीं, वनाग्नि के बीच मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) कुमाऊं तेजस्विनी पाटिल अल्मोड़ा का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जंगलों में आग की घटनाओं की रोकथाम के लिए वन विभाग युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है.
मई पहले सप्ताह के बाद चीड़ के जंगलों में पिरूल भारी मात्रा में गिरना शुरू हो जाता है. जिससे आग की घटनाएं बढ़ने लग जाती है. इससे निपटने के लिए अलग से फंड की व्यवस्था कर ली गयी है. इस फंड से आग बुझाने के लिए फायर वॉचरों की संख्या बढ़ाई जाएगी. ताकि आग की घटनाओं पर कंट्रोल किया जा सके.
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