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पौड़ी में गहराया जल संकट, बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग - पौड़ी न्यूज

पौड़ी जिले में जल संकट की समस्या विकराल होती जा रही है. लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. लोगों का कहना है कि उन्हें दो से तीन दिन छोड़कर पानी मिलता है.

जल संकट
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Published : Jun 21, 2019, 4:34 PM IST

पौड़ीः गर्मी का मौसम आते ही जनपद में पेयजल किल्लत शुरू हो जाती है. विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद नगर की जनता को पर्याप्त पानी मुहैय्या नहीं हो पाता. ऐसे में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. पौड़ी में गर्मी की शुरुआत से पेयजल किल्लत शुरू हो गई थी. जिसके चलते जनता को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है.

आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई पानी की पाइप लाइनों को पेयजल विभाग ने बजट कमी के चलते अस्थायी रुप से दुरुस्त तो कर लिया लेकिन, समय-समय पर ये पेयजल लाइन खराब हो जाती है. ऐसे में लीकेज के चलते लोगों को पानी नहीं मिल पाता है.

वहीं, पौड़ी शहर में नानघाट पेयजल योजना का पानी कभी बिजली तो कभी पंप खराब होने के कारण अक्सर पौड़ी तक नहीं पहुंचा पाता है. इससे शहर की जनता के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों भी पेयजल किल्लत से दो-चार होना पड़ता है.

पौड़ी में जल संकट गंभीर होता जा रहा है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक, गर्मियों का मौसम आते ही नगर में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. पौड़ी के लिए श्रीनगर के साथ नानघाट योजना से भी पानी दिया जा रहा है. श्रीनगर से भी पानी पर्याप्त पानी नहीं मिलता. वहीं, नानघाट पेयजल योजना से पानी न मिलने के कारण शहर में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है.

वहीं, धीरे-धीरे समाप्त हो रहे प्राकृतिक जल स्रोतों के कारण भी ये समस्या बढ़ती जा रही है. लोगों का कहना है कि उन्हें दो से तीन दिन छोड़कर पानी मिलता है.

यह भी पढ़ेंः मेजर पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, जांच में जुटी पुलिस

जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र गुप्ता ने बताया कि गढ़वाल डिवीजन में कुल 560 योजनाएं हैं. जिनमें से साल 2018- 19 में आयी आपदा के दौरान 112 योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं थीं. जिसको विभाग की ओर से अस्थाई रूप से ठीक कर लिया गया था.

उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के माध्यम से 8 योजनाओं के लिए पैसा मिलने के बाद कुछ कार्य पूरे हो चुके हैं और कुछ प्रगति पर हैं. वहीं, अन्य योजनाओं के लिए भी शासन से मांग की गई है. जैसे ही विभाग को इन योजनाओं के लिए बजट प्राप्त होगा. तो इन योजनाओं पर कार्य शुरू किया जाएगा.

पौड़ीः गर्मी का मौसम आते ही जनपद में पेयजल किल्लत शुरू हो जाती है. विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद नगर की जनता को पर्याप्त पानी मुहैय्या नहीं हो पाता. ऐसे में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. पौड़ी में गर्मी की शुरुआत से पेयजल किल्लत शुरू हो गई थी. जिसके चलते जनता को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है.

आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई पानी की पाइप लाइनों को पेयजल विभाग ने बजट कमी के चलते अस्थायी रुप से दुरुस्त तो कर लिया लेकिन, समय-समय पर ये पेयजल लाइन खराब हो जाती है. ऐसे में लीकेज के चलते लोगों को पानी नहीं मिल पाता है.

वहीं, पौड़ी शहर में नानघाट पेयजल योजना का पानी कभी बिजली तो कभी पंप खराब होने के कारण अक्सर पौड़ी तक नहीं पहुंचा पाता है. इससे शहर की जनता के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों भी पेयजल किल्लत से दो-चार होना पड़ता है.

