पौड़ीः गर्मी का मौसम आते ही जनपद में पेयजल किल्लत शुरू हो जाती है. विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद नगर की जनता को पर्याप्त पानी मुहैय्या नहीं हो पाता. ऐसे में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. पौड़ी में गर्मी की शुरुआत से पेयजल किल्लत शुरू हो गई थी. जिसके चलते जनता को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है.
आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई पानी की पाइप लाइनों को पेयजल विभाग ने बजट कमी के चलते अस्थायी रुप से दुरुस्त तो कर लिया लेकिन, समय-समय पर ये पेयजल लाइन खराब हो जाती है. ऐसे में लीकेज के चलते लोगों को पानी नहीं मिल पाता है.
वहीं, पौड़ी शहर में नानघाट पेयजल योजना का पानी कभी बिजली तो कभी पंप खराब होने के कारण अक्सर पौड़ी तक नहीं पहुंचा पाता है. इससे शहर की जनता के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों भी पेयजल किल्लत से दो-चार होना पड़ता है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक, गर्मियों का मौसम आते ही नगर में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. पौड़ी के लिए श्रीनगर के साथ नानघाट योजना से भी पानी दिया जा रहा है. श्रीनगर से भी पानी पर्याप्त पानी नहीं मिलता. वहीं, नानघाट पेयजल योजना से पानी न मिलने के कारण शहर में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है.
वहीं, धीरे-धीरे समाप्त हो रहे प्राकृतिक जल स्रोतों के कारण भी ये समस्या बढ़ती जा रही है. लोगों का कहना है कि उन्हें दो से तीन दिन छोड़कर पानी मिलता है.
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जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र गुप्ता ने बताया कि गढ़वाल डिवीजन में कुल 560 योजनाएं हैं. जिनमें से साल 2018- 19 में आयी आपदा के दौरान 112 योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं थीं. जिसको विभाग की ओर से अस्थाई रूप से ठीक कर लिया गया था.
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के माध्यम से 8 योजनाओं के लिए पैसा मिलने के बाद कुछ कार्य पूरे हो चुके हैं और कुछ प्रगति पर हैं. वहीं, अन्य योजनाओं के लिए भी शासन से मांग की गई है. जैसे ही विभाग को इन योजनाओं के लिए बजट प्राप्त होगा. तो इन योजनाओं पर कार्य शुरू किया जाएगा.