श्रीनगर: कोरोना के खिलाफ जंग में लॉकडाउन के दौरान आम आदमी मुसीबतों से घिरा हुआ है. 52 दिनों के लॉकडाउन में भूख और तंगहाली से परेशान मजदूरों का सब्र अब जवाब देने लगा और वे साइकिल से ही अपने घर की ओर लौटने लगे. ऐसे में एक मजदूर हरियाणा के रेवाड़ी से साइकिल पर 500 किलोमीटर से ज्यादा लंबा सफर तय करके उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल पहुंचा. मजदूर ने बताया कि वह 10 मई को रेवाड़ी से साइकिल पर चला था और 13 मई को श्रीनगर पहुंचा. मजदूर को चमोली जिले के कर्णप्रयाग जाना था, लेकिन श्रीनगर में ही पुलिस ने उसे रोक लिया.
कर्णप्रयाग निवासी वीरेंद्र सिंह पिछले सात साल से रेवाड़ी जिले में एक स्कूल में काम करता था. कोरोना महामारी ने उसका भी रोजगार छीन लिया है. ऐसी हालत में वह कमरे का किराया नहीं दे पाया. वीरेंद्र के लिए दाल-रोटी का इंतजाम करना भी मुश्किल होने लगा था. उसके पास जो पैसा बचा वो धीरे-धीरे खत्म हो रहा था.
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वीरेंद्र के मुताबिक उसने रेवाड़ी में अपने साथियों के साथ 3,000 हजार रुपए में गुड़गांव से गाड़ी बुक करके वापस आने की कोशिश की थी, लेकिन पास नहीं बन पाया. आखिर में थक हारकर वीरेंद्र ने साइकिल से ही गांव जाने का फैसला किया और 10 मई को रेवाड़ी से उत्तराखंड के लिए निकल लिया.
वीरेंद्र ने बताया कि उसने दो दिन तक लगातार साइकिल चलाई है, जिसके बाद वो ऋषिकेश पहुंचा. ऋषिकेश में एक रात रुका और अगले दिन श्रीनगर के लिए निकला. श्रीनगर में पुलिस ने उसे चेकिंग के दौरान रोक लिया है.
कोतवाल नरेद्र बिष्ट ने बताया कि युवक की मेडिकल जांच की जा चुकी है. अब युवक को कर्णप्रयाग भेजा जा रहा है, जहां प्रशासन उसे क्वारंटाइन करेगा.