पौड़ी में जल संकट गंभीर होता जा रहा है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक, गर्मियों का मौसम आते ही नगर में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. पौड़ी के लिए श्रीनगर के साथ नानघाट योजना से भी पानी दिया जा रहा है. श्रीनगर से भी पानी पर्याप्त पानी नहीं मिलता. वहीं, नानघाट पेयजल योजना से पानी न मिलने के कारण शहर में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है.

वहीं, धीरे-धीरे समाप्त हो रहे प्राकृतिक जल स्रोतों के कारण भी ये समस्या बढ़ती जा रही है. लोगों का कहना है कि उन्हें दो से तीन दिन छोड़कर पानी मिलता है.

यह भी पढ़ेंः मेजर पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, जांच में जुटी पुलिस

जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र गुप्ता ने बताया कि गढ़वाल डिवीजन में कुल 560 योजनाएं हैं. जिनमें से साल 2018- 19 में आयी आपदा के दौरान 112 योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं थीं. जिसको विभाग की ओर से अस्थाई रूप से ठीक कर लिया गया था.

उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के माध्यम से 8 योजनाओं के लिए पैसा मिलने के बाद कुछ कार्य पूरे हो चुके हैं और कुछ प्रगति पर हैं. वहीं, अन्य योजनाओं के लिए भी शासन से मांग की गई है. जैसे ही विभाग को इन योजनाओं के लिए बजट प्राप्त होगा. तो इन योजनाओं पर कार्य शुरू किया जाएगा.

Intro:summary- गर्मी का मौसम आते ही जनपद में पेयजल किल्लत शुरू हो जाती है वहीं विभाग की ओर से लगातार प्रयासों के बाद भी पौड़ी की जनता को पर्याप्त पानी मुहैया नहीं हो पाता है.

जनपद पौड़ी में अलग-अलग समस्याओं के चलते जनता को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ता है। आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए पाइप लाइनों को विभाग की ओर से बजट न होने के चलते अस्थाई रूप से ठीक तो कर लिया गया है लेकिन समय-समय पर पाइपलाइन खराब हो जाती है और जगह जगह लीकेज होने के कारण जनता तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। पौड़ी शहर में नानघाट पेयजल योजना कभी बिजली तो कभी पंप खराब होने के कारण अक्सर पौड़ी तक पानी नहीं पहुंचा पाती है इसे पौड़ी शहर में जनता के साथ साथ बाहर से आने वाले पर्यटक भी पानी को लेकर काफी परेशान देखते हैं।


Body:पौड़ी के स्थानीय लोगों ने बताया कि गर्मीयों का मौसम आते ही पौड़ी में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। पौड़ी के लिए श्रीनगर के साथ नानघाट योजना से भी पानी दिया जा रहा है। श्रीनगर से भी पानी पर्याप्त पानी नही मिलता। वही दूसरी ओर नानघाट योजना से पानी न मिलने के कारण शहर में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है धीमे धीमे समाप्त हो रहे प्राकृतिक जल स्रोतों के कारण भी यह समस्या बढ़ती जा रही है जनता ने बताया कि पौड़ी में 2 या 3 दिन छोड़कर पानी मिलता है जिससे कि स्थानीय लोगों के साथ साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी काफी परेशानी होती है।
बाईट-संजय(जनता)



Conclusion:जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र गुप्ता ने बताया कि
गढ़वाल डिवीजन में कुल 560 योजनाएं है जिनमें से साल 2018- 19 में आयी आपदा के दौरान 112 योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई थी जिनको विभाग की ओर से अस्थाई रूप से सही कर लिया गया था। जिलाधिकारी के माध्यम से 8 योजनाओं के लिए पैसा मिलने के बाद कुछ कार्य पूरे हो चुके हैं और कुछ प्रगति पर है। वहीं अन्य योजनाओं के लिए भी शासन से मांग की गई है। जैसे ही विभाग को इन योजनाओं के लिए बजट प्राप्त होगा तो तुरंत ही इन योजनाओं को सही करने के लिए कार्य शुरू कर लिया जाएगा।
बाईट-सतेंद्र गुप्ता( अधिशाषी अभियंता जल संस्थान)
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